सोशल मीडिया में भी गूंज के बाद प्रशासन की टूटी नहीं नींद, जनता में आक्रोश!
घरघोड़ा । घरघोड़ा नगर के बीचोंबीच स्थित बागमुड़ा तालाब, जिसे नगर की जीवनरेखा और धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाता है, आज भी बदहाली के दलदल में धंसता जा रहा है।यह वही तालाब है, जहां से वर्षों से नवरात्रि की कलश यात्रा, गणेश प्रतिमा विसर्जन, छठ पूजा और अनेक धार्मिक अनुष्ठान शुरू होते हैं। लेकिन आज इसका स्वरूप देख कर मन व्यथित हो जाता है।
पूरा तालाब जलकुंभी से पटा हुआ है। पानी की सतह तक देख पाना मुश्किल है। जहां कभी श्रद्धालुओं की भीड़ और बच्चों की खिलखिलाहट गूंजती थी, वहां अब दुर्गंध, मच्छरों का आतंक और वीरानी है।
गांव की सबसे पवित्र धरोहर धीरे-धीरे एक गंदगी के दलदल में बदलती जा रही है, और सबसे दुखद बात यह है कि यह सब प्रशासन की आंखों के सामने हो रहा है।

सोशल मीडिया में भी चला ट्रेंड-
कुछ दिन पहले इस गंभीर समस्या को मीडिया और सोशल मीडिया में जोर-शोर से उठाया गया था। तस्वीरें वायरल हुईं, #बागमुड़ातालाबबचाओ हैशटैग ट्रेंड किया, नागरिकों ने पोस्ट के जरिए अपील की, लेकिन नगर पंचायत घरघोड़ा ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
नागरिकों का कहना है कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि आस्था का अपमान है।जनता का गुस्सा उबाल पर-स्थानीय निवासी और समाजसेवी खुले शब्दों में कह रहे हैं ।”अगर प्रशासन की नींद ऐसे ही गहरी रही तो हम मजबूरन धरना, घेराव और बड़े आंदोलन की राह पर जाएंगे।”लोगों का आरोप है कि प्रशासन केवल कागजों में सफाई दिखाता है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है।
त्योहारों पर भी संकट का साया-
जल्द ही नवरात्रि और गणेश उत्सव आने वाले हैं। कलश यात्रा और विसर्जन की परंपरा इस तालाब से जुड़ी है, लेकिन मौजूदा हालत में इन धार्मिक आयोजनों पर भी संकट मंडरा रहा है। अगर समय रहते सफाई नहीं हुई, तो श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा और धार्मिक भावनाएं आहत होंगी।
जनहित में तत्काल मांगें-
जलकुंभी हटाने के लिए विशेष सफाई अभियान तुरंत शुरू किया जाए।तालाब की स्थायी देखरेख के लिए निगरानी समिति का गठन हो। त्योहारों से पहले तालाब को पूरी तरह स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जाए।तालाब संरक्षण के लिए दीर्घकालिक योजना लागू की जाए।अब सवाल यह है – क्या प्रशासन अब भी आंखें मूंदकर बैठेगा या इस बार जनता की पुकार सुनेगा? बागमुड़ा तालाब को बचाना सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि नगर के हर नागरिक का कर्तव्य है।”अगर आज हम चुप रहे, तो कल हमारी आने वाली पीढ़ियां इस तालाब को सिर्फ तस्वीरों में देखेंगी।”