Home रायगढ़ विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ ने चलाया जागरूकता अभियान

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ ने चलाया जागरूकता अभियान

by P. R. Rajak Chief Editor
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विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर विशेष। सारंगढ़ _ दिनांक 10 सितंबर को पूरा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाता है जिले के कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे के निर्देशानुसार जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एफ आर निराला के द्वारा जागरूकता अभियान के अंतर्गत गत दिवस दानसरा के हाई स्कूल में इस विषय पर अपनी बात रखी आत्महत्या क्या है स्वयं को मारना या जानबूझ कर अपने मृत्यु का कारण बनना ही आत्महत्या है। यदि हम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट को देखेंगे तो वर्ष 2021 मैक 703000 लोगो ने आत्म हत्या दुनिया भर में किए है इसी अवधि में हमारे देश में 164033 लोगों ने आत्महत्या किए है याने हमारे देश में ही प्रतिदिन 450 आत्महत्या हो रही है याने प्रति घंटे 18 आत्महत्या अर्थात प्रति 3 मिनट में एक आत्महत्या हो रही है यह संख्या बहुत ज्यादा होता है आत्मा हत्या करने वाले में महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में ज्यादा है आत्महत्या करने वाले में लगभग 38 % जहर खुराकी से मरते है ,32% लोग फांसी लगाकर आत्महत्या करते है तथा शेष एक तिहाई लोग आगजनी ,पानी में डूब कर या अन्य कारणों से मरते है हमारे देश में आत्महत्या करना अपराध की श्रेणी में था और आईपीसी की धारा 309 कायम हुआ करती थी लेकिन अब इसमें संशोधन हो चुका है दुनिया में एक देश नीदरलैंड ऐसा देश है जहां इच्छा मृत्यु वैध है। आत्महत्या करने के कारण आत्महत्या करने के अनेकों कारण है जैसे 1 _ अवसाद ( डिप्रेशन) व्यक्ति किसी भी कारण से अत्यधिक डिप्रेशन का शिकार रहता है तब उसके दिमाक में आत्महत्या कर लेने का विचार आता है 2____ व्यक्तित्व विकार। व्यक्ति लंबे समय तक बीमार रहता है तब भी दिमाक में इस प्रकार के नकारात्मक विचार जिसमे आत्महत्या कर लेना सोचने लगता है 3___ नशे की आदत। नशे की आदत में चूर व्यक्ति अंत में मर जाना को सोचता है नशा चाहे तंबाखू का हो ,दारू चरस अफीम ,गांजा आदि का हो यह व्यक्ति अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेना सोचता है 4 _ दिमाकी बीमारी। व्यक्ति मानसिक रोगी होता है तब भी अपनी जिंदगी खत्म करने सोचता है 5 _ सामाजिक समस्या। किसी प्रकार की सामाजिक प्रताड़ना होने पर भी व्यक्ति मरने का विचार करने लगता है 6 तनाव कम तनाव एक प्रेरक का कार्य करता है लेकिन यदि तनाव ज्यादा हो या ज्यादा दिनों का हो तब भी आत्महत्या कर लेना सोचता है तनाव तीव्र ,प्रासंगिक या दीर्घ कालिक हो सकता है आत्महत्या करने के यदि मूल कारण को पता करे तब पता चलता है कि। A _ पारिवारिक कारण से B घरेलू हिंसा के कारण C _ शैक्षणिक असफलता या बेरोजगारी के कारण D वित्तीय घाटा E धोखा खाने से परिजन या प्रेमी से धोखा खाने के कारण भी लोग आत्महत्या करने के लक्षण। जो व्यक्ति आत्महत्या करने को सोचता है उसमें निम्न लक्षण दिखता है और इसी स्टेज में गंभीरता , सक्रियता से पहचान कर ले तो आत्म हत्या के प्रकरण को कम किया जा सकता है उनको समझाइश देकर ,काउंसलिंग करके जान बचाई जा सकती है लक्षण देखकर कैसे पहचानेंगे 1 व्यक्ति अपने बारे में झूठ बोलना 2 लोगो के बीच में रहने से कतराना। ( अकेला रहना पसंद करता है) 3 जिंदगी को अच्छा नहीं मानता 4 खाने और सोने की आदत में बदलाव होना। 5 बात बात में मारने की बात करना। इस प्रकार के लक्षण दिखने पर तत्काल मदद करने पर उसकी जान बचाई जा सकती है इसी की जागरूकता अभियान 10 सितंबर से 16 सितंबर तक चलाई जा रही है जिसमे स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राओं को जागरूक करना ही इस अभियान का मुख्य उद्वेश्य है जिले में किसी भी प्रकार की मानसिक रोगों के बारे में जानकारी लेने या सुसाइड टेंडेंसी को कम करने के लिए मदद चाहिए तो जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ नरेंद्र रात्रे चिकित्सा अधिकारी मोबाइल नंबर 9098027817 से संपर्क कर सकते है

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