सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र – कार्यरत शिक्षकों के हित में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार की मांग
सारंगढ़। सारंगढ़ विधानसभा क्षेत्र की विधायक श्रीमती उत्तरी गनपत जांगड़े ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर कार्यरत शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। उन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीईटी अनिवार्यता से संबंधित दिए गए निर्णय पर राज्य सरकार द्वारा पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और शिक्षकों को राहत देने की मांग की है।
पत्र में विधायक जांगड़े ने उल्लेख किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2010 से पहले नियुक्त सभी शिक्षकों को दो वर्ष के भीतर टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने का आदेश दिया है, अन्यथा उनकी नौकरी समाप्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन शिक्षकों के लिए अत्यंत कठिनाईपूर्ण है जो वर्षों से अपनी निष्ठा और परिश्रम से सेवा दे रहे हैं।
विधायक ने कहा कि इन शिक्षकों ने ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हजारों शिक्षकों का भविष्य संकट में पड़ सकता है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार शीघ्र इस विषय में सकारात्मक पहल करे और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर शिक्षकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करे।
पत्र के अंत में विधायक जांगड़े ने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री शिक्षकों की समस्याओं को समझते हुए इस विषय में उचित निर्णय लेंगे, जिससे कार्यरत शिक्षकों को राहत मिले और शिक्षा व्यवस्था सुचारू बनी रहे।



