‘आपरेशन मुस्कान’ से गुमशुदा बच्चों को पुलिस ने उनके घर पहुंचाया, इस रक्षाबंधन चेहरे पर मुस्कान
रायगढ़। इस बार रक्षाबंधन जिले के 25 परिवारों के लिए सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक भावनात्मक पुनर्मिलन का पर्व बन गया। जिले की 24 बालिकाएं और एक बालक, जो किसी कारणवश अपने परिजनों से बिछुड़ गए थे, अब फिर से अपने घर लौट आए हैं। यह संभव हो सका है रायगढ़ पुलिस की सराहनीय पहल से, जिसने न केवल कानून का पालन किया, बल्कि भाई का फर्ज भी पूरी निष्ठा और संवेदनशीलता के साथ निभाया।जुलाई माह में पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के नेतृत्व में जिले भर में चलाए गए ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत रायगढ़ पुलिस ने 25 गुमशुदा नाबालिगों को खोजकर उनके परिजनों से मिलवाया। सभी गुमशुदा बच्चे रायगढ़ सहित प्रदेश के अन्य जिलों और बाहरी राज्यों से दस्तयाब किए गए।
बच्चों की वापसी से रक्षाबंधन पर्व इस बार इन परिवारों के लिए विशेष बन गया है। बहनों को अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने का अवसर मिलेगा। अब जब 9 अगस्त को रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया जाएगा, ये 24 बहनें अपने भाइयों की कलाई पर प्रेम और विश्वास की राखी बांध सकेंगी, वहीं वह बालक भी अपनी बहन से राखी बंधवा सकेगा।बता दें कि शासन के निर्देशानुसार ऑपरेशन मुस्कान के तहत थाना जूटमिल ने सबसे ज्यादा 6 बच्चों को खोजा, जबकि कोतरारोड़ थाना ने 4, पूंजीपथरा व कापू थाना ने 3-3, चक्रधरनगर थाना ने 2 और कोतवाली, पुसौर, तमनार, घरघोड़ा, भूपदेवपुर, खरसिया चौकी व रैरूमाखुर्द चौकी ने 1-1 बच्चे की सफल दस्तयाबी की।
गौरतलब है कि जून माह में भी रायगढ़ पुलिस ने ऑपरेशन तलाश के माध्यम से गुमशुदा व्यक्तियों को खोजने में प्रभावशाली कार्य किया था। पुलिस अधीक्षक श्री पटेल ने गुमशुदा मामलों को गंभीरता से लेते हुए सभी थाना-चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया है कि गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर तत्काल विवेचना प्रारंभ करें और हर केस को व्यक्तिगत प्राथमिकता पर लें।