Home रायगढ़ जंगल के प्यासे पक्षियों के लिए जल व्यवस्था अभियान में लाइनमैन मदन सिदार का बढ़ता कारवां

जंगल के प्यासे पक्षियों के लिए जल व्यवस्था अभियान में लाइनमैन मदन सिदार का बढ़ता कारवां

by P. R. Rajak Chief Editor
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*जंगल के प्यासे पक्षियों के लिए जल व्यवस्था अभियान : लाइनमैन मदन सिदार का बढ़ता कारवां*

*पानी की उपलब्धता जैसे सामाजिक सरोकार में योगदान*

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 27 अप्रैल 2025/गोमर्डा अभयारण्य के जंगलों में इन दिनों गर्मी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। यहां के प्यासे पक्षियों को राहत देने के बिजली विभाग में लाइनमेन पद पर कार्यरत मदन सिदार पुराने तेल के डिब्बे इकट्ठा कर उन्हें साफ कर पक्षियों के लिए जल पात्र बनकर इन डिब्बों को वे और इनके साथी सड़क किनारे और बाद में जंगल के भीतर भी पेड़ों पर लटका कर नियमित अंतराल पर पानी भरा जा रहा है। केवल सड़क किनारे ही नहीं बल्कि जंगल के भीतर भी पक्षियों और कभी-कभी बंदरों के लिए भी पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।
उल्लेखनीय होगा कि 2010 में जब मदन की पोस्टिंग बरमकेला ब्लॉक में हुई, तो उन्होंने जंगल से गुजरने वाली सड़क के किनारे प्यासे पक्षियों को देखकर उनके लिए पानी की व्यवस्था करने की ठानी। पत्नी लक्ष्मी सिदार और शिक्षा विभाग में कार्यरत मित्र रामेश्वर के सहयोग से उन्होंने पुराने तेल के डिब्बे इकट्ठा कर उन्हें साफ कर पक्षियों के लिए जल पात्र बनकर इन डिब्बों को वे और उनके साथी सड़क किनारे और बाद में जंगल के भीतर भी पेड़ों पर लटका देते थे और नियमित अंतराल पर पानी भरने का कार्य करते थे। वह सिलसिला आज भी जारी है। यह बताना लाजमी होगा कि 14 वर्षों से पशु पक्षियों के लिए पानी की उपलब्धता करना इन्होंने अपना जीवन उद्देश्य बना लिया है।
शुरुआत में यह एक व्यक्तिगत प्रयास था, लेकिन अब यह कार्य एक जन अभियान बन चुका है। बिजली विभाग के सहकर्मी, अधिकारी और स्थानीय लोग बिना किसी आदेश या आग्रह के इस नेक काम से जुड़ते चले गए। जंगल में घूमते वाहन अब साथ में पानी लेकर चलते हैं और पक्षियों के लिए जल पात्र भरते हैं। आज, 14 वर्षों बाद भी यह सेवा रुकी नहीं है। यह कार्य सिर्फ प्यास बुझाने का नहीं, बल्कि संवेदना, प्रकृति प्रेम और सामूहिक ज़िम्मेदारी का प्रतीक बनता जा रहा है।पानी की उपलब्धता जैसे सामाजिक सरोकार में योगदान

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 27 अप्रैल 2025/गोमर्डा अभयारण्य के जंगलों में इन दिनों गर्मी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। यहां के प्यासे पक्षियों को राहत देने के बिजली विभाग में लाइनमेन पद पर कार्यरत मदन सिदार पुराने तेल के डिब्बे इकट्ठा कर उन्हें साफ कर पक्षियों के लिए जल पात्र बनकर इन डिब्बों को वे और इनके साथी सड़क किनारे और बाद में जंगल के भीतर भी पेड़ों पर लटका कर नियमित अंतराल पर पानी भरा जा रहा है। केवल सड़क किनारे ही नहीं बल्कि जंगल के भीतर भी पक्षियों और कभी-कभी बंदरों के लिए भी पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।
उल्लेखनीय होगा कि 2010 में जब मदन की पोस्टिंग बरमकेला ब्लॉक में हुई, तो उन्होंने जंगल से गुजरने वाली सड़क के किनारे प्यासे पक्षियों को देखकर उनके लिए पानी की व्यवस्था करने की ठानी। पत्नी लक्ष्मी सिदार और शिक्षा विभाग में कार्यरत मित्र रामेश्वर के सहयोग से उन्होंने पुराने तेल के डिब्बे इकट्ठा कर उन्हें साफ कर पक्षियों के लिए जल पात्र बनकर इन डिब्बों को वे और उनके साथी सड़क किनारे और बाद में जंगल के भीतर भी पेड़ों पर लटका देते थे और नियमित अंतराल पर पानी भरने का कार्य करते थे। वह सिलसिला आज भी जारी है। यह बताना लाजमी होगा कि 14 वर्षों से पशु पक्षियों के लिए पानी की उपलब्धता करना इन्होंने अपना जीवन उद्देश्य बना लिया है।
शुरुआत में यह एक व्यक्तिगत प्रयास था, लेकिन अब यह कार्य एक जन अभियान बन चुका है। बिजली विभाग के सहकर्मी, अधिकारी और स्थानीय लोग बिना किसी आदेश या आग्रह के इस नेक काम से जुड़ते चले गए। जंगल में घूमते वाहन अब साथ में पानी लेकर चलते हैं और पक्षियों के लिए जल पात्र भरते हैं। आज, 14 वर्षों बाद भी यह सेवा रुकी नहीं है। यह कार्य सिर्फ प्यास बुझाने का नहीं, बल्कि संवेदना, प्रकृति प्रेम और सामूहिक ज़िम्मेदारी का प्रतीक बनता जा रहा है।

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