Home छत्तीसगढ़ Raigarh News :महापौर पद के लिए अजब की राजनीतिक घेराबंदी! सियासी समीकरण में कौन होगा फिट ? जनता पर सबको भरोसा

Raigarh News :महापौर पद के लिए अजब की राजनीतिक घेराबंदी! सियासी समीकरण में कौन होगा फिट ? जनता पर सबको भरोसा

by P. R. Rajak
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Raigarh News : रायगढ़ में नगरनिगम चुनाव को राजनीतिक सरगर्मी बेहद तेज हो गई है। महापौर और पार्षद पद के लिए नामांकन फार्म जमा करने की अंतिम तिथि से ठीक एक दिन पहले महापौर पद के भाजपा-कांग्रेस की ओर नामांकन पत्र दाखिल किया गया। खास बात यह रही कि भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी जीवर्धन चौहान ने जहां नामांकन पत्र का एक सेट आज सोमवार को दाखिल किया। वहीं कांग्रेस से जानकी अमृत काटजू, रानी चौहान और मुरारी भट्ट ने एक -एक सेट नामांकन फार्म जमा किया। सोमवार को दिन भर कलेक्टोरेट में दिन भर राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों और समर्थकों की गहमा-गहमी रही।

मंगलवार को नामांकन दाखिल करने की अंतिम दिन महापौर पद के लिए कुछ और संभावित दावेदारों की ओर से नामांकन दाखिल किये जाने की संभावना है। नगरनिगम चुनाव की घोषणा के बाद से भाजपा – कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक दलों और निर्दलीय अपनी दावेदारी मजबूत बनाने एड़ी-चोटी का जोर लगाते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि इस बार रायगढ़ में नगर निगम चुनाव बेहद दिलचस्प होता जा रहा है। राजनीति के जानकारों की मानें तो भाजपा जहां शहर सरकार की सत्ता पाने बेहद सधी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है।

वहीं कांग्रेस लगातार दूसरी बार महापौर की कुर्सी में बने रहने के लिए जानकी काटजू के भरोसे चुनावी जंग लड़ने की तैयारी में है। दूसरी तरफ आशीर्वाद पैनल चुनावी मैदान में उतर कर भाजपा-कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ने की रणनीति बना रही है। जबकि आम आदमी पार्टी भी चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बनाने की तैयारी में है। सबसे खास बात यह है कि इस बार पूर्व महापौर जेठूराम मनहर निर्दलीय चुनाव लड़कर बाजी पलटने का मन बना रहे हैं। मंगलवार को नामांकन दाखिल के अंतिम दिन के बाद महापौर प्रत्याशियों की पूरी तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी।
क्या है आम जनता का मिजाज?
नगर निगम चुनाव को लेकर आम जनता मिजाज ही तय करेगा कि शहर सरकार का ताज किसके सिर सजेगा? हर बार की तरह वार्डों पार्षद पद के लिए धमा-चौकड़ी मची है, इस बार महापौर का प्रत्यक्ष चुनाव होने की वजह से पार्षद और महापौर के लिए अलग-अलग मतदान करना होगा। जिससे वार्ड में दोनों पदों के लिए अलग-अलग से वोट मांगे जाएंगे। भाजपा -कांग्रेस को छोड़कर अन्य राजनीतिक दलों को लेकर आम मतदाता का रूख क्या रहेगा? इसी से दोनों बड़े राजनीतिक दलों की ताकत का आंकलन होगा, वार्ड में बने माहौल का सीधे महापौर चुनाव पर असर पड़ सकता है। पार्षद पद के प्रत्याशियों के चयन में दोनों ही राजनीतिक दलों में अलग-अलग रणनीति अपनाने की चर्चा है।
रह सकते हैं पांच प्रत्याशी चुनावी मैदान में
इस बार नगरनिगम चुनाव में जिस तरह की राजनीतिक घेराबंदी दिख रही है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि महापौर पद के लिए पांच प्रत्याशी चुनावी मैदान में डटे रहेंगे। भाजपा ने जिस रणनीति से चायवाले चौहान समाज के जीवर्धन चौहान को महापौर पद के लिए अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। उससे लगता है कि भाजपा जातीय समीकरण के बहाने अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है। हालांकि कांग्रेस भी जातिय समीकरण को ध्यान में रखते हुए सतनामी समाज पर एक बार फिर दांव लगाया है, जानकी अमृत काटजू को दूसरी बार मौका दे कर कांग्रेस इस बार नारी सशक्तिकरण के नारे के साथ चुनावी मैदान जीतने की कोशिश में है।

जबकि आम आदमी पार्टी ने सतनामी समाज के रूसेन कुमार को चुनावी मैदान में उतार कर कांग्रेस – भाजपा के सामने चुनौती खड़ा करने की कोशिश में है। हालांकि आशीर्वाद पैनल के बहाने जातीय समीकरण को साधने की कोशिश अलग-अलग संगठन से जुड़े नेता नई रणनीति बना कर सतनामी समाज के इंजीनियर सिरिल कुमार को तीसरे मोर्चे का प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस भाजपा का खेल बिगाड़ने की तैयारी में है। जबकि पूर्व महापौर जेठूराम मनहर ने इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतर कर कांग्रेस को सबक सिखाने की मुद्रा में नजर आ रहे हैं। आज नामांकन के आखिरी दिन संभवतः सभी दावेदार नामांकन दाखिल कर महापौर पद के लिए पर्चा दाखिल कर देंगे।

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