Home रायगढ़ अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा के पूर्व प्रदेश प्रमुख महासचिवअजय गोपाल ने वर्षों पुरानी मांग “जातिगत जनगणना” पूरी करने पर केंद्र सरकार का जताया आभार

अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा के पूर्व प्रदेश प्रमुख महासचिवअजय गोपाल ने वर्षों पुरानी मांग “जातिगत जनगणना” पूरी करने पर केंद्र सरकार का जताया आभार

by P. R. Rajak Chief Editor
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केन्द्र सरकार के राजनितिक मामलों के केबिनेट समिति ने एक अहम फैसला लेते हुए अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के वर्षो पुरानी व बहुप्रतिक्षित तीन मांगों मेँ से एक मांग जातिगत जनगणना पर अपनी सहमती की मुहर लगा दी है, इस पर





अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा के पूर्व प्रदेश प्रमुख महासचिव
अजय गोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आगामी जनगणना के साथ जातिगत जन गणना कराने का फैसला स्वागत योग्य है,इसके लिए यादव समाज देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित करती है, अजय गोपाल ने कहा कि इसके पूर्व 1931 में जातिगत जनगणना हुआ था उसी को आधार मानकर केवल अनुमान के आधार पर सरकारें कार्य करती थी, अजय गोपाल ने कहा कि 2011 -12 मेँ केन्द्र के तात्कालिक यू पी ए सरकार नें भारी भरकम राशि रु चार हजार करोंड़ खर्च करके जातिगत जनगणना तो कराया जरूर था परन्तु न जाने किस राजनीतीक मजबूरी या दबाव वश उसके आंकड़े सार्वजनिक करने का साहस नहीं जूटा पायी, जो कांग्रेस के कथनी व करनी में अन्तर को उजागर करती है, एक बार जातिगत जनगणना का सटीक व ताज़ा आंकड़े आ जाने के पश्चात केन्द्र व राज्य सरकारों के पास समाज के पिछड़े, वंचित वर्गो के उत्थान व कल्याण के व उनको देश के विकास के मुख्य धारा में शामिल करने के लिए रोडमैप तैयार हो जायेगा, जो भारतीय समाज व्यवस्था के लिए एक क्रान्तिकारी कदम होगा /अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा के पूर्व प्रदेश प्रमुख महासचिव
अजय गोपाल ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आगामी जनगणना के साथ जातिगत जन गणना कराने का फैसला स्वागत योग्य है,इसके लिए यादव समाज देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित करती है, अजय गोपाल ने कहा कि इसके पूर्व 1931 में जातिगत जनगणना हुआ था उसी को आधार मानकर केवल अनुमान के आधार पर सरकारें कार्य करती थी, अजय गोपाल ने कहा कि 2011 -12 मेँ केन्द्र के तात्कालिक यू पी ए सरकार नें भारी भरकम राशि रु चार हजार करोंड़ खर्च करके जातिगत जनगणना तो कराया जरूर था परन्तु न जाने किस राजनीतीक मजबूरी या दबाव वश उसके आंकड़े सार्वजनिक करने का साहस नहीं जूटा पायी, जो कांग्रेस के कथनी व करनी में अन्तर को उजागर करती है, एक बार जातिगत जनगणना का सटीक व ताज़ा आंकड़े आ जाने के पश्चात केन्द्र व राज्य सरकारों के पास समाज के पिछड़े, वंचित वर्गो के उत्थान व कल्याण के व उनको देश के विकास के मुख्य धारा में शामिल करने के लिए रोडमैप तैयार हो जायेगा, जो भारतीय समाज व्यवस्था के लिए एक क्रान्तिकारी कदम होगा /

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