Home छत्तीसगढ़ Raigarh News : 5 साल के बच्चे ने सुनाया फैसला, मम्मी-पापा दोनों के साथ रहना है, महिला आयोग की समझाईश पर सुलह करने पति-पत्नी तैयार।

Raigarh News : 5 साल के बच्चे ने सुनाया फैसला, मम्मी-पापा दोनों के साथ रहना है, महिला आयोग की समझाईश पर सुलह करने पति-पत्नी तैयार।

by P. R. Rajak Chief Editor
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सभी शासकीय ,अर्ध शासकीय कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समिति का गठन आवश्यक। मेडिकल कॉलेज को 15 दिनों में परिवाद समिति का गठन करने व जांच करने का आदेश

Raigarh News: बुधवार को रायगढ़ में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया, श्रीमती प्रियंवदा सिंह जूदेव, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने कलेक्टोरेट के सृजन सभाकक्ष में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रस्तुत 25 प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 289 वीं एवं रायगढ़ जिले में 8 वीं सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष को विस्तार से सुना गया।

आवेदिका की शिकायत पर आंतरिक परिवाद समिति का नियमानुसार गठन और कार्यवाही होना प्रतीत नहीं होता है व पूर्ण प्रक्रिया का पालन भी नहीं हुआ। कॉलेज के प्रवेश द्वार के सामने आंतरिक परिवाद समिति का पोस्टर भी डिस्प्ले होना और विधिवत कार्यवाही नहीं हुई है। इस हेतु सखी के प्रोटेक्सन ऑफिसर को आयोग की ओर से अधिकृत किया जाता है एवं कॉलेज में आंतरिक परिवाद समिति का गठन कराने हेतु निर्देशित किया गया। दो माह में आयोग को रिपोर्ट प्रेषित करेंगे ताकि उसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस संबंध में प्रभारी सदस्य के संपर्क में रहेंगे। रिपोर्ट मिलने के पश्चात अग्रिम कार्यवाही किया जाएगा।अन्य प्रकरण में 19 छात्रायें प्रस्तुत हुई, जिसमें अनावेदक पक्ष के साथ में कॉलेज के डीन उपस्थित हुए। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी छात्रों से अलग कमरे में बयान लिये गए। बंद कमरे में एक-एक छात्रा से अलग-अलग बयान लिया गया। जिसमें किसी भी छात्रा ने अनावेदक के विरोध में कोई शिकायत नहीं बताया है। सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया, श्रीमती प्रियंवदा सिंह जूदेव के द्वारा बंद कमरे में एक-एक छात्रों से बयान लिया गया। इस प्रकरण की जांच में यह सामने आया की विधिवत तरीके से मेडिकल कॉलेज में आंतरिक परिवाद का गठन और कॉलेज के मेन गेट के पास आंतरिक परिवाद समिति का बोर्ड नहीं लगा है। इस पर अनावेदक के साथ उपस्थित मेडिकल कॉलेज के डीन को विधिवत जानकारी दिया गया और 15 दिवस के अंदर आंतरिक परिवाद समिति का गठन करने के लिए आयोग ने आदेशित किया गया।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया की वर्तमान में दोनों पक्षों के मध्य सुलह हो गयी है व आवेदिका प्रकरण वापस लेना चाहती है। 02 माह से साथ रह रहे है, प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। इसी तरह अन्य प्रकरण उभय पक्ष उपस्थित अनावेदक क्रमांक 02 अनुपस्थित आवेदिका डी.एल.एड. की पढ़ाई कर रही थी। अनावेदक क्रमांक 01 सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत है। अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा आवेदिका को फीस जमा नहीं किये जाने कहकर परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया चूंकि आज अनावेदक क्रमांक 02 अनुपस्थित है। जिस हेतु थाना चक्रधर नगर के माध्यम से आगामी सुनवाई हेतु 16 जनवरी 2025 को रायपुर बुलाया गया। अन्य प्रकरण उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया की ससुराल पक्ष (पति, ससुर, सास) द्वारा जहर खिलाया था। आवेदिका मेडिकल कॉलेज में भर्ती थी। चार-पांच दिन बाद आवेदिका के पिता द्वारा थाना जूटमिल में शिकायत किया गया परन्तु एफआईआर दर्ज नहीं किया गया व पुलिस द्वारा काउंसलिंग करके न्यायालय जाने का सलाह दिया। दोनों पक्ष को सुनने पश्चात मामला दहेज प्रताडऩा एवं जहर देकर मारने का लग रहा है। पुलिस अधीक्षक को डीपीओ के माध्यम से ऑर्डरसीट व शिकायत आवेदन आज ही भेजे जाने 01 माह के अदर आयोग को रिपोर्ट प्रेषित किये जाने कहा गया।

अन्य प्रकरण उभय पक्ष उपस्थित दोनों का साढ़े पाँच वर्ष का पुत्र है। बच्चे ने कहा कि वह मम्मी पापा दोनों के साथ रहना चाहता है। दोनों पक्षों का कानूनी प्रक्रिया चल रहा है। जिसको लेकर ईकरारनामा बनाया जाना आवश्यक है। 3 दिसम्बर 2024 को दोनों पक्ष को अपने अपने ईकरारनामा लेकर रायपुर बुलाया गया एवं निरंतर सखी की प्रशासिका एवं प्रोट्रेक्शन ऑफिसर की निगरानी में रहेंगे। अन्य प्रकरण उभय पक्ष उपस्थित अनावेदक सहायक ग्रेड-02 पर तहसील में पदस्थ है एवं पहली पत्नी से तलाक लिये बिना दूसरा विवाह किया गया है। इसमें आवेदिका ने न्यायालय में अपराधिक परिवाद दायर कर सकती है। आवेदिका को आवेदन एवं नोटशीट की कॉपी नि:शुल्क देते हुये प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

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