Home रायगढ़ Raigarh News : सत्यनारायण बाबा के जीवन पर आधारित 2007 में बनी पहली गीत को 12 लाख से अधिक लोगो ने सराहा

Raigarh News : सत्यनारायण बाबा के जीवन पर आधारित 2007 में बनी पहली गीत को 12 लाख से अधिक लोगो ने सराहा

by P. R. Rajak
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मेरा सौभाग्य है कि मैंने तपस्वी बाबा जी पर आधारित गीत को प्रथम गायक के रूप में स्वर दिया- दीपक आचार्य

Raigarh News: रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगे कोसमनारा बाबाधाम में तपस्या पर बैठे श्री सत्यनारायण बाबा के जीवन पर पहली बार सन 2007 में लोकगायक दीपक आचार्य ने गीत गाया था, जिसे गीतकार संतोष शर्मा ने लिखा था। आज वह गीत देश विदेश तक प्रसार हो चुका है, अब तक 12 लाख से अधिक लोगों ने उस एलबम सांग को देखा है,बाबाधाम में यह गीत आज भी दुकानों में, लोगों के मकानों में और मंदिरों में सुनाई देते हैं। महाशिवरात्रि पर्व के पहले ही पुनः इस जीवंत गीत को फिर से सुना और देखा जा रहा है।

विदित हो कि “दर्शन करले नाम तो जप ले नारायण नारायण- ये नाम है बाबा का ” गीत सत्यनारायण बाबा जी के जीवन ( इतिहास ) पर आधारित सर्वप्रथम गीतकार संतोष शर्मा द्वारा लिखा गया और लोकगायक दीपक आचार्य द्वारा गाया गया है,इस गीत के माध्यम से *बाबाजी का बाल्यकाल, उनकी शिक्षा, उनके साथी, तपस्या गमन, तपोस्थली, बाबा जी की साधना ,तपोस्थल की जानकारी , वर्तमान के आयोजन आदि प्रस्तुत किया गये है।
वर्तमान में सत्यनारायण बाबाधाम कोसमनारा तीर्थस्थल बन चुका है ,यहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु बाबाजी के दर्शन करने आते हैं आप इस गीत के माध्यम से जानकारी और दर्शन लाभ ले सकते हैं। बाबाजी से मिलने का समय रात्रि 1 :00 बजे से 4 :00 बजे तक है। वही प्रातः 7 बजे से रात्रि 12:30 बजे तक बाबाजी ध्यान में रहते हैं। बाबाजी बिना अन्न जल ग्रहण किये 16 फरवरी 1998 से टिकरानुमा स्थल में पत्थर को शिवजी मानते हुए जिव्हा को काटकर चढ़ा दिए और चिलचिलाती धूप, मूसलाधार बारिश, कड़कड़ाती ठंड में खुले बदन खुले स्थान पर बैठकर तपस्या कर रहे हैं।

दीपक आचार्य ने बताया कि बाबाजी के गीत को बनवाने और रिलीज करवाने में विशेष योगदान वनमण्डल रायगढ़ का रहा है,पर्यावरण जागरूकता गीत बनाते समय हमने बाबाधाम को भी सन 2007 में पर्यावरण से जोड़ने के लिये बाबाजी का गीत बनाया और वहाँ प्रसाद के साथ समस्त श्रद्धालुओ को 1 – 1 पौधा निःशुल्क प्रदान किया जाने लगा ताकि जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाई जा सके। बाबाधाम परिसर में जितने भी पीपल बरगद निम के पेड़ हैं उसी समय के है, दीपक ने बताया कि रुचि अनुसार कक्षा दूसरी से गायन लेखन और गीतों को कंपोज़िंग कर रहे हैं और एलबम सांग सन 2000 से गा रहे हैं उसके बाद कई लोकगीत,भजन,कामर्सियल गीत की रिकार्डिंग कर चुके हैं साथ ही सैकड़ो प्राइवेट एवं सरकारी स्टेज प्रोग्राम भी कर चुके हैं साथ ही राज्यपाल पुरस्कार,नेशनल एवं इंटरनेशनल पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं उन्होंने कहा कि
मेरा सौभाग्य है कि मैंने सत्यनारायण बाबा के प्रथम गायक के रूप में इस गीत ( भजन )को 2007 में गाया आज यह गीत इतिहास रच चुकी है –12 लाख से अधिक लोगो ने इसे सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस गीत के अलावा भी बाबाजी के कई गीत उनके यूट्यूब चैनल deepak acharya official में देखे जा सकते हैं।

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