Home रायगढ़ 15 अगस्त तक मत्स्याखेट पर रोक : उल्लंघन पर हो सकता है जुर्माना और सजा

15 अगस्त तक मत्स्याखेट पर रोक : उल्लंघन पर हो सकता है जुर्माना और सजा

by P. R. Rajak Chief Editor
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*15 अगस्त तक मत्स्याखेट पर रोक : उल्लंघन पर हो सकता है जुर्माना और सजा*

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 17 जून 2025/वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुये उन्हें सरंक्षण देने हेतु राज्य में छत्तीसगढ़ नदी मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा 3 उपधारा-2 (दो) के तहत 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को बंद ऋतु (क्लोज सीजन) के रूप में घोषित किया है। जिले के मछली पालन विभाग के प्रभारी अधिकारी एन पी ओगरे ने आम जनता को जानकारी दी है कि छत्तीसगढ प्रदेश के सभी तालाबों एवं जल स्त्रोतों में जिनका संबंध नदी नालों से नही है, के अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर को छोड़कर सभी प्रकार के जल संसाधनों में 16 जून से 15 अगस्त 2025 तक मत्स्याखेट कार्य पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। इन नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के नियम- 3 (5) के अंतर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा 10000/-रूपये का जुर्माना अथवा दोनो एक साथ होने का प्रावधान है।सारंगढ़ बिलाईगढ़, 17 जून 2025/वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुये उन्हें सरंक्षण देने हेतु राज्य में छत्तीसगढ़ नदी मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा 3 उपधारा-2 (दो) के तहत 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को बंद ऋतु (क्लोज सीजन) के रूप में घोषित किया है। जिले के मछली पालन विभाग के प्रभारी अधिकारी एन पी ओगरे ने आम जनता को जानकारी दी है कि छत्तीसगढ प्रदेश के सभी तालाबों एवं जल स्त्रोतों में जिनका संबंध नदी नालों से नही है, के अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर को छोड़कर सभी प्रकार के जल संसाधनों में 16 जून से 15 अगस्त 2025 तक मत्स्याखेट कार्य पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। इन नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के नियम- 3 (5) के अंतर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा 10000/-रूपये का जुर्माना अथवा दोनो एक साथ होने का प्रावधान है।

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