Home रायगढ़ नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के राजीनामा के आधार पर हुआ प्रकरणों का निपटारा

नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के राजीनामा के आधार पर हुआ प्रकरणों का निपटारा

by P. R. Rajak
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जिला न्यायालय में आयोजित द्वितीय नेशनल लोक अदालत की सफलता में जुड़ा स्वर्णिम अध्याय
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायमूर्ति एवं संरक्षक श्री रमेश सिन्हा ने वर्चुअल माध्यम से लोक अदालत की सफलता हेतु दी बधाईयां

रायगढ़। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में 13 जुलाई 2024 को सम्पूर्ण जिला रायगढ़ में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया, उक्त आयोजन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायमूर्ति एवं संरक्षक श्री रमेश सिन्हा के दिशा-निर्देश एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के न्यायमूर्ति एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर श्री गौतम भादुड़ी के मार्गदर्शन में आयोजन किया गया है।
नेशनल लोक अदालत, जो वर्चुअल एवं फिजिकल दोनों माध्यमों से जिला न्यायालय रायगढ़ सहित तहसील न्यायालय सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़, खरसिया तथा बिलाईगढ़ में आयोजित किया गया। आयोजित उक्त नेशनल लोक अदालत के अवसर पर माननीय छग उच्च न्यायालय बिलासपुर से पोर्टफोलियो जज/न्यायमूर्ति श्री रविन्द्र कुमार अग्रवाल का आगमन हुआ।
सर्वप्रथम न्यायमूर्ति श्री रविन्द्र कुमार अग्रवाल के द्वारा जिला मुख्यालय रायगढ़ के न्यायालयीन परिसर में मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया। उक्त कार्यक्रम में, माननीय श्री जितेन्द्र कुमार जैन, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्री प्रबोध टोप्पो, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय सहित समस्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा समस्त मजिस्ट्रेट, सचिव श्रीमती अंकिता मुदलियार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला अधिवक्ता संघ से अध्यक्ष श्री रमेश शर्मा सहित अन्य अधिवक्तागण तथा राजीनामा हेतु उपस्थित पक्षकारगण, न्यायालयीन कर्मचारीगण एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी उपस्थित रहे।


छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं जिला रायगढ़ के पोर्टफोलियों जज माननीय श्री रविन्द्र कुमार अग्रवाल द्वारा न्यायालय भ्रमण कर प्रत्येक खण्डपीठ में जाकर पक्षकारों का तथा पीठासीन अधिकारियों का उत्साहवर्धन किया।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं जिला रायगढ़ के पोर्टफोलियों जज श्री रविन्द्र कुमार अग्रवाल द्वारा न्यायालय भ्रमण किया गया भ्रमण के दौरान उनके साथ जिला न्यायालय रायगढ़ के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री जितेन्द्र कुमार जैन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री देवेन्द्र साहू, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती अंकित मुदलियार, अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष  श्री नरेन्द्र प्रधान एवं सचिव श्री शरद पाण्डेय उपस्थित रहें। न्यायमूर्ति न्यायालय में गठित प्रत्येक खण्डपीठ में गये वहां पर पक्षकारों को लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण निराकृत करने हेतु प्रेरित किया, प्रत्येक खण्डपीठ में जाकर पीठासीन अधिकारी एवं सदस्यों को बताया गया, कि उनके माध्यम से आज जो राजीनामा होगें उनसे लोगों के बीच न्याय का संबंध और मजबूत होगा, उन्होंने पक्षकारों से बातचीत कर यह बताया, कि लोक अदालत का उद्देश्य केवल यह है, कि न किसी की जीत और न किसी की हार और जीत केवल न्याय की हो। न्यायमूर्ति द्वारा अधिवक्ता संघ के कार्यालय में जाकर अधिवक्ता बंधुओं से बातचीत कर उन्हें लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण निराकरण करने हेतु सहयोग प्रदान करने के लिये प्रेरित किया गया।


जिला रायगढ़ की खण्डपीठ 11 में निराकृत हुुआ ऐतिहासिक प्रकरण जिसमें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति ने पक्षकारों को आगामी जीवन प्रेम और स्नेह के साथ व्यतीत करने की शुभकामनाओं के साथ, साथ-साथ घर जाने के लिए किया प्रेरित।
  जिला- रायगढ़ के लिए नेशनल लोक अदालत का सफर उस समय यादगार बन गया, जब श्री प्रवीण मिश्रा खण्डपीठ क्रमांक 11 में माननीय न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल पहुंचे तब उक्त खंडपीठ में 02 वरिष्ठजन को खंडपीठ के न्यायाधीश समझा रहे थे, प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार था, कि वर्ष 2021 में लगभग 65 वर्षीय वरिष्ठ महिला ने अपने पति एवं संतानों के विरुद्ध घरेलू हिंसा का मामला पेश किया था, जिसमें पति एवं बच्चों द्वारा प्रताडऩा की शिकायत उन्होंने की थी समझाईश देने के दौरान माननीय न्यायमूर्ति उक्त खण्डपीठ में उपस्थित हुए और उन्होंने सारे प्रकरण की जानकारी ली, वरिष्ठ महिला ने माननीय न्यायमूर्ति को सारी घटना की जानकारी दी तब न्यायमूर्ति द्वारा उपस्थित पक्षकार के पति और बच्चों को समझाया गया, और कहां गया, कि दामपत्य जीवन में प्रेम ही सम्पूर्ण जीवन की मूल धारा है, जिसमे ंक्रुरता का कोई स्थान नहीं है और बच्चों के लिए माता-पिता ईश्वर है, जिनकी पूजा मात्र से संतानों के भूत वर्तमान एवं भविष्य के कर्मों का फल प्राप्त होता है, इसपर वरिष्ठ महिला के पति एवं संतानों ने अपनी गलती को मानते हुए पत्नि एवं मां से क्षमा मागीं इसी दौरान ऐतिहासिक पल तब आया, जब छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के माननीय मुख्य न्यायमूर्ति एवं संरक्षक श्री रमेश सिन्हा महोदय जी वर्चुअल माध्यम से उक्त खण्डपीठ से जुड़े और उनके द्वारा भी बुर्जुग दंपत्ति को विवाद छोड़कर प्रेम और स्नेह का रास्ता अपनाने को कहां गया, जिस पर पूरा परिवार राजी हो गया, उक्त प्रकरण में खण्डपीठ में उपस्थित समस्त व्यक्ति भावुक हो गये, और न्यायमूर्ति श्री रविन्द्र कुमार अग्रवाल महोदय जी द्वारा उन्हें फलदार वृक्ष देकर राजीखुशी दामपत्य जीवन निर्वहन करने की शुभकामना देकर घर भेजा।
पुत्र की परिभाषा जन्म लेते ही सृष्टि में उन्हें लाने वाले देव तुल्य माता-पिता के लिए श्रवण कुमार की तरह होती है, और हर संतान को अपने दायित्यों एवं कर्तव्यों का अपने माता-पिता के प्रति श्रवण कुमार की तरह करना चाहिए।


इस नेशनल लोक अदालत में यह भी विशेष रही कि परिवार न्यायालय रायगढ खण्डपीठ क्र0-2 में रखे गये भरण-पोषण का मामला विविध आपराधिक प्रकरण क्र0-एफ 11/2024 में माननीय न्यायमूर्ति श्री रविन्द्र कुमार अग्रवाल द्वारा उभयपक्षकारों को लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण निराकरण के महत्व के बारे में बताया गया। साथ ही सन्तान का दायित्व केवल पुत्र रहने मात्र से पूर्ण नहीं होता, उसे श्रवण कुमार की तरह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होता है, की समझाईश दी गई। माननीय महोदय द्वारा दी गई उक्त समझाईश से दोनों पक्षकार के द्वारा खण्डपीठ के समक्ष राजी-खुशी से समझौता कर अनावेदक पुत्र द्वारा आवेदकगण माता-पिता को 10,000- 10,000/- रूपये प्रतिमाह भरण पोषण की राशि अदा करने हेतु सहमति देते हुए अपना प्रकरण समाप्त किया गया।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं जिला रायगढ़ के पोर्टफोलियों जज श्री रविन्द्र कुमार अग्रवाल द्वारा न्यायालय परिसर में वृक्षारोपण कर नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

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