Home छत्तीसगढ़ Rajat Kiran News : खाद संकट को लेकर तहसील कार्यालय का घेराव,उमेश पटेल के नेतृत्व में खरसिया कांग्रेस का हल्ला बोल!

Rajat Kiran News : खाद संकट को लेकर तहसील कार्यालय का घेराव,उमेश पटेल के नेतृत्व में खरसिया कांग्रेस का हल्ला बोल!

by P. R. Rajak
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खाद आपूर्ति में तेजी लाने और वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने ज्ञापन सौंपा


खरसिया। छत्तीसगढ़ में डीएपी और यूरिया खाद की लगातार कमी ने किसानों को हलकान कर दिया है। इस संकट के बीच खरसिया विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री उमेश पटेल ने गुरुवार को तहसील कार्यालय का घेराव कर राज्य सरकार को खुला अल्टीमेटम दे दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पांच दिनों के भीतर खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हुई, तो किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता मिलकर विशाल आंदोलन छेड़ेंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन और सरकार पर होगी।

बताया जाता है कि इस साल खरीफ फसल के लिए किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। पहले किसानों ने सहकारी समितियों (टीएसएस) के माध्यम से मौखिक अनुरोध किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। फिर 1 सितंबर को खरसिया ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था। इसके बावजूद खाद की उपलब्धता में कोई सुधार नहीं आया। नतीजतन, गुरुवार को उमेश पटेल के नेतृत्व में गुस्साए हजारों किसान, महिलाएं और कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए।मदनपुर कांग्रेस कार्यालय से शुरू हुई रैली ने शहर की सड़कों को गुंजा दिया। रैली सीधे खरसिया तहसील कार्यालय पहुंची, जहां प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी।फिर भी, आंदोलनकारियों ने घेराव कर कार्यालय का दरवाजा खुलवाया और एसडीएम प्रवीण तिवारी को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में खाद आपूर्ति में तेजी लाने और वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की गई।इस अवसर पर अपने संबोधन में उमेश पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा, “हालाहुली, तुरेकेला, बानीपथर और आसपास के इलाकों में समिति प्रबंधक खाद वितरण में मनमानी कर रहे हैं। बड़े किसानों को आसानी से खाद मिल जाती है, जबकि छोटे और गरीब किसान भटकते रहते हैं।” उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह संकट जानबूझकर पैदा किया जा रहा है, ताकि धान उत्पादन घटे और सरकार को धान खरीदी का अतिरिक्त बोझ न उठाना पड़े।पटेल ने पिछली धान खरीदी का हवाला देते हुए बताया कि किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा गया, लेकिन बाद में इसे 1900 रुपये प्रति क्विंटल में नीलाम कर दिया गया।

श्री पटेल ने आगे कहा कि ”किसानों पर भाजपा सरकार का यह अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, हम उनकी आवाज को सड़क से सदन तक हर स्तर पर उठाएंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि खाद की आपूर्ति सुचारू नहीं हुई, तो और बड़ा आंदोलन होगा।तहसील घेराव करने पहुंचे किसानों ने भी अपनी पीड़ा साझा की, कहा कि समय पर खाद न मिलने से फसलें प्रभावित हो रही हैं और धान उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है। बहरहाल यह आंदोलन सिर्फ खाद की कमी को उजागर नहीं कर रहा, बल्कि किसानों की एकजुटता का संदेश दे रहा है। उमेश पटेल इस संघर्ष में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, और अगर संकट जारी रहा तो खरसिया से निकली यह चिंगारी पूरे प्रदेश में फैल सकती है। प्रशासन की ओर से अभी कोई अधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन किसानों की नाराजगी साफ नजर आ रही है।

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