गुरूग्राम के राष्ट्रीय सम्मेलन में नगरीय निकाय के व्यवस्थित विकास के लिए तैयार की गई तकनीकी पहलुओं का किया गया अध्ययन
रायगढ़। संवैधानिक लोकतंत्र और राष्ट्र निर्माण में शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ। इसमें देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के महापौर एवं नगरपालिका अध्यक्ष शामिल हुए। रायगढ़ नगर निगम के महापौर जीवर्धन चौहान ने छत्तीसगढ़ प्रतिनिधिमंडल के साथ इस राष्ट्रीय सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी दर्ज कराई और नगरीय निकाय के व्यवस्थित विकास के लिए तैयार की गई तकनीकी पहलुओं का अध्ययन किया।

प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह एवं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त केंद्रीय मंत्री, सचिव, हरियाणा सरकार के मंत्री एवं विधायकगण भी सम्मिलित हुए। द्वितीय दिवस के समापन समारोह में आयोजित प्रथम सत्र में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल और मध्यप्रदेश के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने अनुभव एवं किए गए कार्यों की बारीकियों को साझा किए।

द्वितीय सत्र में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा, राज्यसभा उपसभापति श्री हरिवंश एवं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नगरीय निकाय के सिस्टमेटिक विकास की तकनीकी पहलुओं बताया। सम्मेलन के बाद संसद भवन परिसर में ‘प्रेरणा स्थल’, संविधान सदन एवं संसद भवन का भ्रमण किया गया, जहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ अनौपचारिक चर्चा और हाई-टी आयोजित था। यह अनुभव लोकतंत्र की मूल भावना और सार्वजनिक सेवा के आदर्शों से साक्षात्कार जैसा रहा। यह सम्मेलन शहरी निकायों की भूमिका, विकास की दिशा और लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बनकर उभरा।
शहरी स्थानीय निकायों को लोकतंत्र के आधार स्तंभ के रूप में विकसित करने संबंधित बातों पर जोर

महापौर जीवर्धन चौहान ने बताया कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन में परिषद की बैठकों की आदर्श प्रक्रिया संहिता को बताया गया। इसी तरह समावेशी विकास में शहरी निकायों की भूमिका–संवैधानिक दायित्वों की पूर्ति हेतु नगरपालिका शासन को प्रभावी बनाना, 21वीं सदी के भारत में विकास के शिल्पकार के रूप में विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में शहरी निकाय के द्वारा सिस्टमेटिक डेवलपमेंट प्लान को अपनाकर किस तरह से योगदान किया जा सकता है यह बताया गया। इसी तरह महिला सशक्तिकरण के वाहक के रूप में शहरी निकाय–समाज और राजनीति में नेतृत्व की भूमिका हेतु महिलाओं को तैयार करना, नवाचार और श्रेष्ठ परंपराओं के केंद्र के रूप में शहरी निकाय–सेवा वितरण और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार जैसे विषयो पर चर्चा की गई।
निकायों में अपनाए जा रहे तकनीक एवं बेहतर कार्यों की दी गई प्रस्तुति
विशेष सत्र में देश के पांच प्रमुख शहरों इंदौर, लखनऊ, पुणे, सूरत और विशाखापट्टनम के महापौरों एवं आयुक्तों द्वारा शहरी विकास में अपनाई गई श्रेष्ठ प्रथाओं और सफलताओं की प्रस्तुतियां दी गई। दोपहर के बाद विषयगत आयोजित कार्यशाला में विभिन्न उपविषयों पर आधारित नगरीय निकाय के सिस्टमेटिक डेवलपमेंट प्लान के विकल्पों पर चर्चा की गई, जिसमें प्रतिनिधियों ने अलग-अलग हॉल में भाग लिया। इस सत्र में विषय विशेषज्ञों द्वारा नगरीय निकायों में अपनाए जा रहे तकनीक एवं बेहतर कार्यों की प्रस्तुति दी गई।