रायगढ़। जिले के तमनार ब्लॉक के मुड़ागांव पेड़ कटाई के मामले में फर्जी ग्राम सभा कार्रवाई उजागर हुई है। महाजेंको द्वारा जिस तारीख के ग्राम सभा का हवाला दिया गया है वह ग्राम पंचायत की पंजी में उल्लेखित नही है। यह खुलासा फर्जी ग्राम सभा दस्तावेज प्राप्त होने के बाद उजागर हुई है। अब इस मामले में ग्रामीणों की निगाहें जिले के कलेक्टर पर टिक गई है ,फर्जी ग्राम सभा दस्तावेज के सहारे न सिर्फ पूरे प्रशासन तंत्र को गुमराह किया गया और ग्रामीणों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया गया कि ये ग्राम सभा कब और किसकी अध्यक्षता में आहूत हुई।
तमनार तहसील के ग्राम पंचायत सराईटोला के मुड़ागांव जंगल की कटाई की गई । वहां के फर्जी ग्राम सभा का दस्तावेज अब जाकर सामने है। फर्जी ग्राम सभा कार्रवाई के दस्तावेज में दर्ज अनुमति तिथि को ग्राम सभा हुई न हीं जिस जयशंकर राठिया को ग्राम सभा कार्रवाई का अध्यक्ष चुना गया उस नाम का व्यक्ति ग्राम पंचायत सराईटोला में नहीं है। खास बात ये है कि ग्राम सभा कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में किस अधिकारी को भेजा गया, जिला प्रशासन से प्रतिनिधि होता है उस प्रतिनिधि का नाम भी नहीं है। जब भी इस तरह की ग्राम सभा की कार्रवाई होती है उसकी वीडियो और फोटो ग्राफी होती है। खास बात ये भी है वन भूमि होने की वजह से वन विभाग की ओर से भी अधिकारी प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होता है, वन विभाग की ओर से उपस्थित किसी अधिकारी के नाम का उल्लेख नहीं है।
ग्राम सभा कार्रवाई अनुविभागीय दंडाधिकारी को नहीं कोई सूचना
ग्राम सभा कार्रवाई का 15 दिवस पहले अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा सूचना पत्र जारी कर गांव के कोटवार के माध्यम हाका किया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सभा कार्रवाई के लिए होने वाली किसी भी प्रक्रिया की उन्हे कोई जानकारी नहीं है। ग्राम सभा की कार्रवाई ग्राम पंचायत की पंजी में दर्ज होना चाहिए ग्राम सभा होने पर ग्राम पंचायत की पंजी में दर्ज हुए बिना नहीं हो सकता है।
सभी सील हस्ताक्षर फर्जी
इस संबंध में जो जानकारी सामने आई है वह महाजेंको प्रबंधन के द्वारा कहीं से षड़यंत्र कर ग्राम सभा पंजी की कॉपी लाकर उसमें पूरी कार्रवाई फर्जी तरीके से दर्ज किया गया। इसके लिए फर्जी तरीके से सील और हस्ताक्षर भी किया गया। पंचायत सचिव ने भी ग्राम सभा कार्रवाई में हस्ताक्षर को अपना हस्ताक्षर मानने से इंकार कर दिया। सरपंच के भी फर्जी हस्ताक्षर पाया गया।
महाजेंको के अधिकारी पर हो कार्रवाई
फर्जी ग्राम सभा कार्रवाई के दस्तावेज सामने के बाद अब प्रभावित गांव के ग्रामीण इस मामले में जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है की कंपनी के अधिकारियों द्वारा फर्जी कूट रचना कर सभी को गुमराह किया है। यहां तक की जिला प्रशासन को भी फर्जी ग्राम सभा कार्रवाई के दस्तावेज उपलब्ध कराए गए इस पर भी प्रबंधन के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। जिला प्रशासन को गुमराह करने और अंधेरे में रखकर ग्रामीणों पर अत्याचार का केस दर्ज किया जाना।चाहिए।
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता
इस क्षेत्र में प्रमुख रूप से काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी कहते हैं कि हम शुरू से कह रहे थे कि पेड़ो की कटाई की अनुमति को लेकर गांव में कोई ग्राम सभा की कार्रवाई नहीं हुई है। अब चूंकि दस्तावेज सामने आया है इसके आधार पर सबसे पहले प्रबंधन के खिलाफ कूट रचना करने धोखा देने और जिला प्रशासन को भी अंधेरे में रखकर गुमराह करने के मामले में कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।