हत्या कर शव को नाले के पास छोड़ा और खून के दाग़ मिटाया, एक नाबालिग समेत 6 आरोपी गिरफ्तार
रायगढ़। जिले के कोतरारोड़ थाना क्षेत्र में हुए एक व्यक्ति की रहस्यमयी मौत के मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए हत्या को दुर्घटना दिखाने की गहरी साजिश को बेनकाब कर दिया है। 4 जून को मेडिकल कॉलेज रायगढ़ से पुलिस को उसरौट निवासी 24 वर्षीय जलेश्वर सारथी की मौत की सूचना मिली थी, जिस पर थाना कोतरारोड़ में मर्ग क्रमांक 39/2025 धारा 194 बीएनएस के तहत जांच शुरू की गई। प्रारंभिक मर्ग जांच में मृतक के परिजनों और गांव के लोगों से पूछताछ की गई, जिसमें यह जानकारी सामने आई कि मृतक को आखिरी बार 2 जून की रात गांव के ही सत्यनारायण सिदार के घर देखा गया था।
पुलिस के मुताबिक संदेह की सुई तब घूमी जब कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि किशन सिदार उर्फ भूरू नामक युवक गांव के नाले की रेलिंग पर पानी छिड़कते हुए देखा गया था। पुलिस द्वारा भूरू से सघन पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह सत्यनारायण सिदार के कहने पर मृतक जलेश्वर के खून से सने जूते और नाले की रेलिंग पर पानी डालकर सबूत मिटा रहा था। इस खुलासे के बाद जब पुलिस ने सत्यनारायण को फिर से कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने कबूल किया कि 2-3 जून की रात वह और उसका भाई कृपाराम सिदार झगड़ा विवाद हो रहे थे, उसी समय जलेश्वर बीच बचाव करने आया था जिसे सत्यानारायण ने अपने ही घर के आंगन में टांगी से वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था और उसे मृत समझकर घर के लोगों ने घटना को एक्सीडेंट का रूप देने की साजिश रची गई।
इस साजिश में सत्यनारायण के साथ उसके भाई कृपाराम, डिलेश्वर, भाभी लक्ष्मीन सिदार और एक विधि से संघर्षरत बालक भी शामिल था। इन सभी ने मिलकर घायल जलेश्वर को घर के पीछे से उठाकर गांव के नाले के पास ले जाकर लिटा दिया और फिर किशन सिदार उर्फ भूरू को रूपये का लालच देकर छिड़काव मशीन से खून के सबूत मिटवाए। हत्या को छिपाने की इस चालाकी के पीछे की नीयत को पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य, बारीकी से पूछताछ और सटीक सूझबूझ से उजागर कर दिया।कोतरारोड़ पुलिस ने सभी 6 आरोपियों — किशन सिदार उर्फ भूरू (22), लक्ष्मीन सिदार (35), डिलेश्वर सिदार (40), सत्यनारायण सिदार (29), कृपाराम सिदार (32) और विधि से संघर्षरत एक बालक को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर रिमांड पर भेजा है।
इनके खिलाफ थाना कोतरारोड़ में अपराध क्रमांक 264/25 धारा 103(1), 238, 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों से हत्या में प्रयुक्त टांगी, खून साफ करने में प्रयुक्त कीटनाशक छिड़काव मशीन समेत घटना में पहने कपड़े भी बरामद कर लिए हैं। इस सनसनीखेज हत्याकांड के खुलासे में पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के दिशा निर्देशन, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम और डीएसपी सुशांतो बनर्जी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक त्रिनाथ त्रिपाठी, एएसआई डीपी चौहान, प्रधान आरक्षक करुणेश राय, आरक्षक चंद्रेश पांडे, शुभम तिवारी, संजय केरकेट्टा, घनश्याम सिदार और महिला आरक्षक श्यामा सिदार की अहम भूमिका रही।