*समितियों में उपलब्ध उन्नत बीज एवं डीएपी के वैकल्पिक खाद का किसान जल्द करें उठाव*
सारंगढ़ बिलाईगढ़, 28 जून 2025/केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जिले में खरीफ सीजन के इस दौर में खाद-बीज की आवश्यकतानुसार भण्डारण की व्यवस्था की जा रही है | किसानों को समय पर गुणवत्तायुक्त खाद व बीज उपलब्ध हो सके इसके लिए समितियों की सतत निगरानी हेतु कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने अधिकारियों को निर्देशित किया है। वर्तमान में जिले के 65 समितियों में रासायनिक खाद डीएपी 2394.200, यूरिया- 8179.840, एसएसपी- 3336.750, एनपीके- 1083.250 एवं एमओपी- 906.050 इस प्रकार कुल- 15957.050 टन खाद का भंडारण किया जा चुका है तथा सभी सहकारी समितियों के माध्यम से कुल- 12189.792 टन खाद वितरण किया गया है। 3767.258 टन खाद वितरण हेतु समितियों में शेष है | इसी प्रकार 65 समितियों में स्वर्णा-1875.300, एमटीयू-1001- 51.00, स्वर्णा सब-1- 61.50, एमटीयू-240.00, पीकेवी-एचएमटी- 67.50 इस प्रकार कुल- 20601.00 क्विंटल बीज का भंडारण किया जा चुका है। सभी सहकारी समितियों के माध्यम से कुल- 18704.00 क्विंटल बीज का वितरण हो चुका है। 1897 क्विंटल बीज वितरण हेतु समितियों में शेष है।
कृषि विभाग द्वारा पूर्व में भी डीएपी की कम आपूर्ति की संभावना व्यक्त की गई थी, जिस हेतु कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसा डीएपी के विकल्प के रूप आधा बोरी यूरिया + 3 बोरी सुपर (एसएसपी) + 20 किलोग्राम पोटास (एमओपी) का उपयोग करने सलाह दिया गया है | समितियों में एसएसपी , पोटाश की पर्याप्त उपलब्धता है साथ ही फसलों की अवस्था के अनुसार यूरिया भी उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान नैनो डीएपी से बीज उपचार कर अच्छा फसल प्राप्त कर सकते हैं। बीज उपचार हेतु 5 मिलीलीटर नैनो डीएपी प्रति किलो बीज की आवश्यकता होती है | नैनो डीएपी से बीज उपचारित करने से स्वस्थ अंकुरण तथा स्वस्थ पौध तैयार होता है, जिससे फसल उत्पादन में अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
किसानों को गुणवत्तायुक्त खाद-बीज मिले, इसके लिए कृषि अधिकारियो द्वारा समितियों एवं निजी संस्थानों से खाद एवं बीजों का गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूने लिए जा रहे है। जिले में खाद की काला-बाजारी, नकली खाद जैसे स्थिति को रोकने हेतु कलेक्टर डॉ कन्नौजे द्वारा जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को निजी खाद-बीज विक्रय संस्थानों में सतत निगरानी एवं निरीक्षण हेतु निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में एसडीएम, तहसीलदार एवं कृषि विभाग के अधिकारी द्वार संयुक्त टीम के रूप में जिले के सभी विकासखंडों में लगातार निरीक्षण एवं निगरानी कर रहे हैं।
उप संचालक कृषि आशुतोष श्रीवास्तव ने जिले के सभी किसानों को अपील के साथ सलाह दिए हैं कि, जिन किसानों ने अब तक सहकारी समितियों से खाद-बीज उठाव नही किए हैं, वे सभी किसान अपने नजदीकी सहकारी समितियों से रसायनिक खाद एवं बीज का जल्द से जल्द ही उठाव कर लेवें। साथ ही समितियों से नैनो डीएपी व नैनो यूरिया का मांग भी करें, जिससे केसीसी के माध्यम से विक्रय किया जा सके।सारंगढ़ बिलाईगढ़, 28 जून 2025/केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जिले में खरीफ सीजन के इस दौर में खाद-बीज की आवश्यकतानुसार भण्डारण की व्यवस्था की जा रही है | किसानों को समय पर गुणवत्तायुक्त खाद व बीज उपलब्ध हो सके इसके लिए समितियों की सतत निगरानी हेतु कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने अधिकारियों को निर्देशित किया है। वर्तमान में जिले के 65 समितियों में रासायनिक खाद डीएपी 2394.200, यूरिया- 8179.840, एसएसपी- 3336.750, एनपीके- 1083.250 एवं एमओपी- 906.050 इस प्रकार कुल- 15957.050 टन खाद का भंडारण किया जा चुका है तथा सभी सहकारी समितियों के माध्यम से कुल- 12189.792 टन खाद वितरण किया गया है। 3767.258 टन खाद वितरण हेतु समितियों में शेष है | इसी प्रकार 65 समितियों में स्वर्णा-1875.300, एमटीयू-1001- 51.00, स्वर्णा सब-1- 61.50, एमटीयू-240.00, पीकेवी-एचएमटी- 67.50 इस प्रकार कुल- 20601.00 क्विंटल बीज का भंडारण किया जा चुका है। सभी सहकारी समितियों के माध्यम से कुल- 18704.00 क्विंटल बीज का वितरण हो चुका है। 1897 क्विंटल बीज वितरण हेतु समितियों में शेष है।
कृषि विभाग द्वारा पूर्व में भी डीएपी की कम आपूर्ति की संभावना व्यक्त की गई थी, जिस हेतु कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसा डीएपी के विकल्प के रूप आधा बोरी यूरिया + 3 बोरी सुपर (एसएसपी) + 20 किलोग्राम पोटास (एमओपी) का उपयोग करने सलाह दिया गया है | समितियों में एसएसपी , पोटाश की पर्याप्त उपलब्धता है साथ ही फसलों की अवस्था के अनुसार यूरिया भी उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान नैनो डीएपी से बीज उपचार कर अच्छा फसल प्राप्त कर सकते हैं। बीज उपचार हेतु 5 मिलीलीटर नैनो डीएपी प्रति किलो बीज की आवश्यकता होती है | नैनो डीएपी से बीज उपचारित करने से स्वस्थ अंकुरण तथा स्वस्थ पौध तैयार होता है, जिससे फसल उत्पादन में अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
किसानों को गुणवत्तायुक्त खाद-बीज मिले, इसके लिए कृषि अधिकारियो द्वारा समितियों एवं निजी संस्थानों से खाद एवं बीजों का गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूने लिए जा रहे है। जिले में खाद की काला-बाजारी, नकली खाद जैसे स्थिति को रोकने हेतु कलेक्टर डॉ कन्नौजे द्वारा जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को निजी खाद-बीज विक्रय संस्थानों में सतत निगरानी एवं निरीक्षण हेतु निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में एसडीएम, तहसीलदार एवं कृषि विभाग के अधिकारी द्वार संयुक्त टीम के रूप में जिले के सभी विकासखंडों में लगातार निरीक्षण एवं निगरानी कर रहे हैं।
उप संचालक कृषि आशुतोष श्रीवास्तव ने जिले के सभी किसानों को अपील के साथ सलाह दिए हैं कि, जिन किसानों ने अब तक सहकारी समितियों से खाद-बीज उठाव नही किए हैं, वे सभी किसान अपने नजदीकी सहकारी समितियों से रसायनिक खाद एवं बीज का जल्द से जल्द ही उठाव कर लेवें। साथ ही समितियों से नैनो डीएपी व नैनो यूरिया का मांग भी करें, जिससे केसीसी के माध्यम से विक्रय किया जा सके।