Home रायगढ़ सारंगढ व रायगढ में पूर्व में पदस्थ दो आईएएस अधिकारियों से आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो(ईओडब्ल्यू) ने की घण्टों की पूछताछ,मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन में घोटाले का है मामला। दीपक थवाईत द्वारा

सारंगढ व रायगढ में पूर्व में पदस्थ दो आईएएस अधिकारियों से आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो(ईओडब्ल्यू) ने की घण्टों की पूछताछ,मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन में घोटाले का है मामला। दीपक थवाईत द्वारा

by P. R. Rajak Chief Editor
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प्रदेश में कोल घोटाले के बाद सबसे ज्यादा सुर्खियों में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन का घोटाला है, जिसमें 700 करोड़ से अधिक की अनियमितताओं की जांच जारी है। कम कीमत के मेडिकल सामानों को 1000 गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी चूना लगा। विधानसभा में भी यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया, और अब मामले की जांच जोरों से चल रही है

तीन IAS अधिकारियों जिसमें से दो हमारे सारंगढ व रायगढ में पदस्थ दो आईएएस जांच के दायरे में हैं जिनसे पूछताछ शुरू हो चूकी है

इस घोटाले में अब तक तीन IAS अफसरों के नाम सामने आ चुके हैं—भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और पद्मिनी भोई साहू। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने सरकार से इन अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति मांगी थी। अब तीनों को समन जारी कर जांच के लिए बुलाया गया है।

IAS भीम सिंह से पूछताछ का सिलसिला शुरू हो चुका है। गुरुवार को उनसे चार घंटे से अधिक समय तक गहन पूछताछ हुई। हालांकि, अभी तक जांच एजेंसी को मिली जानकारी का खुलासा नहीं हुआ है।

IAS चंद्रकांत वर्मा से छह घंटे की पूछताछ

इससे पहले IAS चंद्रकांत वर्मा, जो वर्तमान में कलेक्टर के पद पर हैं, से लगभग छह घंटे तक पूछताछ की गई जांच में क्या खुलासा हुआ इसकी पुष्ट जानकारी नहीं मिली. है पर अपुष्ट सूत्रों ने बताया है कि उनके कार्यकाल में कई विवादास्पद टेंडर जारी हुए और करोड़ों का सामान खरीदा गया था। जांच एजेंसी को उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। सूत्रों का कहना है कि CGMSC में जो भी पदस्थ रहा, वह भारी मुनाफे के साथ ही निकला।

भ्रष्ट अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

अब बारी CGMSC की मौजूदा MD पद्मिनी भोई साहू की है। ऐसी जानकारी मिली है कि उन्हें भी जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री इस घोटाले से बेहद नाराज हैं और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई के पक्ष में हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने भी कहा है कि सुशासन की सरकार में भ्रष्ट अफसरों की गिरफ्तारी होनी चाहिए।

1000 करोड़ तक पहुंच सकता है घोटाले का आंकड़ा!

जांच से जुड़े सूत्रों का मानना है कि अगर इस मामले की तह तक जाया जाए, तो यह घोटाला 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। जांच एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि इस भ्रष्टाचार में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

पूर्व सरकार में था जलवा, अब शायद इनकी कुर्सी खतरे में नजर आ रही है।

सूत्रों के अनुसार, भूपेश सरकार के कार्यकाल में इन तीनों IAS अफसरों का दबदबा था। स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों का खेल खेला गया, जिसमें टेंडर प्रक्रिया से लेकर खरीदी तक में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। अब जब ACB और EOW ने जांच को तेज कर दिया है, तो जल्द ही इस घोटाले से जुड़े और बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना है।

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