Home छत्तीसगढ़ Rajat Kiran News: ठेका मजदूरों को मिलेगा अतिरिक्त लाभ, मजदूर संगठनों ने कहा “अब दिखावा नहीं, असली हक़ चाहिए”

Rajat Kiran News: ठेका मजदूरों को मिलेगा अतिरिक्त लाभ, मजदूर संगठनों ने कहा “अब दिखावा नहीं, असली हक़ चाहिए”

by P. R. Rajak
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घरघोड़ा । देश की महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड ने 20 अगस्त 2025 को कार्यालय आदेश संख्या 76 जारी कर ठेका श्रमिकों के लिए अतिरिक्त लाभों का ऐलान किया है। आदेश में कहा गया है कि अब ठेका मजदूरों को महंगाई भत्ता, बोनस, ओवरटाइम, चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा उपकरण और अवकाश जैसी सुविधाएँ दी जाएँगी। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर ठेकेदार आदेश का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आदेश की खबर मिलते ही खदान क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों में हलचल मच गई। कई मजदूरों के चेहरों पर खुशी झलकी, तो वहीं कई मजदूरों ने शंका जताई कि यह आदेश भी पहले की तरह सिर्फ़ कागज़ों में सिमटकर रह जाएगा।
रायगढ़ जिले के घरघोड़ा क्षेत्र के एक ठेका मजदूर रामलाल साहू ने कहा – “हम सालों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं। कंपनी हर बार नए आदेश निकाल देती है लेकिन हमें न तो सुरक्षा उपकरण मिले, न ही इलाज की सुविधा। अब अगर यह आदेश भी केवल दिखावे के लिए है तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”
वहीं एक महिला मजदूर कमला बाई ने आक्रोश जताते हुए कहा – “हम लोग सुबह से रात तक खदान में जान जोखिम में डालकर काम करते हैं, लेकिन छुट्टी तक नहीं मिलती। अब कंपनी कह रही है कि अवकाश और चिकित्सा सुविधा मिलेगी। अगर यह सच हुआ तो राहत मिलेगी, वरना यह धोखा और गुस्से को और बढ़ाएगा।”
सयुंक्त कोयला मजदूर संघ (एटक), एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र के उप महामंत्री राजू कुमार साहू ने इस आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा – “यह ठेका मजदूरों की वर्षों की लड़ाई का नतीजा है। लेकिन असली चुनौती इसके पालन में है। हम चाहते हैं कि आदेश का हर बिंदु जमीनी स्तर पर लागू हो। अगर ठेकेदार और प्रबंधन ने मजदूरों का हक़ मारने की कोशिश की तो मजदूर संघ चुप नहीं बैठेगा और बड़े आंदोलन की तैयारी करेगा।”खनन क्षेत्रों की स्थिति पहले से ही बेहद खराब है। मजदूर बिना सुरक्षा उपकरणों के गहरी खदानों में काम करने को मजबूर हैं, बीमार पड़ने पर इलाज की सुविधा नहीं है और बोनस-ओवरटाइम तो नाम मात्र का भी नहीं मिलता। ऐसे में यह आदेश मजदूरों की जिंदगी में नई उम्मीद जगाता है, लेकिन असली इम्तिहान अमल का होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह आदेश पूरी तरह लागू हो गया तो यह मजदूर कल्याण की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा। लेकिन अगर यह भी महज़ दिखावा निकला तो कोल इंडिया और सरकार दोनों की साख पर गहरा धब्बा लगेगा।

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