RaigarhNews। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से नगरनिगम प्रशासन और शहर सरकार के बीच कड़वाहट बढ़ती जा रही है। राज्य शासन द्वारा नगरनिगम रायगढ़ के लिए अधोसंरचना विकास मद के आबंटन को लेकर कांग्रेस की शहर सरकार द्वेषपूर्ण राजनीति करने का आरोप प्रदेश सरकार पर लगा रही है। शनिवार को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पत्रवार्ता आयोजित की गई। जिसमें महापौर जानकी अमृत काटजू, सभापति जयंत ठेठवार और पार्षदों के साथ पूर्व विधायक प्रकाश नायक एवं जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार पर द्वेषपूर्ण राजनीति करने का आरोप लगाया।
बताया गया कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से रायगढ़ नगरनिगम में सीधे तौर पर मनमानी की जा रही है। कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा अभी अधोसंरचना मद से विकास कार्य के लिए राशि का आबंटन किया गया। जिसमें कांग्रेस पार्षदों के 26 वार्डों को छोड़ दिया गया है। इस मद से विकास कार्य के लिए भाजपा 22 वार्डों में प्रत्येक वार्ड के लिए 20-20 लाख के हिसाब से 438.81लाख का कार्य स्वीकृत किया गया है। जबकि पूर्व में कांग्रेस शासन काल में सभी वार्डों को 8-8लाख की राशि आवंटित की गई थी।
महापौर जानकी काटजू और सभापति जयंत ठेठवार ने संयुक्त रूप से इसे भाजपा सरकार की द्वेषपूर्ण राजनीति बताते हुए कहा निगम क्षेत्र की आमजनता के साथ छलावा किया जा रहा है। सभापति जयंत ठेठवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में 23 वार्डों की करीब 32हजार जनता ने भाजपा को वोट दिया, लेकिन अब कांग्रेस पार्षदों के उन्हीं वार्डों की उपेक्षा की जा रही है। प्रेसवार्ता में महापौर एवं सभापति ने कहा कि रायगढ़ नगरनिगम की शहर सरकार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भेंट कर अन्य सभी वार्डों में समान रूप से अधोसंरचना मद की राशि आवंटित करने की मांग रखेगी।Raigarhnews#राज्य सरकार पर द्वेषपूर्ण राजनीति का आरोप
पार्षद निधि की राशि भी नहीं मिली
प्रेसवार्ता में यह भी बताया गया कि शहर में विकास कार्य के लिए कांग्रेस शासनकाल में पार्षद निधि की राशि 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख किया गया, लेकिन सरकार बदलने के बाद अब तक पार्षद निधि की राशि आवंटित नहीं की गई। जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहें हैं।
परिषद को नहीं दी जानकारी-महापौर
प्रेसवार्ता में अधोसंरचना मद से आवंटित की गई राशि को लेकर महापौर ने कहा कि इसकी जानकारी परिषद को नहीं है। इस मद से निर्माण कार्य के लिए निगम प्रशासन द्वारा टेण्डर की कार्रवाई की जा रही है। जबकि वार्डों में विकास कार्य के लिए पार्षदों से प्रस्ताव नहीं मांगा गया। परिषद से प्रस्ताव नहीं मांगा गया, सीधे राज्य सरकार ने 22 वार्डों में अधोसंरचना मद से विकास कार्य के लिए स्वीकृति दी। महापौर ने इसे सीधे तौर पर चुनी हुई शहर सरकार की उपेक्षा करने करने का आरोप निरूपित किया।
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