Raigarh News: सीएमएचओ डॉ.बी.के.चंद्रवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि बरसात के मौसम में सर्पदंश के प्रकरण अधिकांश पाये जाते है जिसमें सर्पदंश को लेकर अक्सर लोग जड़ी बूटी या झाड़ फूंक में ज्यादा यकीन रखते है और ऐलोपैथिक इलाज करने से कतराते है जिससे समय पर उचित इलाज न मिलने से जीवित रहने की उम्मीद कम हो जाती है। सर्वाधिक मामले विकासखंड लैलूंगा और धरमजयगढ़ में आते हैं और यहां के लोग ज्यादातर झाडफ़ूंक के चक्कर में समय व्यतीत करते है।Raigarh News #सर्पदंश# सर्तकता#झाड़-फूंक न करें
इसे ध्यान में रखते हुए समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारियों ने अपने अधीनस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के समस्त चिकित्सको को सर्पदंश के इलाज हेतु एन्टी स्नेक वेनम एवं अन्य जरूरी संपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिये है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग एवं मितानिन के माध्यम से विकासखंड में प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। सर्पदंश के मामलों में विशेष सर्तकता रखते हुए यदि किसी व्यक्ति को सर्पदंश हुआ है तुरंत ही स्वास्थ्य केंद्र में इलाज हेतु जाए, देर होने पर शरीर में जहर फैलने लग जाता है जिससे गंभीर स्थिति निर्मित होती है। साथ ही झाड़-फूंक में समय व्यतीत न करें और समय रहते अपना इलाज कराकर जीवन बचायें।Raigarh News #सर्पदंश# सर्तकता#झाड़-फूंक न करें