Home रायगढ़ वनों को आग लगने से बचाने चलाया जा रहा डीएफओ के नेतृत्व में चलाया जा रहा वृहत जन जागरूकता अभियान,टाल फ्री नं जारी

वनों को आग लगने से बचाने चलाया जा रहा डीएफओ के नेतृत्व में चलाया जा रहा वृहत जन जागरूकता अभियान,टाल फ्री नं जारी

by P. R. Rajak Chief Editor
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वनों को आग लगने से बचाने चलाया जा रहा वृहत जन जागरूकता अभियान

वनों को आग लगने से बचाने चलाया जा रहा वृहत जन जागरूकता अभियान
सारंगढ जिले का एकमात्र वन्य अभ्यारण्य गोमर्डा अभ्यारण्य जिले में ही नहीं वरन पूरे भारतवर्ष में अपनी तरह का एकमात्र वन्य अभ्यारण्य है तथा मौसम में परिवर्तन के साथ ही गर्मी के मौसम में जंगल में आग लगने की घटनाएं घटित होती हैं जिससे दावानल और वनोपज संग्रहण के लिए लगाये जाने वाले आग की सूचना देने डीएफओ पुष्पलता टण्डन ने टोल फ्री 18002337000 नंबर जारी किया गया है, ताकि फायर वाचर्स और वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंच आग पर काबू पा सके। वन विभाग की ओर से गांवों में जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के माध्यम से लोगों को आग की लपट से होने वाली नुकसान की जानकारी दी जा रही है। जिले के गोमर्डा अभ्यारण्य घने जंगल से घिरा हुआ है। वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए वनोपज संग्रहण जीविकोपार्जन का प्रमुख साधन है। ग्रामीण महुआ, चार, तेंदू का संग्रहण कर न सिर्फ जीविकापार्जन करते है, बल्कि वनोपज से होने वाले आमदनी का उपयोग शादी विवाह सहित घरेलू उपयोग के लिए सामान की खरीददारी भी करते है। मकर सक्रांति के बाद एक बार फिर मौसम ने करवट बदलना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही ग्रामीण आंचल में वनोपज संग्रहण की तैयारी भी शुरू हो गई है। आगामी कुछ दिनों में ग्रामीण सुबह होते ही जंगल की ओर कूच करेगें, उनके द्वारा पूरे दिन महुआ, चार व तेंदू सहित अन्य वनोपज का संग्रहण किया जावेगा। ग्रामीण वनोपज संग्रहण के लिए पेड़ो के नीचे आग लगा देते है। यह आग देखते ही देखते पूरे जंगल को चपेट में ले लेता है। इसी तरह दावानल के कारण जंगल के भीतर आग लगने की घटनाएं होती है। जंगल के भीतर आग लगने से न सिर्फ औषधीय, ईमारती पेड़ पौधे जलकर खाक हो जाते है। वन्यप्राणियों का जीवन भी  संकट में पड़ जाता है। जिससे वन्य प्राणियों व वनों को बचाने के लिए वनमण्डलाधिकारी के नेतृत्व में वृहत स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ।
सारंगढ जिले का एकमात्र वन्य अभ्यारण्य गोमर्डा अभ्यारण्य जिले में ही नहीं वरन पूरे भारतवर्ष में अपनी तरह का एकमात्र वन्य अभ्यारण्य है तथा मौसम में परिवर्तन के साथ ही गर्मी के मौसम में जंगल में आग लगने की घटनाएं घटित होती हैं जिससे दावानल और वनोपज संग्रहण के लिए लगाये जाने वाले आग की सूचना देने डीएफओ पुष्पलता टण्डन ने टोल फ्री 18002337000 नंबर जारी किया गया है, ताकि फायर वाचर्स और वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंच आग पर काबू पा सके। वन विभाग की ओर से गांवों में जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के माध्यम से लोगों को आग की लपट से होने वाली नुकसान की जानकारी दी जा रही है। जिले के गोमर्डा अभ्यारण्य घने जंगल से घिरा हुआ है। वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए वनोपज संग्रहण जीविकोपार्जन का प्रमुख साधन है। ग्रामीण महुआ, चार, तेंदू का संग्रहण कर न सिर्फ जीविकापार्जन करते है, बल्कि वनोपज से होने वाले आमदनी का उपयोग शादी विवाह सहित घरेलू उपयोग के लिए सामान की खरीददारी भी करते है। मकर सक्रांति के बाद एक बार फिर मौसम ने करवट बदलना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही ग्रामीण आंचल में वनोपज संग्रहण की तैयारी भी शुरू हो गई है। आगामी कुछ दिनों में ग्रामीण सुबह होते ही जंगल की ओर कूच करेगें, उनके द्वारा पूरे दिन महुआ, चार व तेंदू सहित अन्य वनोपज का संग्रहण किया जावेगा। ग्रामीण वनोपज संग्रहण के लिए पेड़ो के नीचे आग लगा देते है। यह आग देखते ही देखते पूरे जंगल को चपेट में ले लेता है। इसी तरह दावानल के कारण जंगल के भीतर आग लगने की घटनाएं होती है। जंगल के भीतर आग लगने से न सिर्फ औषधीय, ईमारती पेड़ पौधे जलकर खाक हो जाते है। वन्यप्राणियों का जीवन भी  संकट में पड़ जाता है। जिससे वन्य प्राणियों व वनों को बचाने के लिए वनमण्डलाधिकारी के नेतृत्व में वृहत स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ।

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