दिगम्बर जैन मंदिर से बाजे-गाजे के साथ प्रभु की भव्य पालकी आरम्भ होकर दरोगापारा स्थित श्वेतांबर जैन मंदिर पहुंची।
रायगढ़। विश्व को सत्य और अहिंसा का संदेश देने वाले जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर परम कृपालु भगवान महावीर स्वामी जी का जन्मकल्याण उत्सव रायगढ़ में पूरी श्रद्धा और भक्तिपूर्वक मनाया गया। एक दिन पूर्व 9 अप्रैल को विश्व नवकार दिवस पर प्रातः मंदिर में एकत्र होकर जैन धर्मावलंबियों ने एक घंटे तक अनवरत पवित्र नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप करके वातावरण को शुद्ध किया तथा जीव दया के निमित्त गौशाला में गौ माता को चारा खिलाया गया। आज प्रातः प्रभु की स्नात्र पूजा की गयी। फिर सुबह 10 बजे भगवान महावीर स्वामी की शोभायात्रा निकाली गयी। स्टेशन रोड स्थित दिगम्बर जैन मंदिर से बाजे-गाजे के साथ प्रभु की भव्य पालकी आरम्भ होकर दरोगापारा स्थित श्वेतांबर जैन मंदिर पहुंची।

यहाँ प्रभु की तस्वीर व बालस्वरूप को मनोरम ढंग से सजाकर एक सुसज्जित वाहन में विराजित किया गया था। पालकी और वाहन पर विराजित भगवान जी की महिलाओं द्वारा विधिपूर्वक वधावनी की गयी, फिर शोभायात्रा नाचते-गाते दरोगापारा,सत्तीगुड़ी चौक, घड़ी चौक, हंडी चौक, गद्दी चौक , सुभाष चौक होते हुये दिगम्बर जैन मंदिर पहुंची। यहाँ पालकी को विराम दिया गया तथा शोभायात्रा स्टेशन चौक होते हुये श्वेतांबर जैन मंदिर पहुँच कर समाप्त हुई।

पूरी शोभायात्रा के दौरान भगवान महावीर के संदेश गुंजायमान होते रहे तथा जगह-जगह भगवान की वधावनी की गयी। दोपहर 12.30 बजे स्वामी वात्सल्य में सबने मिलकर भोजन प्रसाद ग्रहण किया। भीषण गर्मी से कुछ क्षणों के लिये राहत दिलाने हेतु जैन युवा मंडल द्वारा राहगीरों को आम-पना वितरीत किया गया।

सायं श्वेतांबर जैन मंदिर में जैन धर्म पर आधारित सांस्कृतिक आयोजन सम्पन्न किया गया। जिसमें छोटे बच्चों सहित सभी आयु वर्ग के महिला-पुरुषों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। तत्पश्चात भगवान की प्रतिमा के समक्ष भावना (भजन) व आरती की गयी। उल्लेखनीय है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्वेताम्बर व दिगम्बर जैन समाज ने आपस में मिलकर श्रद्धापूर्वक उत्सव के प्रत्येक कार्यक्रमों में भाग लिया। कार्यक्रम के आयोजन में जैन महिला मंडल और युवा मंडल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
