सारंगढ़।किसानों के धान पंजीयन, एग्रीस्टेक पंजीयन एवंगिरदावरी / भौतिक सत्यापन समस्याओं का लेकर आठ बिंदुओं को लेकर सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े व साथ में पूर्व जिला अध्यक्ष अरुण मालाकार,ब्लॉकअध्यक्ष पुरषोत्तम
साहू,वरिष्ठ कांग्रेसी संजय दुबे,राधेश्यामजायसवाल,
प्रदेशअध्यक्ष महिला सेवादल मंजुलता आनंद,जिला महामंत्री विष्णु चन्द्रा
गनपत जांगड़े,राकेश पटेल प्रमोद मिश्रा,अशोक वर्मा दुर्गेश अजय,चैतन्य जांगडे,शशि पटेल,प्रणय वारे,रमेशपटेल,दुर्गेशपटेल,शुभमबाजपेयी,धीरज बहिदार,राहुलबंजारे,धनेशभारद्वाज,सोमूयादव,नावेद खान,विजयसिदार,अंकित पटेल,आशीष नंदे,राहुल मैत्री,मुकेश साहू,विशाल आनंद,बिक्कूमालाकार,
सत्यम वाजपेयी प्रकाश साहू,गज्जू यादव मयंक पटेल के साथ कलेक्ट्रेट
पहुंच कर किसानों की समस्यायों का 15 दिवस में निराकरण करने कहा है उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि। किसानों के लिए केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा लाये गये
नये प्रावधान किसान
एग्रीस्टेक पोर्टल में विभिन्न प्रकार की खामिया है, जिससे किसान विगत तीन माह से कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबुर है। किन्तु फिर भी किसानों की समस्या कासमाधान नहीं हो पा रहा है। अतः निम्नांकित बिन्दुओं के आधार पर आवश्यक दिशा निर्देश विभागो को प्रदान कर किसानों को राहत दिलाये :-1. एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान रक्बा खसरा का पंजीयन करा रहे है किन्तु एग्रीस्टेक पोर्टल पंजीयन का किसान पोर्टल में डाटा नहीं जा रहा है तथा दोनो पोर्टल आपस में मेल नहीं खा रहे है।2. विभाग द्वारा गिरदावरी / भौतिक सत्यापन कराया गया है।किन्तु
कई जगह संबंधित
पटवारीयों व अन्य कर्मचारीयों द्वारा स्वयं भौतिक सत्यापन न करके ठेके में अन्य व्यक्तियों से करवाया गया है, जिससे कई जगह धान के फसल में बिना कुछ धान लिखे सत्यापन कर दिया गया है तथा कुछ जगह धान सामान्य के जगह बासमती एवं अन्य फसल लिख कर सत्यापन कर दिया गया है। जिससे हजारों किसान का रक्बा किसान पोर्टल में धान के जगह अन्य फसल या रक्बा शुन्य दिखा रहा है।3. कई जगह पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा 20 डिसमिल से कम रक्बा का भौतिक सत्यापन नहीं कर रहे है जिससे छोटे किसान धान बेचने में असमर्थ हो जा रहे है।4. एग्रीस्टेक एवं किसान पोर्टल में किसानों का रक्बा गायब हो जा रहा है, जिससे किसान
5.बार-बारऑनलाईन करा कर तथाकार्यालयों के चक्कर लगाकर थक गए है।5. विगत वर्ष बी.1 पी2 नक्शा, खसरा ऑनलाईन पोर्टल भूईया में दिखा रहा था किन्तु इस वर्ष हजारों किसानों का बी.1 पी2 नक्शा, खसरा पोर्टल से गायब है या किसी अन्य नाम से दिखा रहा है। जबकी विगत वर्ष सब डाटा ठीक था इसके कारण किसान पटवारी, तहसील कार्यालय का चक्कर लगाने के लिए मजबुर है। तथा अनेक जगह से शिकायत मिल रही है कि इन छोटे-छोटे कार्यों के लिए संबंधित अधिकारीयों/कर्मचारियों द्वारा पैसों की मांग किया जाता है। जो कि भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा जड़ बन रहा है। अतः इनपर लगाम लगाना बहुत जरूरी है। क्या ऑनलाईन पोर्टल से इनका रक्बा, खसरा, बी.1, पी2 जानबुझकर गायब कर दिया जाता है, ताकि इसके एवज में अनैतिक लाभ कमाया जा सके।6. बिना एग्रीस्टेक पोर्टल के किसानों का धान किसान पोर्टल के माध्यम से इस वर्ष खरिदा जाये।7. धान खरीदी 1 नवंम्बर से शुरू किया जाये। क्योंकि किसानों फसल की कटायी शुरू हो गई है तथा किसान धान को बाहर रखने पर पानी से खराब होने का डर है, अतः धान की खरीदी तत्काल शुरू की जाये।8. मोन्था चक्रवात के वजह से किसानों के धान का बहुत नुकसान हुआ है अतः आकलन कर सभी किसानों को मुआवजा प्रदान किया जायें।अतः उपरोक्त किसानों की सभी समस्याओं का 15 नवम्बर के पूर्व निराकरण नहीं होने कि स्थिति में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसके सम्पूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होंगी।



