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फॉस्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा आरोपी गौरीशंकर उर्फ पिंटु कश्यप को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया गया।
सारंगढ़ आज नएल अपर सत्र न्यायाधीश फॉस्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) सारंगढ़ अमित राठौर के न्यायालय में थाना बरमकेला के अपराध में जो कि विशेष आपराधिक प्रकरण अंतर्गत पॉक्सो एक्ट का आरोपी गौरीशंकर उर्फ पिंटु कश्यप पिता गोकुल कश्यप, निवासी ग्राम मदनपुर, थाना पामगढ़, जिला-जांजगीर-चांपा जो कि टॉकिज में काम करता था और शरद पूर्णिमा मेला में पीडिता जिसकी उम्र- 14 वर्ष, 03 माह की नाबालिग बालिका को शादी का प्रलोभन देकर बहला-फुसलाकर, भगा ले जाकर उसके साथ निरतर शारीरिक सबध स्थापित किया था। जिसके संबंध में उनके परिजन के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया गया था, जिस पर थाना – बरमकेला में अपराध पंजीबद्ध कर माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था । पीडित बालिका की उम्र 14 वर्ष, 03 माह होने पर प्रकरण लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का पाये जाने से माननीय अपर सत्र न्यायाधीश फॉस्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट सारंगढ़ के द्वारा मामले का त्वरित विचारण कर सभी साक्ष्यों एवं गवाहों के बयान पर विचार करने के बाद आज आरोपी को भा.न्या.स. की धारा 137 (2) के तहत 05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया गया है एवं धारा 87 भा.न्या.स. के तहत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माना तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा- 04 (2) एवं धारा-5 (ठ)/6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुमाने से दंडित किया गया है। अदालत के द्वारा मामले की सवेदनशीलता को देखते हुए पीडिता के शारीरिक एवं मानसिक क्षति एवं पुनर्वास हेतु राज्य शासन प्रतिकार भुगतान किये जाने की अनुशंसा की गई है। यह फैसला बाल सुरक्षा एवं यौन अपराध के खिलाफ राज्य शासन एवं न्याय पालिका की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है, साथ ही लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रभावी क्रियान्वयन को प्रभावित करता है, इस प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रफुल्ल कुमार तिवारी ने अभियोजन का पक्ष रखते हुए पैरवी की।


