Home रायगढ़ चुनाव में हार जीत एक प्रकिया है,मतभेद भूलाकर करें काम-रतन शर्मा

चुनाव में हार जीत एक प्रकिया है,मतभेद भूलाकर करें काम-रतन शर्मा

by P. R. Rajak Chief Editor
0 comment

*चुनाव में हार जीत एक प्रकिया है,मतभेद भूलाकर करें काम-रतन शर्मा*

*जनमानस की सेवा का हो लक्ष्य तो मिलेगी सराहना*

बरमकेला।चेम्बर ऑफ़ कामर्स के अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध समाजसेवी रतन लाल शर्मा ने एक महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किया है, जिसमें उन्होंने लोकतंत्र में चुनाव और जीत-हार की प्रक्रिया को समझाया है। उनका मानना है कि चुनाव में जीतना या हारना एक सामान्य प्रक्रिया है, जैसे कि कोई खेल में जीतता है या हारता है। लेकिन इसमें सद्भावना और आपसी प्रेम बना रहना चाहिए। कोई भी राग-द्वेष नहीं रखना चाहिए।

रतन लाल शर्मा ने कहा कि चुनाव में जीतने वाला व्यक्ति जनता की सेवा करेगा, जबकि हारने वाला व्यक्ति भी जनसेवा कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति हारकर भी जनसेवा करता है, तो उसकी अधिक सराहना होगी।

उनका यह विचार बहुत ही प्रेरणादायक है और लोकतंत्र में चुनाव की प्रक्रिया को समझने में मदद करता है। रतन लाल शर्मा ने यह भी कहा कि किसी को भी निराश या हताश नहीं होना चाहिए, बल्कि जनसेवा के क्षेत्र में सतत कार्य करते हुए अपने जनाधार और लोकप्रियता को बढ़ाना चाहिए। यह विचार न केवल चुनाव में हारने वालों के लिए, बल्कि सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं।जनमानस की सेवा का हो लक्ष्य तो मिलेगी सराहना

बरमकेला।चेम्बर ऑफ़ कामर्स के अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध समाजसेवी रतन लाल शर्मा ने एक महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किया है, जिसमें उन्होंने लोकतंत्र में चुनाव और जीत-हार की प्रक्रिया को समझाया है। उनका मानना है कि चुनाव में जीतना या हारना एक सामान्य प्रक्रिया है, जैसे कि कोई खेल में जीतता है या हारता है। लेकिन इसमें सद्भावना और आपसी प्रेम बना रहना चाहिए। कोई भी राग-द्वेष नहीं रखना चाहिए।

रतन लाल शर्मा ने कहा कि चुनाव में जीतने वाला व्यक्ति जनता की सेवा करेगा, जबकि हारने वाला व्यक्ति भी जनसेवा कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति हारकर भी जनसेवा करता है, तो उसकी अधिक सराहना होगी।

उनका यह विचार बहुत ही प्रेरणादायक है और लोकतंत्र में चुनाव की प्रक्रिया को समझने में मदद करता है। रतन लाल शर्मा ने यह भी कहा कि किसी को भी निराश या हताश नहीं होना चाहिए, बल्कि जनसेवा के क्षेत्र में सतत कार्य करते हुए अपने जनाधार और लोकप्रियता को बढ़ाना चाहिए। यह विचार न केवल चुनाव में हारने वालों के लिए, बल्कि सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं।

Related Articles

Leave a Comment