मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की धरमजयगढ़ में 100 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की घोषणा
रायगढ़ । गुरुवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ के धरमजयगढ़ में आयोजित संस्कृति गौरव महासम्मेलन एवं अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि स्व. कुमार दिलीप सिंह जूदेव न केवल राजनीति के मार्गदर्शक थे, बल्कि सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के सच्चे ध्वजवाहक भी थे। उन्होंने कहा कि स्व.जूदेव जी ने ‘घर वापसी’ के माध्यम से दबाव या बाहरी प्रभाव में आकर धर्मांतरण करने वालों को उनके मूल धर्म में लौटने का मार्ग दिखाया। विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों में उन्होंने धर्मांतरण के विरुद्ध सशक्त आंदोलन खड़ा किया और लोगों को उनकी सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं से जोड़ा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने घोषणा की कि प्रदेश में धर्मांतरण पर प्रभावी रोक लगाने के लिए विधानसभा में कानून पारित किया जाएगा, जिससे सनातन संस्कृति और परंपराओं की रक्षा हो सके। उन्होंने कहा- प्रदेश की जनता और संतों के आशीर्वाद से एक किसान का बेटा मुख्यमंत्री बना है और डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को धरातल पर उतारना हमारी प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, धान खरीदी 3,100 रुपए प्रति क्विंटल, बकाया बोनस वितरण, महतारी वंदन योजना, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर वृद्धि, चरण पादुका योजना पुन: प्रारंभ, रामलला दर्शन योजना, तीर्थयात्रा योजना, अटल डिजिटल सेवा केंद्र और नामांतरण-रजिस्ट्री प्रक्रिया सरलीकरण जैसे कार्य जनहित के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

गौरवपथ निर्माण, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नेहरू गार्डन विस्तार एवं जीर्णोद्धार
मुख्यमंत्री श्री साय ने धरमजयगढ़ प्रवास के दौरान विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया, जिनकी कुल लागत 100 करोड़ रुपये से अधिक है। इसमें सड़कों, पुल-पुलिया, विद्युत और स्वास्थ्य अधोसंरचना से जुड़े कार्य शामिल हैं। घोषणाओं में नगर पंचायत क्षेत्र के लिए 10 करोड़ रुपये (गौरवपथ निर्माण, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नेहरू गार्डन विस्तार एवं जीर्णोद्धार) और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 50 करोड़ रुपये (धरमजयगढ़-ओंगना और खडग़ांव-क्रोन्धा मार्ग में सरिया नदी पर पुलिया सहित अन्य सड़क-पुलिया कार्य) शामिल हैं।

साथ ही, छाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड करने, 132 केवी सब-स्टेशन (50 करोड़ रुपए) की स्थापना और अंबेटिकरा मंदिर के सौंदर्यीकरण की भी घोषणा की गई। कार्यक्रम में सैकड़ों हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया। इनमें स्मार्टफोन, महाजाल उपकरण, चरण पादुका, मेधावी शिक्षा सहायता, आयुष्मान कार्ड, उद्यानिकी पौध, सामुदायिक निवेश निधि चेक, बी-1 खसरा एवं नक्शा प्रतिलिपि तथा प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत लाभ वितरण शामिल है।
धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए भी जीवनभर समर्पित
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि स्व.दिलीप सिंह जूदेव राजनीति के पुरोधा होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए भी जीवनभर समर्पित रहे। उन्होंने बताया कि सरकार बनने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 3,716 करोड़ रुपए का बकाया बोनस 13 लाख से अधिक किसानों को दिया गया, 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान 3,100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया और महतारी वंदन योजना के तहत धरमजयगढ़ की लगभग 57 हजार महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपए की सहायता दी जा रही है। पीएम आवास योजना के तहत प्रदेश में 18 लाख आवास स्वीकृत हुए, जिनमें 26,059 घर केवल धरमजयगढ़ के हैं।
धर्म की रक्षा के लिए आजीवन संघर्ष, ‘ऑपरेशन घर वापसी’ का महानायक
लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया ने कहा कि स्व. जूदेव ने समाज को सही मार्ग दिखाया और धर्म की रक्षा के लिए आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने आदिवासी समाज को उनके बताए रास्ते पर चलने का आव्हान किया। राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने जूदेव को ‘ऑपरेशन घर वापसी’ का महानायक बताते हुए कहा कि उनका जीवन छत्तीसगढ़ की संस्कृति और आदिवासी समाज के संरक्षण के लिए समर्पित था। आज छत्तीसगढ़ में केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से नक्सलवाद घट रहा है और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है।
जनजातीय समाज को मूल आस्था से जोडऩे के लिए आजीवन कार्य किया
स्व.कुमार दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र कुमार प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि आज का दिन उनके लिए अत्यंत भावनात्मक है, क्योंकि वे ऐसे धरमरक्षक के पुत्र हैं जिन्होंने जनजातीय समाज को उनकी मूल आस्था से जोडऩे के लिए आजीवन कार्य किया। उन्होंने स्वयं जनजातीय समाज के लोगों के पैर पखारकर उन्हें उनके पुरखों की परंपरा से जोड़ा। मैं भी उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ‘घर वापसी’ अभियान को आगे बढ़ा रहा हूं, और यह कार्य आजीवन जारी रहेगा। कार्यक्रम के समापन में मुख्यमंत्री सहित अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर महापौर नगर निगम जीवर्धन चौहान, नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल सरकार, शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, अरूणधर दीवान, विजय अग्रवाल, गुरूपाल भल्ला, श्रीकांत सोमावार, रत्थू गुप्ता, सतीश बेहरा, पवन शर्मा, टार्जन, स्वामी परमात्मानन्द, महंत सर्वेश्वर दास, महंत राधेश्याम दास, महंत दिव्यकांत दास, महंत त्रिवेदीदास, महंत सीताराम दास, महंत रामकुमार दास, महंत खिरेन्द्र, महंत विवेक गिरी, महंत लखनदास, महंत अशोकानंद, महंत श्याम सुंदर दास, महंत सुरेन्द्र दास, स्वामी निजानंद महाराज, पूज्य संत घनश्याम पैकरा, पूज्यधाम गुरूजन में दुखीराम भगत, जुवनसाय, त्रिलोचन, देवलाल भगत, गुलाब भगत, अमर सिंह, जय सिंह सिदार, रंजीत यादव, धनीराम, सुकला अगरिया, स्व. दिलीप सिंह जूदेव विचार मंच एवं अखिल भारतीय संत समिति छ.ग.प्रांत के संयोजक गोकुलानंद पटनायक, कपिलदेव शास्त्री, आचार्य राकेश कुमार, परमहंस अग्रज, बजरंग बंसल, आईजी डॉ.संजीव शुक्ला, कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव सहित प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी, गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
