“सटीक सूचना, तेज़ कार्रवाई और साहस का नाम — हरीश पटेल”
घरघोड़ा । ग्राम टेंडा नावापारा में हुई नृशंस हत्या की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि घरघोड़ा पुलिस ने अपनी तेज रफ्तार कार्रवाई से आरोपी को सलाखों के पीछे पहुँचा दिया। इस पूरे ऑपरेशन की रीढ़ साबित हुए आरक्षक हरीश पटेल, जिन्होंने साहस, सूझबूझ और तकनीक का ऐसा मेल प्रस्तुत किया कि खुद पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। सिर्फ़ तीन घंटे — यही था वो वक्त जब एक हत्यारा बेखौफ घूम रहा था, लेकिन घरघोड़ा पुलिस की सक्रियता ने उसे ढूंढ निकाला।और इस खोज के केंद्र में थे — आरक्षक हरीश पटेल, जिनकी मेहनत, ग्राउंड इंटेलिजेंस और बारीक निगरानी ने इस केस को चंद घंटों में सुलझा डाला।
सम्मान से नवाज़ा गया हरीश पटेल
जिला पुलिस नियंत्रण कक्ष में आयोजित मासिक अपराध समीक्षा बैठक में SP दिव्यांग पटेल ने हरीश पटेल को प्रशस्ति पत्र और नगद पुरस्कार से सम्मानित किया।SP दिव्यांग पटेल ने कहा –
“जिस मुस्तैदी और प्रोफेशनल अंदाज़ में आरक्षक हरीश पटेल ने आरोपी को ट्रेस कर पकड़ा, वह पुलिस विभाग के लिए गौरव की बात है। यह कार्रवाई न सिर्फ कानून की जीत है, बल्कि आम जनता के मन में पुलिस के प्रति विश्वास को और गहरा करती है।”
कैसे किया आरोपी को काबू?
मर्डर की सूचना मिलते ही हरीश पटेल ने स्थानीय सूत्रों, तकनीकी निगरानी, मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण का उपयोग करते हुए
मिनट दर मिनट लोकेशन तैयार कीऔर तीन घंटे के भीतर आरोपी को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया।हरीश पटेल की ये सफलता सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि यह संदेश है कि पुलिस तत्पर है,जनता सुरक्षित हैअपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।जब कर्तव्यनिष्ठा और साहस एक साथ खड़े हों, तो कोई भी अपराध ज़्यादा देर तक छुपा नहीं रह सकता।