Home रायगढ़ सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला से रमाशंकर साहू एवं श्रीमती सतरूपा बसंत तथा 27 छात्र छात्राओं ने एडवेंचर कैंप में भाग लेकर आपदा प्रबंधन एवं प्रकृति संरक्षण पर किया प्रशिक्षण प्राप्त

सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला से रमाशंकर साहू एवं श्रीमती सतरूपा बसंत तथा 27 छात्र छात्राओं ने एडवेंचर कैंप में भाग लेकर आपदा प्रबंधन एवं प्रकृति संरक्षण पर किया प्रशिक्षण प्राप्त

by P. R. Rajak Chief Editor
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सारंगढ आज की इस आधुनिक दुनिया में एक दूसरे से जुड़ाव कम होता जा रहा है सोशल मीडिया और इंटरनेट से जुड़े रहना सामाजिक जुड़ाव का संकेत हो सकता है लेकिन वास्तव में यह युवाओं को एकाकी बनता है और उनके मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न करती है। इसी को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ राज्य स्काउट गाइड के द्वारा एडवेंचर कैंप जलकी जिला महासमुंद में 28.07.25 से 31.07.25 तक कैंप लगाया गया। जिसमें जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ से 27 छात्र-छात्राएं एवं दो प्रभारी , जिला कोरिया से 30 ,2 प्रभारी,जिला एम. सी. बी .से 30 , 2 प्रभारी प्रमुख रूप से भाग लिये।
यह एडवेंचर कैंप छात्रों की विकास के लिए एक अनोखा तरीका है जो बच्चों को स्वतंत्र और आत्मविश्वासी तथा नेतृत्व क्षमता का मौका देता है एवं साथ ही मानसिक ,सामाजिक और नए दोस्त बनाने यहां तक की नई कौशल सीखने का मौका भी देती है ।
एडवेंचर कैंप का उद्घाटन सिविल संचालक भावेश चंद्राकर, स्काउट प्रभारी श्री रमाशंकर साहू प्रधान पाठक , श्री दानबहादुर सिंह शिक्षक, श्री अनिल कुमार शिक्षक, गाइड प्रभारी श्रीमती सतरूपा बसंत शिक्षिका, कुमारी सुमित्रा यादव शिक्षिका, एवं सभी छात्र-छात्राओं मिलकर ध्वज शिष्टाचार कर विधिवत रूप से किया गया। बच्चों ने एडवेंचर कैंप में वोटिंग, मंकी झूला, निशानेबाज,जिप लाइन, झूला, आदी में प्रयोगात्मक कार्य कर इसमें आपदा प्रबंधन के समय हमें क्या करना चाहिए इस प्रशिक्षण से प्राप्त की। प्रति दिवस शाम को शिविरज्वाल एवं संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गांव भ्रमण कर सफाई कार्य किया गया। स्काउट /गाइड राज्य सचिव श्री कैलाश सोनी जी के द्वारा शिविर संचालन का निरीक्षण किया गया जिसमें बच्चों के अनुशासन,समय पाबंद नेतृत्व क्षमता एवं संस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना किये। कैंप के अंतिम दिन जलकी से 12 किलोमीटर दूर सिरपुर ले जाया गया वहां म्यूजियम,प्राचीन किला , गंधेश्वर महादेव, तांत्रिक महादेव एवं लक्ष्मणेश्वर मंदिर, चित्रोत्पल्ला नदी का दर्शन कर बच्चे बहुत खुश हुए, तत्पश्चात बस के द्वारा जलकी वापस आकर भोजन कर अपने अपने घर के लिए रवाना हुए यह एडवेंचर कैंप मनोरंजक एवं अविश्वरणीय रहा।

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