Raigarh News: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन महंगाई भत्ता सहित अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर है। अब एक बार फिर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के 112 संगठनों ने राज्य भर में अपने चौथे चरण में 27 सितंबर को जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन के लिए ताल ठोक दिया है। प्रांतीय आह्वान पर मोदी की गारंटी पूरा करने,”झन करव इनकार,हमर सुनव सरकार”के नारे के साथ छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला रायगढ़,फेडरेशन से सम्बद्ध तमाम कर्मचारी अधिकारी, 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर मिनी स्टेडियम रायगढ़ में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेंगे। फेडरेशन जिला रायगढ़ के संयोजक आशीष रंगारी ने फेडरेशन से सम्बद्ध तमाम मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त संगठनों के माननीय अध्यक्षों व सदस्यों से 27 तारीख के एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में अपने हितों व वाजिब मांगो के समर्थन में एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर अपनी आवाज बुलंद करने का आह्वान किया है।
चार सूत्रीय घोषणा पत्र
1.बीजेपी घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान देय तिथि 1 जनवरी 2024 से 4% महंगाई भत्ता दिया जाए। साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर मंहगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए।
2.बीजेपी घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समय मान वेतनमान दिया जाए।
3.केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए।
4.बीजेपी घोषणा पत्र अनुसार मध्य प्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए।
कर्मचारियों अधिकारियों में असंतोष एवं आक्रोश, चरणबद्ध आंदोलन
फेडरेशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को “मोदी की गारंटी” के तहत अपनी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा लगातार शासन प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है। सरकार द्वारा कर्मचारी हित में अपनी मांगों को लेकर सकारात्मक निर्णय नहीं लेने के कारण प्रदेश के लगभग 5 लाख कर्मचारियों अधिकारियों में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है। शासन द्वारा कर्मचारियों अधिकारियों के अधिकारों का सतत हनन किया जा रहा है। शासन द्वारा जारी किए जा रहे महंगाई भत्ते के आदेशों में एरियर्स एवं देय तिथि का स्पष्ट उल्लेख नहीं होने के कारण भ्रामक स्थिति निर्मित हुई है। इस तरह शासन द्वारा लगातार कर्मचारियों अधिकारियों के मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए आर्थिक हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है।
बताया गया है कि चार सूत्रीय मांगों को लेकर,चार चरणीय आंदोलन के प्रथम चरण में 6 अगस्त को राजधानी रायपुर में इंद्रावती भवन से मंत्रालय तक विशाल मशाल रैली निकली गई थी।दूसरे चरण में 20 से 30 अगस्त तक प्रदेश के 33 जिलों में फेडरेशन ने अपने स्थानीय विधायक/सांसदों/जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा था।तीसरे चरण में 11 मार्च को प्रदेश के 33 जिलों में जिला स्तरीय मशाल रैली निकाली गई थी। इससे पहले भी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के 112 संगठनों ने लगभग 17 दिनों तक अनिश्चितकालीन हड़ताल किया था। इस दौरान सचिवालय मंत्रालय स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग तहसील व जिला न्यायालययों जैसे प्रदेश के तमाम विभागों में कामकाज प्रभावित हुए थे।