मुख्य साजिशकर्ता शिव साहू पहले से हत्या के मामले में जेल में बंद, 7 जुलाई को पैसा वसूली के बहाने बुलाकर कार में गमछे से की गई गला घोंटकर हत्या
रायगढ़। लैलूंगा के पूर्व विधायक चक्रधर सिदार के भाई एवं ग्राम पंचायत पाकरगांव के सचिव जयपाल सिदार (43 वर्ष) की गुमशुदगी के मामले का रायगढ़ पुलिस ने गंभीर जांच के बाद सनसनीखेज खुलासा करते हुए इसे एक सुनियोजित किलिंग करार दिया है। इस हत्या में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता शिव साहू पूर्व से ही हत्या के एक अन्य मामले में जेल में बंद है। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट से शुरू कर हत्या की गुत्थी को सुलझाने में उल्लेखनीय सफलता पाई है।

पुलिस के मुताबिक जयपाल सिदार 7 जुलाई को अपनी स्विफ्ट डिजायर कार (क्रमांक CG12 BA 6453) से बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद लापता हो गए थे। उनके परिजनों ने 8 जुलाई को थाना लैलूंगा में गुम इंसान क्रमांक 46/2025 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शुरुआती खोजबीन में जब कोई ठोस सुराग नहीं मिला तो पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएसपी अनिल विश्वकर्मा, साइबर सेल और थाना लैलूंगा की संयुक्त टीम गठित की। एडिशनल एसपी आकाश मरकाम व एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी भी जांच में जुड़े।पुलिस ने जयपाल सिदार की मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज व अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के विश्लेषण के साथ तफ्तीश तेज की। इस दौरान तीन युवकों शुभम गुप्ता, कमलेश यादव और मदन गोपाल सिदार की गतिविधियाँ संदिग्ध पाई गईं।

पुरानी रंजिश के चलते हत्या के लिए एक लाख की देने की बात
पूछताछ में आरोपी शुभम गुप्ता ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि रायगढ़ फुटहामुडा निवासी शिव साहू ने, जो कि पहले से हत्या मामले में जेल में बंद है, 6 महीने पहले पेरोल पर आकर जयपाल सिदार से पुरानी रंजिश के चलते उसकी हत्या के लिए 1,00,00,000 की देने की बात कही थी। शुभम ने यह प्रस्ताव स्वीकार करते हुए जून माह में अपने दो साथियों के साथ हत्या की योजना बनाई और 3 जुलाई को शिव साहू से पुनः पेरोल पर लौटने पर जयपाल की हत्या की बात हुई और शिव से ₹10,000 उसी दिन लिया। हत्या की योजना के तहत 7 जुलाई की सुबह जयपाल सिदार को कोतबा जाने के बहाने बुलाया गया। शुभम, कमलेश और मदन गोपाल उनके साथ उन्हीं की कार में सवार होकर जशपुर रोड की ओर निकले और रास्ते में गमछा से गला कसकर चलती कार में ही उनकी हत्या कर दी।

शव को सिसरिंगा घाटी में फेंका, हत्या में प्रयुक्त गमछा को जलाकर साक्ष्य मिटाने की कोशिश
इसके बाद शव को कार में छिपाकर आरोपी कई स्थानों पर घूमे और फिर थाना धरमजयगढ़ क्षेत्र के सिसरिंगा घाटी में शव फेंक दिया। मोबाईल को मैनपाट के जंगल में फेंका गया और पकड़े जाने के डर से गाड़ी का नंबर प्लेट हटाकर लाखा (पूंजीपथरा) के पास सड़क किनारे खड़ी कर आरोपी फरार हो गए। साक्ष्य मिटाने की नीयत से हत्या में प्रयुक्त गमछा को भी जला दिया गया।पुलिस ने घटनास्थल से शव को बरामद कर पोस्टमार्टम कराया और मृतक की शिनाख्त के बाद मामला हत्या में तब्दील कर लिया। थाना धरमजयगढ़ में भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1), 238, 61(2), 3(5) BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

प्रकरण की विवेचना असल अपराध थाना लैलूंगा में दर्ज कर की जा रही है, जहां तीनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मदन गोपाल सिदार, पिता सन कुमार सिदार (19 वर्ष), निवासी पाकरगांव, थाना लैलूंगा, रायगढ़। युगल किशोर उर्फ शुभम गुप्ता, पिता वासुदेव गुप्ता (20 वर्ष), निवासी पाकरगांव, थाना लैलूंगा, रायगढ़। कमलेश यादव, पिता बुद्धेश्वर यादव (19 वर्ष), निवासी मथपहाड़, थाना बागबहार, जिला जशपुर।शिव साहू – मुख्य साजिशकर्ता, वर्तमान में हत्या के एक अन्य प्रकरण में जेल में निरुद्ध है। इस गंभीर अपराध की जांच में पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के कुशल मार्गदर्शन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, नगर पुलिस अधीक्षक/साइबर सेल पर्यवेक्षण अधिकारी अनिल विश्वकर्मा,डीएसपी उत्तम प्रताप सिंह तथा एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी के पर्यवेक्षण में कार्य किया गया।
कार्रवाई में थाना प्रभारी लैलूंगा रोहित बंजारे, थाना प्रभारी धरमजयगढ़ सीताराम ध्रुव तथा साइबर सेल व थाना स्टाफ – प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, बृजलाल गुर्जर, दुर्गेश सिंह, रेणु मंडावी, आरक्षक प्रशांत पंडा, महेश पंडा, पुष्पेंद्र जाटवर, विक्रम सिंह, विकास प्रधान, रविन्द्र कुमार गुप्ता, महिला आरक्षक मेनका चौहान सहित प्रधान आरक्षक सोमेश गोस्वामी (कापू), लक्ष्मी कैवर्त (रैरूमाखुर्द), नंद कुमार पैंकरा (लैलूंगा), जॉन टोप्पो (रैरूमाखुर्द), संतराम कैवर्त (लैलूंगा) की सराहनीय भूमिका रही। पुलिस मामले की गहराई से विवेचना कर रही है ।