Home छत्तीसगढ़ Rajat Kiran News : रायगढ़ में इस्कॉन प्रचार केंद्र का जन्माष्टमी महामहोत्सव 15 अगस्त को,एनआईटी रायपुर और खैरागढ़ से भजन करने आएगी युवाओं की टोली

Rajat Kiran News : रायगढ़ में इस्कॉन प्रचार केंद्र का जन्माष्टमी महामहोत्सव 15 अगस्त को,एनआईटी रायपुर और खैरागढ़ से भजन करने आएगी युवाओं की टोली

by P. R. Rajak
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स्वस्तिवाचन, हरिनाम जप और भगवान का पुष्प अभिषेक रहेगा विशेष आयोजन

रायगढ़ । रायगढ़ में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव करीब 80 साल से धूमधाम से मनाया जाता है। जिसे देखने आसपास के राज्यों से लोग आते हैं। समय के साथ कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में आधुनिकता के साथ कई आयोजन भी जुड़े हैं। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी को महामहोत्सव के रूप में इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कॉन्शियसनेस) रायगढ़ द्वारा रेड क्वीन में मनाया जा रहा है। जहां प्रदर्शनी और प्रतिमाएं तो नहीं रहेगी पर भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत आराधना कई चरणों में की जाएगी। दोपहर से देर रात चलने वाले इस महामहोत्सव में आम आदमी से लेकर खास, भगवान श्रीकृष्ण की सेवा कर सकता है। हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे का हरिनाम जप भी श्रद्धालु करेंगे।

इस्कॉन रायपुर और रायगढ़ की शाखा ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को महामहोत्सव मनाने के लिए 3 महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और श्रीमद् भगवद् गीता को आम जनता तक पहुंचाने के लिए इस्कॉन ऐसे विभिन्न आयोजन बीते 3 साल से रायगढ़ में करता आ रहा है। कम समय में ही इस्कॉन की रायगढ़ शाखा में श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसी कारण इस बार वे अपने राजा पारा के पल्लवी महल स्थित मंदिर में आयोजन न कर रेड क्वीन गार्डन में कर रहे हैं ताकि 15,000 के करीब श्रद्धालु एक साथ भगवान श्री कृष्ण के भक्ति का आनंद ले सके और हरिनाम जप करे।

कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए इस्कॉन रायपुर के मुख्य पुजारी और रायगढ़ शाखा के प्रभारी मिथिलापति दास ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी को इस्कॉन, महामहोत्सव के रूप में मनाता है जिसमें दिनभर भगवान की आराधना और उससे संबंधित आयोजन होते रहते हैं। हमारे कार्यक्रमों में प्रशासनिक, राजनीतिक से लेकर आमजन शामिल होते हैं। रायगढ़ के आयोजन में सबसे खास बात यह है कि एनआईटी रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों द्वारा भजन प्रस्तुत किया जाएगा। इसी तरह खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के दो समूहों द्वारा वादन और गायन का भी कार्यक्रम उसी दिन रखा गया है। सभी की थीम भगवान श्री कृष्ण और उनके भजन है।

इस्कॉन प्रचार केंद्र रायगढ़‌ के प्रमुख कमल किशोर दास ने बताया कि 15 अगस्त को कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 3:00 बजे स्वस्ति वाचन से होगी। यह स्वस्ति वाचन बच्चों द्वारा किया जाएगा। यह खास रहेगा, क्योंकि छोटे बच्चों द्वारा संस्कृत के मंत्रों का उच्चारण और आराधना को देखना और सुनना एक अलग ही अनुभव होता है। इसी के साथ ही बाल महोत्सव भी शुरू होगा। 15 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए बाल महोत्सव में अनेक विधाएं हैं जिसमें भगवान श्री कृष्ण से संबंधित भजन, श्लोक, नृत्य फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता होगी। उसके बाद शाम 7:00 बजे तक विशेष अतिथियों का आगमन और उनके द्वारा पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम होगा। इसी के पैरलल ही शाम 7:00 बजे संध्या आरती व कीर्तन होगा।

7:30 बजे के बाद रात 9:00 बजे तक भजन संध्या का आयोजन किया गया है जिसमें एनआईटी रायपुर के इंजीनियर , खैरागढ़ के छात्र, रायगढ़ के संगीत विद्यालय के छात्र, विभिन्न स्कूलों के बच्चे, युवा सभी इसमें शामिल होंगे। रात 9:00 बजे से लेकर रात 12:00 बजे तक भगवान श्री कृष्ण का महाअभिषेक एवं जन्माष्टमी महोत्सव शुरू हो जाएगा। रात 12:00 बजे पुष्पों से भगवान का अभिषेक किया जाएगा, उसके बाद मंत्र उच्चारण कर और पुष्पों के साथ भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा फिर फूलों की होली खेली जाएगी। भगवान को 56 भोग अर्पण करने के पश्चात रात 12:30 बजे महा आरती की जाएगी और सभी भक्तों में महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। आयोजन में सतीश पांडे, संतोष बैरागी, विनोद महाराणा, आशीष वर्मा, आकाश बरनवाल समेत रायगढ़ इस्कॉन के सभी सदस्य जुटे हुए हैं।

इस्कॉन का उद्देश्य
मुख्य पुजारी मिथिलापति दास ने बताया कि इस्कॉन का उद्देश्य श्रीकृष्ण भावनामृत को विश्वभर में फैलाना है, जिससे लोग भगवान कृष्ण की भक्ति और प्रेम को अपने जीवन में अपनाएं। इस्कॉन आध्यात्मिक ज्ञान और वैदिक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम करता है, जिससे लोगों को अपने जीवन के उद्देश्य और अर्थ को समझने में मदद मिले। इस्कॉन सामुदायिक सेवा गतिविधियों में भी शामिल होता है, जैसे कि भोजन वितरण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना।
संस्था का उद्देश्य लोगों में भक्ति और प्रेम की भावना को बढ़ावा देना है, जिससे वे अपने जीवन में सुख, शांति और संतुष्टि प्राप्त कर सकें। इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने इस संस्था की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य वैदिक ज्ञान और कृष्ण भावनामृत को विश्वभर में फैलाना था।

इस्कॉन यूथ विंग से जुड़ रहे युवा
युवाओं को गलत मार्ग में जाने से रोकने और उन्हें भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और श्रीमद् भगवद् गीता की शिक्षाओं से जोड़ने के लिए इस्कॉन प्रचार केंद्र रायगढ़‌ ने यूथ विंग की शुरुआत 3 साल पहले की है। यहां आकर युवा अपनी दिनचर्या और व्यावसायिक कार्यों के इतर भक्ति मार्ग से सुख और आनंद की प्राप्ति में लगे हैं। रायगढ़ में करीब 400 लोग इस इस्कॉन परिवार से जुड़े हैं जिसमें 70 लोग नियमित रूप से मंदिर आते हैं और 150 से 200 लोग विशेष कार्यक्रम में आते हैं।

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