रायगढ़। जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत लैलूंगा वन परिक्षेत्र में हाथियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीती रात एक मादा हाथी और उसके शावक ने ऐसा उत्पात मचाया कि पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। अलग-अलग गांवों में तीन लोगों की जान चली गई। मृतकों में एक मासूम बच्ची, एक महिला और एक पुरुष हैं।
बताया जाता है कि हाथियों का यह जोड़ा पहले गांव में घुसा और कई कच्चे-पक्के मकानों को तोड़ डाला। जान बचाने के लिए लोग घरों से भागने लगे, लेकिन हाथियों का हमला नहीं थमा। गोसाईडीह गांव में मादा हाथी ने 5 वर्षीय बच्ची को सूंड से उठाकर पटक दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। दूसरी तरफ मोहनपुर गांव में एक महिला को हाथी ने सूंड से उठाकर पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया। जबकि एक अधेड़ व्यक्ति जो घर के भीतर सो रहा था, उसके ऊपर हाथी गिर पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
धरमजयगढ़ वनमंडल डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यही मादा हाथी और उसका शावक कुछ दिन पूर्व बाकारुमा गांव में भी एक ग्रामीण की जान ले चुके हैं। यह जोड़ी लगातार विभिन्न गांवों में घूमते हुए जान-माल का नुकसान पहुँचा रही है। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम और पुलिस बल मौके पर पहुंच गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है, लेकिन ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। कई लोग गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।लगातार हो रहे हाथी के हमलों से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
ग्रामीणों कहना है कि वन विभाग द्वारा हाथियों के विचरण की समुचित जानकारी नहीं दी जा रही है, और ना ही सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। लोग रात्रि गश्त, वन सुरक्षा दल और त्वरित अलर्ट सिस्टम की मांग कर रहे हैं।फिलहाल लैलूंगा क्षेत्र में स्थिति बेहद दहशत एवं तनावपूर्ण है। बताया जाता है कि वन विभाग के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह इंसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए हाथियों को भी सुरक्षित वन क्षेत्र की ओर वापस ले जाए।