Home रायगढ़ स्थानांतरण के लिए संबंधित कार्यालय में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 13 जून

स्थानांतरण के लिए संबंधित कार्यालय में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 13 जून

by P. R. Rajak Chief Editor
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*स्थानांतरण के लिए संबंधित कार्यालय में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 13 जून*

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 11 जून 2025/छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने स्थानांतरण नीति वर्ष 2025 के लिए राज्य के सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को पत्र जारी किया है, जिसके अनुसार 13 जून 2025 तक आवेदन स्वीकार करेंगे और 14 जून से 25 जून तक स्थानांतरण किए जाएंगे।

जारी पत्र अनुसार, राज्य शासन द्वारा पूर्व में जारी स्थानांतरण नीति को अधिक्रमित करते हुए स्थानातरण नीति 2025 प्रक्रिया निर्धारित की गई है। यह स्थानांतरण नीति गृह (पुलिस) विभाग, आबकारी विभाग, खनिज साधन विभाग, परिवहन विभाग, वाणिज्यकर विभाग, पंजीयन विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकीय कार्य में पदस्थ शिक्षकगणों तथा राज्य के निगम, मण्डल, आयोगों एवं स्वायत्त संस्थाओं पर लागू नहीं होगे।

*जिला स्तर पर स्थानांतरण*

14 जून से 25 जून 2025 तक जिला स्तर पर तृतीय श्रेणी (गैर-कार्यपालिक) तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के माननीय प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जिला कलेक्टर द्वारा किये जा सकेंगे। स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु आवेदन 13 जून 2025 तक संबंधित विभाग के जिला कार्यालय में प्राप्त किये जाएंगे।

कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थानांतरण किये जाने वाले पद जिला संवर्ग का है तो उनका जिले के अंदर ही हो तथा स्थानांतरण आदेश तद्‌नुसार प्रसारित होगे। विभाग के जिला कार्यालय प्रमुख द्वारा स्थानांतरण प्रस्ताव तैयार कर जिला कलेक्टर को प्रस्तुत किया जावेगा। कलेक्टर द्वारा प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत उस पर जिले के माननीय प्रभारी मंत्री का अनुमोदन प्राप्त किया जाकर स्थानांतरण आदेश जारी किया जाएगा। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियो के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियो की कुल संख्या के अधिकतम 10% एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में अधिकतम 15 तक स्थानांतरण किये जा सकेंगे। परस्पर सहमति से स्वयं के वाय पर किये गए स्थानांतरणों की गणना उक्त सीमा हेतु नहीं की जाएगी। परस्पर सहमति से स्थानांतरण हेतु दोनो आवेदकों द्वारा आवेदन पत्र संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित होना आवश्यक है। स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण हेतु व्यक्तिगत रूप से किये गए आवेदन पर किया गया कोई भी स्थानांतरण परस्पर सहमति से किये गए स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं आएगा। ऐसे शासकीय सेवक जो एक ही स्थान पर दो या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ हो परस्पर सहमति हेतु उन्हीं के आवेदन स्थानांतरण हेतु प्रस्तावित किये जाएंगे। परस्पर सहमति के आधार पर स्थानांतरण भी दो वर्ष या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ शासकीय सेवकों के लिए लागू होगा। जितने जिला स्तरीय कर्मचारी संलग्न है वह स्वमेव 5 जून 2025 से उनका सलग्नीकरण समाप्त माने जाएंगे, आवश्यकतानुसार जहां किसी कर्मचारी की आवश्यकता है, स्थानांतरण नीति अनुसार स्थानांतरण किया जा सकता है।
जिन शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति में एक से कम वर्ष शेष हो उन्हें उनको विकल्प पर सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुरूप स्थानांतरण किया जा सकेगा, अन्यथा उनका स्थानांतरण ना किया जाये। ऐसे शासकीय सेवक जिनके बारे में गंभीर स्वरूप की शिकायते हो. को यदि शिकायतों के आधार पर दो वर्ष से कम अवधि में स्थानांतरण किया जाना आवश्यक हो तो सामान्यतः प्रारंभिक जांच में शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाये जाने पर ही स्थानांतरण किये जायेगे। यदि अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ शासकीय सेवक का गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण करने के प्रस्ताव है तो स्थानांतरण प्रस्ताव में उनके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जो गैर अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यतः रखा जाए। जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि यथा संभव अनुसूचित क्षेत्र के रिक्त पद भरे जाए। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो में रिक्तियों को संतुलित (बैलेंस) करने का विशेष ध्यान रखा जाए। आशय यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में जितने प्रतिशत पद रिक्त है, शहरी क्षेत्रों में लगभग उसी के अनुरूप पद रिक्त रह सके। ऐसी स्थिति निर्मित न हो कि शहरी क्षेत्रो में लगभग सभी पद भरे हो तथा ग्रामीण क्षेत्रो में काफी रिक्तियां बनी रहे। जिन सवगों एवं स्थानों पर कर्मचारियों का आधिक्य हो, ऐसे स्थानों से कर्मचारियों का स्थानांतरण न्यूनता वाले स्थान हेतु हो। न्यूनता वाले स्थान से आधिक्य वाले स्थान में स्थानांतरण नहीं किया जाए, ताकि संतुलन बना रहे एवं कमी वाले क्षेत्रों में पदों की पूर्ति हो सके। इसके लिए जिला कार्यालय प्रमुख की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी तथा कलेक्टर भी इसका पालन करना सुनिश्चित करेंगे। जिलों की जनसंख्या, जिलो में विकासखण्डों की संख्या, विभाग के जिलों में कार्यलोड के अनुरूप सभी जिलो में अधिकारी, कर्मचारियों का संतुलन सुनिश्चित किया जाएगा। कैंसर जैसी टर्मिनल तथा अत्यंत गंभीर बीमारी, किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस करवाने या ओपन हार्ट सर्जरी के कारण नियमित जांच कराना आवश्यक हो और वर्तमान पदस्थापना के स्थान पर ऐसी सुविधा उपलब्ध न हो तो जिला मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर शासकीय सेवक द्वारा स्थानांतरण चाहने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा।ऐसे शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों को जिनके पति, पत्नी एवं पुत्र, पुत्री मानसिक निःशक्तता, स्वलीन अथवा बहुआयामी निशक्तता से पीड़ित है, को स्वयं के व्यय पर ऐसी जगह पर पदस्थापना करने के संबंध में विचार किया जा सकेगा, जहा निशक्तता से पीडित का उपचार एवं पुत्र, पुत्री को शिक्षा सुलभ हो सके, बशर्ते कि ऐसी निःशक्तता के उपचार, शिक्षा के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान से इस बारे में समुचित प्रमाण प्रस्तुत करें। स्थानांतरित किये गए शासकीय सेवक को स्थानांतरण आदेश जारी होने के 10 दिवस के भीतर कार्यमुक्त किया जाए। यदि संबंधित शासकीय सेवक निर्धारित समयावधि में कार्यमुक्त नहीं होता है तो उसे सक्षम अधिकारी द्वारा एकपक्षीय भारमुक्त करने के आदेश दिये जाए तथा स्थानांतरण आदेश क्रियान्वित हुआ माना जाए। यदि शासकीय सेवक द्वारा स्थानांतरण आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे। नीति की कंडिका 1.1 में निर्धारित अवधि में यदि स्थानांतरण आदेश को निरस्त या संशोधित किया जाना हो तो ऐसे निरस्तीकरण, संशोधन का प्रस्ताव जिला कलेक्टर द्वारा प्रशासकीय विभाग को भेजा जाए। प्रशासकीय विभाग द्वारा समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री के अनुमोदन उपरांत स्थानांतरण आदेश को संशोधित, निरस्त किया जाएगा। निर्धारित अवधि में किये गए स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात उस स्थानांतरण आदेश में कोई भी संशोधन या निरस्तीकरण किया जाना हो तो उक्त संशोधन या निरस्तीकरण समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद किया जा सकेगा। इस नीति के तहत अध्यापन करने वाले सभी श्रेणी के शिक्षको का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा, क्योकि उनकी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया चल रही है।

*राज्य स्तर पर स्थानांतरण*

दिनांक 14 जून से 25 जून 2025 तक राज्य स्तर पर विभाग द्वारा स्थानांतरण किये जा सकेंगे। स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु आवेदन 13 जून 2025 तक संबंधित विभाग में प्राप्त किये जायेंगे। स्थानांतरण, विभाग के माननीय विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही किये जा सकेंगे। विभागीय माननीय मंत्री से अनुमोदन प्राप्त करने हेतु स्थानांतरण प्रस्ताव सीधे विभागाध्यक्ष से माननीय मंत्रीजी प्रस्तुत नहीं किये जाएंगे। प्रस्ताव, नस्ती आवश्यक रूप से छत्तीसगढ़ कार्यपालक शासन के कार्य नियम तथा उन नियमों के अधीन जारी किये गए निर्देश तथा अनुदेश अर्थात् प्रशासकीय विभाग की सचिवालयीन प्रक्रिया अनुसार भारसाधक सचिव के माध्यम से ही विभागीय मंत्री को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये जायेंगे और अनुमोदन उपरांत आदेश तद्‌नुसार विभाग द्वारा प्रसारित किये जाएंगे। विभागों का यह दायित्व होगा कि यदि अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवक का गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानातरण करने के प्रस्ताव है तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जो गैर-अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यतः रखा जाए। शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तियों का जो असंतुलन है उसे संतुलित करने का विशेष ध्यान रखा जाए। जिला सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर में पदस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों की स्थानांतरण प्रस्तावित करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि उन जिलों में यथासंभव दो तिहाई पद भरे हों। जिन पदों एवं स्थानों पर अधिकारी, कर्मचारी का आधिक्य है, ऐसे स्थानों से स्थानांतरण न्यूनता वाले स्थान हेतु हो। किसी भी परिस्थिति में न्यूनता वाले स्थान से आधिक्य वाले स्थान में स्थानातंरण नहीं किया जाएगा ताकि संतुलन बना रहे एवं कमी वाले क्षेत्रों में पदो की पूर्ति हो सके। जिलों की जनसख्या, विकासखण्डों की सख्या, विभाग के जिलों में कार्यलोड के अनुरूप सभी जिलो में अधिकारी, कर्मचारियों का संतुलन सुनिश्चित किया जाए।
अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरित किसी भी अधिकारी, कर्मचारी को उसके कार्यालय प्रमुख या नियंत्रण अधिकारी द्वारा तब तक कार्यमुक्त न किया जाए जब तक कि उसका एक्जीदार कार्य पर उपस्थित न हो। ऐसे शासकीय सेवक जो एक ही स्थान पर दो वर्ष या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ हो परस्पर सहमति से उन्ही के स्थानांतरण किये जायेंगे। दिनांक 1 जून 2025 की स्थिति में एक साल से कम अवधि में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। एक ही स्थान पर दो वर्ष से कम अवधि से पदस्थ शासकीय सेवको का स्थानांतरण नहीं किया जाए। यदि शिकायतों के आधार पर दो वर्ष से कम अवधि में स्थानांतरण किया जाना आवश्यक हो तो सामान्यतः प्रारंभिक जांच में शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर ही स्थानांतरण किया जाए। स्वेच्छा से स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण करते समय यह ध्यान रखा जाना याहिए कि ऐसे स्थानांतरण प्रशासकीय दृष्टि से भी उचित हो। जिन शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति के लिए एक वर्ष का समय शेष रह गया हो। उन्हें गृह जिले में अथवा उनके विकल्प के जिले में पदस्थ किया जा सकेगा, यदि सामान्य पुस्तक परिपत्र के अनुसार यह अनुज्ञेय हो। यदि किसी शासकीय सेवक की पत्नी, पति एक ही स्थान पर पदस्थापना के लिए अनुरोध करे तो यथा संभव प्रशासकीय सुविधा एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक ही स्थान पर पदस्थापना देने का प्रयास किया जाए। किसी शासकीय सेवक को ऐसी पदस्थापना पाने का अधिकार प्राप्त नहीं होगा, परन्तु उसकी प्रार्थना को विभाग द्वारा पूर्ण सहानुभूतिपूर्वक विचार कर निर्णय लिया जाएगा। जिला कैडर के कर्मचारियों का स्थानांतरण जिले के भीतर एवं संभाग कैडर के कर्मचारियों का स्थानांतरण संभाग के अंतर्गत ही संभव होगा। राज्य स्तर पर स्थानांतरण प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 15% तथा तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामलो में अधिकतम 5 प्रतिशत तक स्थानांतरण किये जा सकेंगे। परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर किये गए स्थानातरणों की गणना ऊपर वर्णित सीमा हेतु नहीं की जाएगी। विभागीय सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थानांतरण आदेश पूर्व परीक्षण आधारित हो और उनका क्रियान्वयन 14 जून 2025 तक सुनिश्वित किया जाएगा। 5 जुलाई 2025 को विभागाध्यक्ष स्थानांतरण आदेश के अनुरूप एकतरफा भारमुक्त करेंगे। स्थानांतरण पश्चात नवीन पदस्थापना स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। सभी संलग्नीकरण 5 जून 2025 से समाप्त माने जाएंगे। भविष्य में विभागाध्यक्ष, भारसाधक सचिव के अनुमोदन से ही कोई संलग्नीकरण कर सकेगा। किसी भी स्थानांतरण में स्वीकृत पदों से अधिक पदों पर पदस्थापना नहीं की जाएगी। निर्धारित अवधि में किये गए स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात उस स्थानांतरण आदेश में कोई भी संशोधन या निरस्तीकरण किया जाना हो तो यह संशोधन या निरस्तीकरण समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद किया जा सकेगा। इस नीति के तहत अध्यापन करने वाले सभी श्रेणी के शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनकी युक्तियुकाकरण की प्रक्रिया चल रही है।

*विशेष उपबंध छूट*

निम्न वर्णित पदस्थापनाओं में अप्रत्यक्ष रूप से स्थानांतरण निहित अवश्य होता है किन्तु इनके लिए प्रकरण समन्वय में भेजने की आवश्यकता नही है, ऐसी पदस्थापनाए सबंधी आदेश विभागीय मंत्री के अनुमोदन से जारी किये जा सकेंगे। इनमें प्रतिनियुक्ति से वापस आने पर विभाग के अधीन की जाने वाली पदस्थापना, किसी विभाग के शासकीय सेवक (प्रथम श्रेणी अधिकारियों के मामले को छोड़कर) की सेवाओं को अन्य विभाग, संस्था में प्रतिनियुक्ति या डिप्लॉमेंट (एक्स कैडर पदस्थापना) पर सौपा जाना, यदि दोनो विभाग इसके लिए सहमत हो, लोक सेवा आयोग से अथवा चयन समिति द्वारा चयनित नई नियुक्ति से संबंधित उम्मीदवारों की रिक्त पदो पद पदस्थापना, न्यायालय के निर्देश, निर्णय के पालन में स्थानांतरण कर पदस्थापना करना, पदोन्नति के फलस्वरूप पदस्थापना, एक ही स्थान (शहर) में एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में पदस्थापना शामिल है।

स्थानांतरण नीति 2025 में
परीविक्षाधीन अधिकारी, कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जावेगा। राज्य स्तर के समस्त स्थानांतरण आदेश निर्धारित समयावधि में ईऑफिस के माध्यम से ही निर्धारित समयावधि में जारी किये जाएंगे।जिला स्तर पर निर्धारित समयावधि में स्थानांतरण आदेश जारी कर जारी तिथि को ही उका स्थानातरण आदेश की प्रति सामान्य प्रशासन विभाग के ई-मेल आई डी cg-gad-6@cg.gov.in में प्रेषित किया जाना अनिवार्य है। निर्धारित समयावधि उपरांत जारी स्थानांतरण आदेश मान्य नहीं होंगे। ऐसे स्थानांतरण आदेश समन्दय में विधिवत् माननीय मुख्यमंत्री के अनुमोदन उपरांत ही मान्य होगा।सारंगढ़ बिलाईगढ़, 11 जून 2025/छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने स्थानांतरण नीति वर्ष 2025 के लिए राज्य के सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को पत्र जारी किया है, जिसके अनुसार 13 जून 2025 तक आवेदन स्वीकार करेंगे और 14 जून से 25 जून तक स्थानांतरण किए जाएंगे।

जारी पत्र अनुसार, राज्य शासन द्वारा पूर्व में जारी स्थानांतरण नीति को अधिक्रमित करते हुए स्थानातरण नीति 2025 प्रक्रिया निर्धारित की गई है। यह स्थानांतरण नीति गृह (पुलिस) विभाग, आबकारी विभाग, खनिज साधन विभाग, परिवहन विभाग, वाणिज्यकर विभाग, पंजीयन विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकीय कार्य में पदस्थ शिक्षकगणों तथा राज्य के निगम, मण्डल, आयोगों एवं स्वायत्त संस्थाओं पर लागू नहीं होगे।

जिला स्तर पर स्थानांतरण

14 जून से 25 जून 2025 तक जिला स्तर पर तृतीय श्रेणी (गैर-कार्यपालिक) तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के माननीय प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जिला कलेक्टर द्वारा किये जा सकेंगे। स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु आवेदन 13 जून 2025 तक संबंधित विभाग के जिला कार्यालय में प्राप्त किये जाएंगे।

कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थानांतरण किये जाने वाले पद जिला संवर्ग का है तो उनका जिले के अंदर ही हो तथा स्थानांतरण आदेश तद्‌नुसार प्रसारित होगे। विभाग के जिला कार्यालय प्रमुख द्वारा स्थानांतरण प्रस्ताव तैयार कर जिला कलेक्टर को प्रस्तुत किया जावेगा। कलेक्टर द्वारा प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत उस पर जिले के माननीय प्रभारी मंत्री का अनुमोदन प्राप्त किया जाकर स्थानांतरण आदेश जारी किया जाएगा। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियो के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियो की कुल संख्या के अधिकतम 10% एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में अधिकतम 15 तक स्थानांतरण किये जा सकेंगे। परस्पर सहमति से स्वयं के वाय पर किये गए स्थानांतरणों की गणना उक्त सीमा हेतु नहीं की जाएगी। परस्पर सहमति से स्थानांतरण हेतु दोनो आवेदकों द्वारा आवेदन पत्र संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित होना आवश्यक है। स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण हेतु व्यक्तिगत रूप से किये गए आवेदन पर किया गया कोई भी स्थानांतरण परस्पर सहमति से किये गए स्थानांतरण की श्रेणी में नहीं आएगा। ऐसे शासकीय सेवक जो एक ही स्थान पर दो या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ हो परस्पर सहमति हेतु उन्हीं के आवेदन स्थानांतरण हेतु प्रस्तावित किये जाएंगे। परस्पर सहमति के आधार पर स्थानांतरण भी दो वर्ष या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ शासकीय सेवकों के लिए लागू होगा। जितने जिला स्तरीय कर्मचारी संलग्न है वह स्वमेव 5 जून 2025 से उनका सलग्नीकरण समाप्त माने जाएंगे, आवश्यकतानुसार जहां किसी कर्मचारी की आवश्यकता है, स्थानांतरण नीति अनुसार स्थानांतरण किया जा सकता है।
जिन शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति में एक से कम वर्ष शेष हो उन्हें उनको विकल्प पर सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुरूप स्थानांतरण किया जा सकेगा, अन्यथा उनका स्थानांतरण ना किया जाये। ऐसे शासकीय सेवक जिनके बारे में गंभीर स्वरूप की शिकायते हो. को यदि शिकायतों के आधार पर दो वर्ष से कम अवधि में स्थानांतरण किया जाना आवश्यक हो तो सामान्यतः प्रारंभिक जांच में शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाये जाने पर ही स्थानांतरण किये जायेगे। यदि अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ शासकीय सेवक का गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण करने के प्रस्ताव है तो स्थानांतरण प्रस्ताव में उनके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जो गैर अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यतः रखा जाए। जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि यथा संभव अनुसूचित क्षेत्र के रिक्त पद भरे जाए। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो में रिक्तियों को संतुलित (बैलेंस) करने का विशेष ध्यान रखा जाए। आशय यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में जितने प्रतिशत पद रिक्त है, शहरी क्षेत्रों में लगभग उसी के अनुरूप पद रिक्त रह सके। ऐसी स्थिति निर्मित न हो कि शहरी क्षेत्रो में लगभग सभी पद भरे हो तथा ग्रामीण क्षेत्रो में काफी रिक्तियां बनी रहे। जिन सवगों एवं स्थानों पर कर्मचारियों का आधिक्य हो, ऐसे स्थानों से कर्मचारियों का स्थानांतरण न्यूनता वाले स्थान हेतु हो। न्यूनता वाले स्थान से आधिक्य वाले स्थान में स्थानांतरण नहीं किया जाए, ताकि संतुलन बना रहे एवं कमी वाले क्षेत्रों में पदों की पूर्ति हो सके। इसके लिए जिला कार्यालय प्रमुख की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी तथा कलेक्टर भी इसका पालन करना सुनिश्चित करेंगे। जिलों की जनसंख्या, जिलो में विकासखण्डों की संख्या, विभाग के जिलों में कार्यलोड के अनुरूप सभी जिलो में अधिकारी, कर्मचारियों का संतुलन सुनिश्चित किया जाएगा। कैंसर जैसी टर्मिनल तथा अत्यंत गंभीर बीमारी, किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस करवाने या ओपन हार्ट सर्जरी के कारण नियमित जांच कराना आवश्यक हो और वर्तमान पदस्थापना के स्थान पर ऐसी सुविधा उपलब्ध न हो तो जिला मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर शासकीय सेवक द्वारा स्थानांतरण चाहने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा।ऐसे शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों को जिनके पति, पत्नी एवं पुत्र, पुत्री मानसिक निःशक्तता, स्वलीन अथवा बहुआयामी निशक्तता से पीड़ित है, को स्वयं के व्यय पर ऐसी जगह पर पदस्थापना करने के संबंध में विचार किया जा सकेगा, जहा निशक्तता से पीडित का उपचार एवं पुत्र, पुत्री को शिक्षा सुलभ हो सके, बशर्ते कि ऐसी निःशक्तता के उपचार, शिक्षा के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान से इस बारे में समुचित प्रमाण प्रस्तुत करें। स्थानांतरित किये गए शासकीय सेवक को स्थानांतरण आदेश जारी होने के 10 दिवस के भीतर कार्यमुक्त किया जाए। यदि संबंधित शासकीय सेवक निर्धारित समयावधि में कार्यमुक्त नहीं होता है तो उसे सक्षम अधिकारी द्वारा एकपक्षीय भारमुक्त करने के आदेश दिये जाए तथा स्थानांतरण आदेश क्रियान्वित हुआ माना जाए। यदि शासकीय सेवक द्वारा स्थानांतरण आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावे। नीति की कंडिका 1.1 में निर्धारित अवधि में यदि स्थानांतरण आदेश को निरस्त या संशोधित किया जाना हो तो ऐसे निरस्तीकरण, संशोधन का प्रस्ताव जिला कलेक्टर द्वारा प्रशासकीय विभाग को भेजा जाए। प्रशासकीय विभाग द्वारा समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री के अनुमोदन उपरांत स्थानांतरण आदेश को संशोधित, निरस्त किया जाएगा। निर्धारित अवधि में किये गए स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात उस स्थानांतरण आदेश में कोई भी संशोधन या निरस्तीकरण किया जाना हो तो उक्त संशोधन या निरस्तीकरण समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद किया जा सकेगा। इस नीति के तहत अध्यापन करने वाले सभी श्रेणी के शिक्षको का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा, क्योकि उनकी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया चल रही है।

राज्य स्तर पर स्थानांतरण

दिनांक 14 जून से 25 जून 2025 तक राज्य स्तर पर विभाग द्वारा स्थानांतरण किये जा सकेंगे। स्वैच्छिक स्थानांतरण हेतु आवेदन 13 जून 2025 तक संबंधित विभाग में प्राप्त किये जायेंगे। स्थानांतरण, विभाग के माननीय विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही किये जा सकेंगे। विभागीय माननीय मंत्री से अनुमोदन प्राप्त करने हेतु स्थानांतरण प्रस्ताव सीधे विभागाध्यक्ष से माननीय मंत्रीजी प्रस्तुत नहीं किये जाएंगे। प्रस्ताव, नस्ती आवश्यक रूप से छत्तीसगढ़ कार्यपालक शासन के कार्य नियम तथा उन नियमों के अधीन जारी किये गए निर्देश तथा अनुदेश अर्थात् प्रशासकीय विभाग की सचिवालयीन प्रक्रिया अनुसार भारसाधक सचिव के माध्यम से ही विभागीय मंत्री को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये जायेंगे और अनुमोदन उपरांत आदेश तद्‌नुसार विभाग द्वारा प्रसारित किये जाएंगे। विभागों का यह दायित्व होगा कि यदि अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवक का गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानातरण करने के प्रस्ताव है तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जो गैर-अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यतः रखा जाए। शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तियों का जो असंतुलन है उसे संतुलित करने का विशेष ध्यान रखा जाए। जिला सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर में पदस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों की स्थानांतरण प्रस्तावित करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि उन जिलों में यथासंभव दो तिहाई पद भरे हों। जिन पदों एवं स्थानों पर अधिकारी, कर्मचारी का आधिक्य है, ऐसे स्थानों से स्थानांतरण न्यूनता वाले स्थान हेतु हो। किसी भी परिस्थिति में न्यूनता वाले स्थान से आधिक्य वाले स्थान में स्थानातंरण नहीं किया जाएगा ताकि संतुलन बना रहे एवं कमी वाले क्षेत्रों में पदो की पूर्ति हो सके। जिलों की जनसख्या, विकासखण्डों की सख्या, विभाग के जिलों में कार्यलोड के अनुरूप सभी जिलो में अधिकारी, कर्मचारियों का संतुलन सुनिश्चित किया जाए।
अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरित किसी भी अधिकारी, कर्मचारी को उसके कार्यालय प्रमुख या नियंत्रण अधिकारी द्वारा तब तक कार्यमुक्त न किया जाए जब तक कि उसका एक्जीदार कार्य पर उपस्थित न हो। ऐसे शासकीय सेवक जो एक ही स्थान पर दो वर्ष या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ हो परस्पर सहमति से उन्ही के स्थानांतरण किये जायेंगे। दिनांक 1 जून 2025 की स्थिति में एक साल से कम अवधि में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। एक ही स्थान पर दो वर्ष से कम अवधि से पदस्थ शासकीय सेवको का स्थानांतरण नहीं किया जाए। यदि शिकायतों के आधार पर दो वर्ष से कम अवधि में स्थानांतरण किया जाना आवश्यक हो तो सामान्यतः प्रारंभिक जांच में शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर ही स्थानांतरण किया जाए। स्वेच्छा से स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण करते समय यह ध्यान रखा जाना याहिए कि ऐसे स्थानांतरण प्रशासकीय दृष्टि से भी उचित हो। जिन शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति के लिए एक वर्ष का समय शेष रह गया हो। उन्हें गृह जिले में अथवा उनके विकल्प के जिले में पदस्थ किया जा सकेगा, यदि सामान्य पुस्तक परिपत्र के अनुसार यह अनुज्ञेय हो। यदि किसी शासकीय सेवक की पत्नी, पति एक ही स्थान पर पदस्थापना के लिए अनुरोध करे तो यथा संभव प्रशासकीय सुविधा एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक ही स्थान पर पदस्थापना देने का प्रयास किया जाए। किसी शासकीय सेवक को ऐसी पदस्थापना पाने का अधिकार प्राप्त नहीं होगा, परन्तु उसकी प्रार्थना को विभाग द्वारा पूर्ण सहानुभूतिपूर्वक विचार कर निर्णय लिया जाएगा। जिला कैडर के कर्मचारियों का स्थानांतरण जिले के भीतर एवं संभाग कैडर के कर्मचारियों का स्थानांतरण संभाग के अंतर्गत ही संभव होगा। राज्य स्तर पर स्थानांतरण प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 15% तथा तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामलो में अधिकतम 5 प्रतिशत तक स्थानांतरण किये जा सकेंगे। परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर किये गए स्थानातरणों की गणना ऊपर वर्णित सीमा हेतु नहीं की जाएगी। विभागीय सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थानांतरण आदेश पूर्व परीक्षण आधारित हो और उनका क्रियान्वयन 14 जून 2025 तक सुनिश्वित किया जाएगा। 5 जुलाई 2025 को विभागाध्यक्ष स्थानांतरण आदेश के अनुरूप एकतरफा भारमुक्त करेंगे। स्थानांतरण पश्चात नवीन पदस्थापना स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। सभी संलग्नीकरण 5 जून 2025 से समाप्त माने जाएंगे। भविष्य में विभागाध्यक्ष, भारसाधक सचिव के अनुमोदन से ही कोई संलग्नीकरण कर सकेगा। किसी भी स्थानांतरण में स्वीकृत पदों से अधिक पदों पर पदस्थापना नहीं की जाएगी। निर्धारित अवधि में किये गए स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात उस स्थानांतरण आदेश में कोई भी संशोधन या निरस्तीकरण किया जाना हो तो यह संशोधन या निरस्तीकरण समन्वय में माननीय मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद किया जा सकेगा। इस नीति के तहत अध्यापन करने वाले सभी श्रेणी के शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनकी युक्तियुकाकरण की प्रक्रिया चल रही है।

विशेष उपबंध छूट

निम्न वर्णित पदस्थापनाओं में अप्रत्यक्ष रूप से स्थानांतरण निहित अवश्य होता है किन्तु इनके लिए प्रकरण समन्वय में भेजने की आवश्यकता नही है, ऐसी पदस्थापनाए सबंधी आदेश विभागीय मंत्री के अनुमोदन से जारी किये जा सकेंगे। इनमें प्रतिनियुक्ति से वापस आने पर विभाग के अधीन की जाने वाली पदस्थापना, किसी विभाग के शासकीय सेवक (प्रथम श्रेणी अधिकारियों के मामले को छोड़कर) की सेवाओं को अन्य विभाग, संस्था में प्रतिनियुक्ति या डिप्लॉमेंट (एक्स कैडर पदस्थापना) पर सौपा जाना, यदि दोनो विभाग इसके लिए सहमत हो, लोक सेवा आयोग से अथवा चयन समिति द्वारा चयनित नई नियुक्ति से संबंधित उम्मीदवारों की रिक्त पदो पद पदस्थापना, न्यायालय के निर्देश, निर्णय के पालन में स्थानांतरण कर पदस्थापना करना, पदोन्नति के फलस्वरूप पदस्थापना, एक ही स्थान (शहर) में एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में पदस्थापना शामिल है।

स्थानांतरण नीति 2025 में
परीविक्षाधीन अधिकारी, कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जावेगा। राज्य स्तर के समस्त स्थानांतरण आदेश निर्धारित समयावधि में ईऑफिस के माध्यम से ही निर्धारित समयावधि में जारी किये जाएंगे।जिला स्तर पर निर्धारित समयावधि में स्थानांतरण आदेश जारी कर जारी तिथि को ही उका स्थानातरण आदेश की प्रति सामान्य प्रशासन विभाग के ई-मेल आई डी cg-gad-6@cg.gov.in में प्रेषित किया जाना अनिवार्य है। निर्धारित समयावधि उपरांत जारी स्थानांतरण आदेश मान्य नहीं होंगे। ऐसे स्थानांतरण आदेश समन्दय में विधिवत् माननीय मुख्यमंत्री के अनुमोदन उपरांत ही मान्य होगा।

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