36
छात्र सुरक्षा बीमा योजना को गंभीरता से करें क्रियान्वयन-डीईओ पटेलसारंगढ जिला शिक्षा अधिकारी एलपी पटेल ने कहा कि प्रदेश में 2005 से छात्र सुरक्षा बीमा योजना लागू है।लेकिन अधिकांश अभिभावकों/छात्रों को इस महत्वपूर्ण योजना की समुचित जानकारी नहीं होने के कारण वे योजना से वंचित रह जाते हैं।सरकारी स्कूल/कालेज या अनुदान प्राप्त विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की किसी दुर्घटना में मृत्यु या दिव्यांग होने की स्तिथि मे इस योजना की पात्रता मिलती है।पूर्व मे छात्र सुरक्षा बीमा योजना की राशि दस हजार थी जिसे 2017 में बढ़कर एक लाख रुपए किया गया है। पर्याप्त जानकारी के अभाव में परिजनों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। डीईओ पटेल ने कहा कि उन्होंने जिले के सभी प्राचार्यों /संस्था प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे इसके लिए विशेष जन जागरूकता अभियान चलाए। ग्राम सभा,प्रबंध समितियों की बैठक आदि के माध्यम से व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार कर अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करने हरसंभव प्रयास करें। डीईओ पटेल ने कहा कि छात्र सुरक्षा बीमा योजना का लाभ कक्षा पहली से बारहवीं और कालेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिलता है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी की दुर्घटना में मृत्यु या अपंगता/घायल होने की स्तिथि में परजनों को संबंधित स्कूल प्रबंधन को सूचना देनी होती है।दाखिला प्रमाण पत्र मृत्यु हो जाने की स्थिति मे एफआईआर और मृत्यु प्रमाण पत्र या दुर्घटना में अपंगता होने पर मुख्य स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी द्वारा निः शक्तता प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करना होता है।संबंधित स्कूल/कॉलेज के प्रधान पाठक/प्राचार्य संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रकरण को भेजते है। समस्त आवश्यक दस्तावेज पूरे होने के बाद परिजनों को छात्र सुरक्षा बीमा योजना की राशि प्रदाय किया जाता है।
एलपी पटेल ने आगे बताया कि सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला बनने के बाद से पहली बार मेरे द्वारा छात्र सुरक्षा बीमा योजना को गंभीरता से लेते हुए कुल 23 प्रकरणों में से 17प्रकरण पर संबंधितो के परिजनो को राशि प्रदाय किया जाएगा।शेष प्रकरण के लिए आबंटन की मांग किया जा रहा है।आबंटन मिलते ही उनके परिजनों को राशि प्रदाय कर दी जाएगी।सारंगढ जिला शिक्षा अधिकारी एलपी पटेल ने कहा कि प्रदेश में 2005 से छात्र सुरक्षा बीमा योजना लागू है।लेकिन अधिकांश अभिभावकों/छात्रों को इस महत्वपूर्ण योजना की समुचित जानकारी नहीं होने के कारण वे योजना से वंचित रह जाते हैं।सरकारी स्कूल/कालेज या अनुदान प्राप्त विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की किसी दुर्घटना में मृत्यु या दिव्यांग होने की स्तिथि मे इस योजना की पात्रता मिलती है।पूर्व मे छात्र सुरक्षा बीमा योजना की राशि दस हजार थी जिसे 2017 में बढ़कर एक लाख रुपए किया गया है। पर्याप्त जानकारी के अभाव में परिजनों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। डीईओ पटेल ने कहा कि उन्होंने जिले के सभी प्राचार्यों /संस्था प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे इसके लिए विशेष जन जागरूकता अभियान चलाए। ग्राम सभा,प्रबंध समितियों की बैठक आदि के माध्यम से व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार कर अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करने हरसंभव प्रयास करें। डीईओ पटेल ने कहा कि छात्र सुरक्षा बीमा योजना का लाभ कक्षा पहली से बारहवीं और कालेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिलता है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी की दुर्घटना में मृत्यु या अपंगता/घायल होने की स्तिथि में परजनों को संबंधित स्कूल प्रबंधन को सूचना देनी होती है।दाखिला प्रमाण पत्र मृत्यु हो जाने की स्थिति मे एफआईआर और मृत्यु प्रमाण पत्र या दुर्घटना में अपंगता होने पर मुख्य स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी द्वारा निः शक्तता प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करना होता है।संबंधित स्कूल/कॉलेज के प्रधान पाठक/प्राचार्य संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रकरण को भेजते है। समस्त आवश्यक दस्तावेज पूरे होने के बाद परिजनों को छात्र सुरक्षा बीमा योजना की राशि प्रदाय किया जाता है।
एलपी पटेल ने आगे बताया कि सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला बनने के बाद से पहली बार मेरे द्वारा छात्र सुरक्षा बीमा योजना को गंभीरता से लेते हुए कुल 23 प्रकरणों में से 17प्रकरण पर संबंधितो के परिजनो को राशि प्रदाय किया जाएगा।शेष प्रकरण के लिए आबंटन की मांग किया जा रहा है।आबंटन मिलते ही उनके परिजनों को राशि प्रदाय कर दी जाएगी।