रायगढ़। कला और संस्कार धानी नगरी के रामलीला मैदान में 7 दिसंबर की शाम से देर रात तक यादव बिरादरी के दोहे गूंजेंगे। 30वां यादव शौर्य नृत्य मड़ई महोत्सव में दर्जनभर टीमों के साथ महिला दल भी पारंपरिक वेशभूषा में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। वही, अफसोस का विषय है कि शासन द्वारा कभी कोई सहयोग नहीं मिलने से राउत नाच की संस्कृति आगे नहीं बढ़ पा रही है।
शहर के रामलीला मैदान के समीप होटल जानकी में शनिवार शाम आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स में मड़ई महोत्सव के संयोजक गणेश यादव ने बताया कि आगामी 7 दिसंबर की शाम 6 बजे रामलीला मैदान मे यादव समाज की लोक संस्कृति से जुड़ा यादव शौर्य नृत्य मड़ई महोत्सव प्रारम्भ होगा। मगर दुख की बात है कि शासन से कभी आर्थिक सहयोग नहीं मिलता। यही वजह है कि मड़ई महोत्सव की भव्यता फीकी होती जा रही है। इस परंपरा को जीवंत रखने वाले हैं यादव समाज, लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से राउत नाच चाहकर भी आधुनिक नहीं हो पा रहा है। फसल काटने के बाद यादव समाज इसे नृत्य कला के तौर पर मनाता है।
उन्होंने आगे बताया कि मड़ई महोत्सव में अपनी कला का मुजाहिरा पेश करने के लिए अबतक 9 टीमों से चर्चा हुई है। खास बात यह है कि छाल से महिला टीम को भी आमंत्रित किया गया है, जो मड़ई महोत्सव की भव्यता बढ़ाएंगे। इस कला संस्कृति को बढ़ावा देने 7 इनाम रखे गए हैं। वहीं, प्रोत्साहन राशि भी रखी गई है। अगले सत्र जनसहयोग से इनाम की राशि बढ़ाई जाएगी। अतिथियों में वित्तमंत्री ओपी चौधरी, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, खरसिया विधायक उमेश पटेल, लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार, धरमजयगढ़ लालजीत यादव को आमंत्रित किया गया है। वहीं, चिंताजनक तथ्य यह है कि राउत नाच को आगे बढ़ाने में यादव समाज की नई पीढ़ी भी उतनी रुचि नहीं ले रही, जो होनी चाहिए।
30 वां यादव शौर्य नृत्य मड़ई महोत्सव की प्रेसकॉन्फ्रेन्स में संयोजक गणेश यादव के अलावा सचिव विकास ठेठवार, उपाध्यक्ष अमित यादव, श्रीपाल यादव सहित यादव समाज की सक्रिय महिला टीम भी मौजूद रहीं।
रामलीला मैदान में यादव समाज का मड़ई महोत्सव रविवार को
पत्रकारवार्ता में यादव शौर्य नृत्य मड़ई महोत्सव समिति ने साझा की मन की बात , कहा शासन से सहयोग नहीं मिलने से मड़ई महोत्सव की भव्यता फीकी होती जा रही
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