Home छत्तीसगढ़ विशेष लेख : दूरस्थ क्षेत्रों में पुल निर्माण से विकास की रफ्तार हुई दुगनी

विशेष लेख : दूरस्थ क्षेत्रों में पुल निर्माण से विकास की रफ्तार हुई दुगनी

वृहद् पुल बन रहे विकास एवं समृद्धि के सेतु

by P. R. Rajak
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रायपुर। बस्तर के विभिन्न क्षेत्रों में बन रहे पुल विकास और समृद्धि के भी सेतु बन रहे हैं। नक्सल आतंक से प्रभावित रहे दूरस्थ क्षेत्रों में पुलों के निर्माण से विकास कार्य दुगुनी गति से धरातल पर उतर रहे हैं। आकांक्षी जिला कांकेर में पिछले तीन वर्षों में सेतुओं का तेजी से पूर्ण होता निर्माण सुदूरांचलों के रहवासियों के विकास और समृद्धि का भी सेतु बन रहा है। इससे सुदूरवर्ती माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को अच्छी गति मिल रही है। कांकेर जिले में पिछले तीन वर्षों में 101 करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से 20 सेतु निर्माण के कार्य पूर्ण हुए हैं। इससे लगभग 160 गांवों के 80 हजार लोगों का बारहमासी सडक़ संपर्क विकासखंड, तहसील एवं जिला मुख्यालय से हो गया है। इन पुल-पुलियों के निर्माण से क्षेत्रवासियों तक उच्च शिक्षा, व्यापार, पर्यटन, सामाजिक-सांस्कृतिक संपर्क, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं एवं शासन की योजनाओं की पहुंच आसान हो गई है। इससे नक्सल गतिविधियों के उन्मूलन के साथ ही क्षेत्र में विकास की गति तेज हुई है।

कुछ इलाकों के नक्सल प्रभावित होने के बावजूद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में मिचगांव से कोड़ेकुर्से मार्ग के कि.मी. 16/2 पर कोटरी नदी पर नौ करोड़ 35 लाख रुपए की लागत से एवं आतुरबेड़ा-भैंसगांव-निब्रा मार्ग के कि.मी. 4/2 मेंढक़ी नदी पर नौ करोड़ 57 लाख रुपए की लागत से महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय पुलों के काम पूर्ण किए गए हैं। अभी जिले में कुल 60 करोड़ रुपए की लागत से 12 वृहद पुलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। साथ ही कुल 30 करोड़ रुपए लागत के पांच वृहद सेतु कार्य निविदा स्तर पर है, जो कि शीघ्र ही प्रारंभ हो जाएंगे। इससे 136 गांवों की 68 हजार से अधिक आबादी लाभान्वित होगी। कांकेर के दूरस्थ छोटेबेठिया-मरबेड़ा-सितरम मार्ग पर कोटरी नदी पर 19 करोड़ रुपए तथा कोयलीबेड़ा-दुता मार्ग पर मेंढक़ी नदी पर दस करोड़ 28 लाख रुपए की लागत से वृहद पुल निर्माणाधीन हैं। इनके साथ ही सोनपुर-मरोड़ा मार्ग (बेचाघाट) पर प्रस्तावित पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति अंतिम चरण पर है। इन पुलों के निर्माण से माड़ क्षेत्र से सीधा संपर्क स्थापित हो जाएगा। ये पुल क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।

कांकेर में नरहरपुर विकासखण्ड के अंतिम छोर को जोडऩे के लिए बांसपत्तर-तिरियारपानी मार्ग में स्वीकृत पांच वृहद पुलों में से एक का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष चार पुलों के काम अगले वर्ष (2026) मार्च तक पूर्ण हो जाएंगे। जिले के इसी सीमावर्ती क्षेत्र में लेण्डारा से ठेमा मार्ग पर दो वृहद् पुल बने हैं। इनके निर्माण से कोण्डागांव जिले के विश्रामपुरी-बड़ेराजपुर विकासखण्ड से सीधा बारहमासी संपर्क हो गया है। विकास की दौड़ में अछूता सा रह गया यह क्षेत्र भी अब तेजी से विकास करेगा।

कांकेर के कोने-कोने को राज्यीय मार्गों, राष्ट्रीय राजमार्गों, विकासखंडों, तहसीलों एवं जिला मुख्यालय से बारहमासी संपर्क स्थापित करने के लिए राज्य शासन द्वारा बजट में लगभग 250 करोड़ रुपए के 36 नवीन सेतु निर्माण कार्यों के प्रस्ताव शामिल किए गए हैं, जिनकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आगामी बजट में 25 नए सेतु कार्यों को शामिल करने के लिए 154 करोड़ रुपए के प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जा रहा है। इन पुलों के निर्माण से जिले के कोने-कोने से जिला मुख्यालय एवं राजधानी आने-जाने के लिए लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।

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