रायगढ़। नगर निगम रायगढ़ में कांग्रेस की शहर सरकार का कार्यकाल इस महीने की 5 तारीख को खत्म हो गया है, हालांकि अब तक नये चुनाव की तारीख सामने नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक सक्रियता बढ़ गई है।महापौर पद के लिए इस बार संभावित दावेदारों के तौर पर अनेक दावेदार सामने आ रहे हैं। महापौर पद के लिए सबसे ज्यादा भाजपा से नाम आ रहें हैं।भाजपा को ऐसे प्रत्याशी की तलाश है, जिससे जीत सुनिश्चित हो जाए। जबकि कांग्रेस से अमृत काटजू कांग्रेस से स्वाभाविक दावेदार मानीं जा रहीं हैं। हालांकि अब तक महापौर पद के लिए आरक्षण नहीं सो सका।इस बार भी अनुसूचित जाति वर्ग के लिए महापौर सीट के आरक्षित होने की पूरी संभावना है, लेकिन महिला अथवा मुक्त होने को लेकर दावेदार पशोपेश में हैं।
राजनीति के जानकारों की मानें तो रायगढ़ सीट के अनुसूचित जाति वर्ग( मुक्त)हो सकता है, इसी कयास में पुरुष वर्ग से ज्यादा दावेदारों के नाम उछल रहे हैं। रायगढ़ नगरनिगम के पांचवें चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों में रस्साकस्सी शुरू हो गई है। चुनाव की तारीख आने से पहले ही वार्डों का आरक्षण पूरा हो गया है, लेकिन महापौर सीट का आरक्षण शेष है। सबको इस आरक्षण का इंतजार है, लेकिन इस सीट के लिए सभी राजनीतिक दलों के संभावित दावेदार अपनी जमीन तैयार करने में पूरी मुस्तैदी से जुटे नजर आ रहे हैं। प्रदेश की सत्ता में लौटी भाजपा इस बार हर हाल में नगर निगम में कब्जा जमाने के लिए नई रणनीति बनाने की कोशिश में है।
भाजपा से सामने आ रहे दावेदार
बताया जाता है कि महापौर पद के लिए प्रत्यक्ष चुनाव होने पर भाजपा खासा उत्साहित है। यही वजह है कि इस बार नगरनिगम चुनाव में महापौर पद के लिए भाजपा से संभावित दावेदार के अनेक नाम सामने आ रहे हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस से जानकी अमृत काटजू के विरुद्ध भाजपा ने नवधा परदेशी मिरी को प्रत्याशी बनाया था। जिससे इस बार महिला सीट आरक्षित होने पर नवधा मिरी और अनुसूचित जाति मुक्त सीट होने पर परदेशी मिरी की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है। इसके अलावा प्रदीप श्रृंगी, जीवर्धन चौहान, नरेश गोरख, राकेश रात्रे, रंजू संजय के नाम भी दावेदार के रूप में सामने आ रहें हैं। इसके अलावा कुछ और नामों की भी खूब चर्चा है।
जीत के लिए पैराशूट लैंडिंग की आशंका
राजनीति के जानकारों की मानें तो भाजपा महापौर पद के आरक्षण होने का इंतजार कर रही है। बताया जाता है कि भाजपा महापौर प्रत्याशी को लेकर बेहद गंभीर है। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह महापौर पद को लेकर जिस तरह उहापोह की स्थिति नजर आ रहे हैं, उससे यह भी अनुमान लगाया जा रहा है महापौर प्रत्याशी की पैराशूट लैंडिंग कराई जा सकती है। केन्द्र और प्रदेश में सरकार होने से भाजपा ऐसे प्रत्याशी पर दाव लगाना चाहती है जिसकी जीत सुनिश्चित हो। नगरनिगम में महापौर पद के लिए हुए तीन प्रत्यक्ष चुनाव में भाजपा – कांग्रेस को एक एक बार सीट जीतने का अवसर मिला। साथ ही एक बार निर्दलीय प्रत्याशी ने मैदान मार लिया था।अब इस बार भाजपा ऐसा कोई कोर कसर नहीं रखना चाहती है, जिससे पराजय का मुंह देखना पड़े।
कांग्रेस की नैया जानकी के भरोसे ?
नगरनिगम में दो बार सत्ता में रही कांग्रेस इस बार भी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है। कांग्रेस की ओर से तीसरी बार नगरनिगम में सरकार बनाने के दावे किए जा रहे हैं। हालांकि पहले के मुकाबले परिस्थितियां बदलीं हुई नजर आ रही है, बावजूद इसके कांग्रेस का जोश हाई है। कांग्रेस जानकी अमृत काटजू के काम काज को लेकर काफी उत्साहित हैं। दूसरी बार महापौर पद के लिए चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है। चर्चा है कि जानकी काटजू की स्वाभाविक दावेदारी बनती है। कांग्रेस के प्रथम महापौर जेठूराम मनहर पार्टी छोड़ चुके हैं, जिससे कांग्रेस को जानकी काटजू के चेहरे पर चुनाव जीतने का भरोसा है। हालांकि कांग्रेस से भी महापौर पद के लिए कुछ संभावित दावेदारों के नामों की चर्चा है। जिनमें मनोज सागर, नारायण घोरे सहित एक – दो और संभावित दावेदारों के नाम सुर्खियों में हैं, लेकिन कांग्रेस का पहला फोकस तो फिलहाल जानकी काटजू पर ही होने की बात सामने आ रही। अब महापौर सीट के आरक्षण होने के बाद कांग्रेस का क्या रणनीति अख्तियार करती है,यह देखने वाली बात होगी।
पूर्व महापौर जेठूराम मनहर पर सबकी नजर
नगरनिगम रायगढ़ के प्रथम महापौर जेठूराम मनहर के कांग्रेस छोड़ने के बाद भी उनकी सक्रियता को राजनीति के जानकार अलग नजरिए से देख रहें हैं। बताया जाता है कि अब तक किसी भी अन्य राजनीतिक दल का दामन नहीं थामने वाले पूर्व महापौर जेठूराम मनहर ऐन वक्त पर कोई बड़ा खेला कर सकते हैं। नगरनिगम के अनेक वार्डों में पूर्व महापौर जेठूराम मनहर की मजबूत पकड़ का अहसास राजनीतिक दलों को है। एक बड़े वोट बैंक वाले समुदाय से संबंध रखने वाले जेठूराम मनहर की ताकत को कम नहीं आंका जा सकता। ऐसे स्थिति में पूर्व महापौर जेठूराम मनहर पर सबकी नजरें टिकी हैं।