Home क्राईम न्‍यूज Rajat Kiran News : पुत्र के हत्यारे पिता को आजीवन कारावास की सजा,अपर सत्र न्यायालय घरघोड़ा का फैसला

Rajat Kiran News : पुत्र के हत्यारे पिता को आजीवन कारावास की सजा,अपर सत्र न्यायालय घरघोड़ा का फैसला

by P. R. Rajak
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घरघोड़ा। पिता को दूसरी शादी करने से मना करने पर पुत्र की हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है। बताया जाता है कि अभियुक्त रतिराम मांझी को पुत्र की हत्या का दोषी ठहराया और अपर सत्र न्यायाधीश अभिषेक शर्मा ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा अर्थदण्ड से दंडित करने का दण्डादेश दिया है।

मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना धरमजयगढ़ अन्तर्गत चौकी रैरूमा खुर्द के अपराध क्रमांक 116/2019 के अनुसार गोंदा बाई माझी की रिपोर्ट पर कि दिनांक19 जुलाई एवं 20 जुलाई 2019 की दरमियानी रात लगभग एक बजे अभियुक्त रतिराम माझी अपने पुत्र को दूसरा विवाह करूंगा कह रहा था जिसे उसका पुत्र दूसरा विवाह करने से मना करता था,इसी बात पर पिता पुत्र में विवाद बढ़ गया और दोनों लड़ते झगड़ते घर से बाहर गांव के हुड़ार झोरखा तरफ चले गए।कुछ देर बाद अभियुक्त रतिराम घर आया और अपनी बहू गोंदा बाई के पास आकर बोला कि गोपाल को हुडार झोरखा के पास बहुत मार दिया हूं , और रतिराम घर से निकल कर भाग गया।
सूचना कर्ता गोंदा बाई अपने चाचा ससुर अनिल माझी के साथ जाकर घटना स्थल में देखी तो गोपाल मांझी बेहोश पड़ा था उसके चेहरे पर कई जगह चोट के निशान थे और खून से लथपथ था।

आहत गोपाल मांझी को एम्बुलेंस सेवा से पत्थल गांव अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे किन्तु डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना थाना पत्थल गांव में गोंदा बाई के द्वारा दी गई उक्त सूचना के आधार पर थाना पत्थल गांव में मर्ग कायम कर शव पंचनामा की कार्यवाही की गई तथा। मामला धरमजयगढ़ थाना के क्षेत्र का होने से प्रकरण की डायरी धरमजयगढ़ थाना को अतरित की गई प्रकरण में चौकी प्रभारी धनीराम राठौर ने सूक्ष्मता के साथ मामले की विवेचना की सभी साक्षियों के कथन दर्ज करने के बाद आवश्यक कार्यवाही उपरान्त अभियुक्त रतिराम माझी को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया तथा विवेचना पूर्ण कर अभियुक्त के विरूद्ध धारा 302 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत चालान तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया।

मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश अभिषेक शर्मा ने सभी साक्षियों का परीक्षण प्रति परीक्षण पश्चात उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता गण के तर्क श्रवण करने के बाद अभियुक्त रतिराम माझी को गोपाल मांझी की हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा 1000रू अर्थदण्ड से दण्डित करने का दण्डादेश दिया है। उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने मृतक के विधिक वारिसानो को 100000रू क्षति पूर्ति राशि विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ के माध्यम से दिलाए जाने की अनुशंसा की है। प्रकरण में राज्य की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ठाकुर ने पैरवी की।

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