*कलेक्टर डॉ कन्नौजे ने स्टॉप डायरिया प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया*
सारंगढ़ बिलाईगढ़, 16 जून 2025/
कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने कलेक्ट्रेट परिसर सारंगढ़ से स्टॉप डायरिया प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रचार रथ जिले के गांवों में जाकर डायरिया रोग के रोकथाम के लिए प्रचार प्रसार करेगा। कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे के निर्देशानुसार डॉ एफ आर निराला सीएमएचओ के मार्गदर्शन में जिले 16 जून से स्टॉप डायरिया कैंपेन प्रारंभ हुआ है। इसके अंतर्गत जन्म से 5 वर्ष के बच्चो में मृत्यु का एक मुख्य कारण डायरिया होता है, जिसका शीघ्र निदान एवं उपचार से शिशुओं में मृत्यु दर को कम कर सकते है। इस कारण 16 जून से 31 जून तक जिले के प्रत्येक गांव में ये अभियान चलेगी।
आयोजित कार्यक्रम में एएनएम और मितानिनों को डायरिया प्रबंधन, उपचार एवं काउंसलिंग के लिए सेक्टर स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वास्थ्य केंद्रों की पानी की टंकियों की सफाई कराई जाएगी। सभी घरों के टंकी को सफाई कराई के लिए प्रेरित भी की जाएगी। ओआरएस और जिंक की उपलब्धता दवा वितरक तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। प्रचार प्रसार की गतिविधियां ग्राम स्तर पर नारा लेखन, विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार टीवी, रेडियो से लेकर व्हाट्सप्प, फेसबुक, ट्विटर और कोटवार द्वारा मुनादी आदि से की जाएगी। एएनएम एवं मितानिन को प्रशिक्षित करना, हाथ धोने की विधि को आम जनता के सामने करके दिखाना है कि, ओआरएस की घोल कैसे बनाई जाती है, बना के दिखाना, जब ओआरएस के पैकेट उपलब्ध न हो उस वक्त नमक चीनी के साथ घोल कैसे बनाए बना कर सीखना, सुरक्षित पेयजल एवं स्वच्छ शौचालय के बारे में बताना।
दिशानिर्देश के अनुसार दस्त प्रबंधन में प्लान ए, प्लान बी एवं प्लान सी के बारे में बताना। हर स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस एवं जिंक कॉर्नर बनाना , ओपीडी, वार्डो में एनआरसी में डायरिया प्रबंधन, हाथ धोने की विधि, ओआरएस घोल बनाने की विधि के बारे में बताना, पहुंच विहीन क्षेत्रों में दवाई की उपलब्धता सुनिश्चित करना, गंभीर दस्त के लक्षणों या जटिलताओं को लोगो को बताना जलजनित बीमारियों के बारे में पब्लिक को जागरूक करना, उच्च जोखिम वाले श्रेत्र जैसे ईंट भटा, खानाबदोश, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, प्रवासी मजदूर, मलिन बस्ती इत्यादि।
*मितानिन एवं एएनएम के द्वारा की जाने वाले कार्यवाही*
मितानिन उन सभी घरों में जायेंगे, जहां जन्म से 5 वर्ष के बच्चे होंगे वहां ओआरएस एवं जिंक की गोली छोड़ेंगे। डायरिया होने की स्थिति में कैसे देने है बताएंगे। यहां हाथ धोने की विधि, ओआरएस घोल बनाने की विधि सिखाएंगे। मितानिन द्वारा स्वच्छता के बारे में भी बताएंगे तथा डायरिया के जटिलताओं को घर वाले को बताएंगे। दस्त के दौरान किए जाने वाले सावधानी की जानकारी भी एएनएम देंगे। स्कूल, शिविर, संकुल बैठक आउटरीच सत्र में भी जागरूक किए जाएंगे। चिरायु टीम के द्वारा भी आंगनवाड़ी केंद्रों एवं स्कूलों में इन बातों को सिखाएंगे। बच्चो के नाखून काटने, खाना खाने के पहले साबुन से हाथ धोने की विधि तथा शौच के बाद हाथ धोने के महत्व को बताएंगे। स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस एवं जिंक की उपलब्धता बनी रहे। ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की प्रिंट कराकर वार्डो में लगाई जाय सुनिश्चित करेंगे।सारंगढ़ बिलाईगढ़, 16 जून 2025/
कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने कलेक्ट्रेट परिसर सारंगढ़ से स्टॉप डायरिया प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रचार रथ जिले के गांवों में जाकर डायरिया रोग के रोकथाम के लिए प्रचार प्रसार करेगा। कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे के निर्देशानुसार डॉ एफ आर निराला सीएमएचओ के मार्गदर्शन में जिले 16 जून से स्टॉप डायरिया कैंपेन प्रारंभ हुआ है। इसके अंतर्गत जन्म से 5 वर्ष के बच्चो में मृत्यु का एक मुख्य कारण डायरिया होता है, जिसका शीघ्र निदान एवं उपचार से शिशुओं में मृत्यु दर को कम कर सकते है। इस कारण 16 जून से 31 जून तक जिले के प्रत्येक गांव में ये अभियान चलेगी।
आयोजित कार्यक्रम में एएनएम और मितानिनों को डायरिया प्रबंधन, उपचार एवं काउंसलिंग के लिए सेक्टर स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वास्थ्य केंद्रों की पानी की टंकियों की सफाई कराई जाएगी। सभी घरों के टंकी को सफाई कराई के लिए प्रेरित भी की जाएगी। ओआरएस और जिंक की उपलब्धता दवा वितरक तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। प्रचार प्रसार की गतिविधियां ग्राम स्तर पर नारा लेखन, विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार टीवी, रेडियो से लेकर व्हाट्सप्प, फेसबुक, ट्विटर और कोटवार द्वारा मुनादी आदि से की जाएगी। एएनएम एवं मितानिन को प्रशिक्षित करना, हाथ धोने की विधि को आम जनता के सामने करके दिखाना है कि, ओआरएस की घोल कैसे बनाई जाती है, बना के दिखाना, जब ओआरएस के पैकेट उपलब्ध न हो उस वक्त नमक चीनी के साथ घोल कैसे बनाए बना कर सीखना, सुरक्षित पेयजल एवं स्वच्छ शौचालय के बारे में बताना।
दिशानिर्देश के अनुसार दस्त प्रबंधन में प्लान ए, प्लान बी एवं प्लान सी के बारे में बताना। हर स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस एवं जिंक कॉर्नर बनाना , ओपीडी, वार्डो में एनआरसी में डायरिया प्रबंधन, हाथ धोने की विधि, ओआरएस घोल बनाने की विधि के बारे में बताना, पहुंच विहीन क्षेत्रों में दवाई की उपलब्धता सुनिश्चित करना, गंभीर दस्त के लक्षणों या जटिलताओं को लोगो को बताना जलजनित बीमारियों के बारे में पब्लिक को जागरूक करना, उच्च जोखिम वाले श्रेत्र जैसे ईंट भटा, खानाबदोश, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, प्रवासी मजदूर, मलिन बस्ती इत्यादि।
मितानिन एवं एएनएम के द्वारा की जाने वाले कार्यवाही
मितानिन उन सभी घरों में जायेंगे, जहां जन्म से 5 वर्ष के बच्चे होंगे वहां ओआरएस एवं जिंक की गोली छोड़ेंगे। डायरिया होने की स्थिति में कैसे देने है बताएंगे। यहां हाथ धोने की विधि, ओआरएस घोल बनाने की विधि सिखाएंगे। मितानिन द्वारा स्वच्छता के बारे में भी बताएंगे तथा डायरिया के जटिलताओं को घर वाले को बताएंगे। दस्त के दौरान किए जाने वाले सावधानी की जानकारी भी एएनएम देंगे। स्कूल, शिविर, संकुल बैठक आउटरीच सत्र में भी जागरूक किए जाएंगे। चिरायु टीम के द्वारा भी आंगनवाड़ी केंद्रों एवं स्कूलों में इन बातों को सिखाएंगे। बच्चो के नाखून काटने, खाना खाने के पहले साबुन से हाथ धोने की विधि तथा शौच के बाद हाथ धोने के महत्व को बताएंगे। स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस एवं जिंक की उपलब्धता बनी रहे। ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की प्रिंट कराकर वार्डो में लगाई जाय सुनिश्चित करेंगे।