Home छत्तीसगढ़ Rajat Kiran News : आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को मिलेगा लाभ, “यशस्वी 4.0” में 5,000 से अधिक महिलाओं को शिक्षा व कौशल विकास में सहयोग करेगा जिन्दल फाउंडेशन

Rajat Kiran News : आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को मिलेगा लाभ, “यशस्वी 4.0” में 5,000 से अधिक महिलाओं को शिक्षा व कौशल विकास में सहयोग करेगा जिन्दल फाउंडेशन

by P. R. Rajak
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छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड की 16 से 30 वर्ष की महिलाओं को मिलेगा लाभ, आवेदन की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2025

रायगढ़। जिन्दल स्टील की सामाजिक इकाई जिन्दल फाउंडेशन ने अपनी प्रमुख योजना “यशस्वी” के चौथे संस्करण की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ की 5,000 से अधिक महिलाओं और युवतियों को उच्च शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।”यशस्वी” योजना के चौथे संस्करण की घोषणा करते हुए जिन्दल फाउंडेशन की चेयरपर्सन शालू जिन्दल ने कहा “हम मानते हैं कि सशक्त महिलाएं किसी भी प्रगतिशील समाज की रीढ़ की हड्डी होती हैं। ‘यशस्वी’ कार्यक्रम के माध्यम से हम उन महिलाओं और युवतियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं जो अपने एक बड़े सपने को साकार करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं।
ये महिलाएं और युवतियां शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से न केवल अपने जीवन को बदल सकती हैं, बल्कि समाज में भी बदलाव की अग्रदूत बन सकती हैं। हमें गर्व है कि यह पहल अब तक 11,000 से अधिक महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला चुकी है। इस वर्ष हम और अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करेंगे।”यशस्वी योजना के तहत छत्तीसगढ़ के साथ ही ओडिशा और झारखंड की 5,000 से अधिक लाभार्थी महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा। इसमें लाभार्थियों की आयु सीमा 16 से 30 वर्ष एवं पारिवारिक आय 2 लाख रूपये से कम रखी गयी है। योजना के तहत एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस, परीक्षा शुल्क एवं अन्य आवश्यक खर्च शामिल होंगे। इसमें लाभार्थियों का चयन शैक्षणिक योग्यता, आर्थिक स्थिति, मान्यता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश का प्रमाण आदि के आधार पर किया जाएगा। इसमें आवेदन की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2025 रखी गयी है। इसके लिए आवेदन जिंदल फाउंडेशन की वेबसाइट https://jindalfoundation.com/Yashasvi के माध्यम से किया जा सकता है। गौरतलब है कि साल 2022 में शुरू हुए यशस्वी कार्यक्रम के माध्यम से जिन्दल फाउंडेशन अब तक 11,000 से अधिक महिलाओं और युवतियों को शिक्षा और कौशल विकास में सहायता प्रदान कर चुका है। इनमें से लगभग 8,000 महिलाएं आज रोजगार, स्वरोजगार या उद्यमिता के जरिए आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।

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