कलश यात्रा से “राधे-राधे” और “जय श्रीकृष्ण” के जयकारों से गूंजेगा नगर – आचार्य ब्रजेन्द्र मिश्र की अमृतवाणी से बहेगी अध्यात्म की बयार, 26 सितम्बर को होगा विशाल महाभंडारा
घरघोड़ा। भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का महापर्व बनने जा रहा है घरघोड़ा, जहाँ 26 अगस्त मंगलवार से 1 सितम्बर सोमवार तक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस सात दिवसीय आयोजन का शुभारंभ भाद्र शुक्ल पक्ष तृतीया को मंगल वाध्य, झांकियों और कलशों से सजी भव्य कलश यात्रा के साथ होगा। नगर की गलियों से गुजरती यह यात्रा श्रद्धालुओं को भक्तिरस में सराबोर कर देगी और घरघोड़ा का वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंग जाएगा।
व्यासपीठ पर गया धाम बिहार से पधारे आचार्य ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र जी (विजय कुमार जी) विराजमान होंगे और अपनी रसपूर्ण अमृतवाणी से भागवत कथा का श्रवण कराएंगे। श्रीमद्भागवत के दिव्य प्रसंगों के माध्यम से भक्तों को भक्ति, ज्ञान और धर्ममय जीवन का संदेश मिलेगा। प्रतिदिन कथा के समापन के पश्चात प्रसाद वितरण की व्यवस्था रहेगी, जिससे श्रद्धालुओं को प्रसन्नता और तृप्ति का अनुभव होगा।
कथा में शुकदेव जी का जन्मोत्सव, कपिलोपाख्यान, ध्रुव चरित्र, प्रह्लाद चरित्र, गजेंद्र मोक्ष, समुद्र मंथन, वामन अवतार, श्रीराम कथा, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, बाल लीला, माखन चोरी, गोवर्धन पूजा, महारास, कंस वध, रुक्मणी विवाह उत्सव और सुदामा चरित्र जैसे पावन प्रसंगों का रसपान कराया जाएगा। एक सप्ताह तक भक्ति की गंगा बहाने वाला यह आयोजन पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न होगा और इसके उपरांत 26 सितम्बर को विशाल महाभंडारा रखा गया है, जिसमें क्षेत्रभर से श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है।
आयोजक मित्तल (भड़चे) परिवार, भवानी वाले घरघोड़ा ने नगर सहित आसपास के समस्त श्रद्धालुओं से विनम्र निवेदन किया है कि वे सपरिवार पधारकर कथा श्रवण करें, प्रसाद का लाभ लें और धर्म व आस्था के इस पावन अवसर को सफल बनाएं।
स्वागताकांक्षी के रूप में लता मित्तल – रतनलाल मित्तल, रत्ना मित्तल – राजेश मित्तल, रश्मि मित्तल – राकेश मित्तल, मीना मित्तल – मनीष मित्तल, कोमल मित्तल – दिनेश मित्तल, बिनिता मित्तल – उमेश मित्तल, अंजू मित्तल – मनोज मित्तल, पनूम मित्तल – मुकेश मित्तल, उषा मित्तल, मुक्ति मित्तल, पूजा मित्तल – शरद मित्तल, पवन मित्तल एवं समस्त मित्तल (भड़चे) परिवार श्रद्धालुओं के स्वागत को आतुर हैं।
इस भव्य आयोजन के साथ घरघोड़ा की पावन धरा पर आस्था की गंगा बहेगी और पूरा क्षेत्र भक्तिरस में डूबकर “राधे-राधे” और “जय श्रीकृष्ण” के जयकारों से गूंज उठेगा।


