Home रायगढ़ सरकारी अस्पताल में पूरे लगन और समर्पित होकर कार्य करें : कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे

सरकारी अस्पताल में पूरे लगन और समर्पित होकर कार्य करें : कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे

by P. R. Rajak Chief Editor
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*सरकारी अस्पताल में पूरे लगन और समर्पित होकर कार्य करें : कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे*

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 23 जून 2025/कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने जिला चिकित्सालय सारंगढ़ के हाल में सिकलसेल प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए। यह प्रशिक्षण विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सों, फार्मासिस्ट, शासकीय बहुद्देशीय कार्यकर्ता आदि के लिए आयोजित किया गया था। कलेक्टर ने कहा कि सभी सरकारी अस्पताल में कार्यरत सफाईकर्मी से लेकर बड़े डॉक्टर का उद्देश्य सेवा करना है। इसलिए अपने उद्देश्य के अनुरूप पूरी लगन, समर्पण भाव से पूरे सुरक्षा उपकरण, मास्क और दस्ताना के साथ सेवा कार्य करें। किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर उनको जिले के दूरस्थ अस्पताल में सेवा देने और दूरस्थ से जरूरतमंद अस्पतालों में पदस्थापना किया जाएगा। सीएमएचओ डॉ निराला ने कहा कि मरीज को कुछ भी बीमारी का आभास होता तो वो अपने नजदीकी हॉस्पिटल में इलाज कराए। इसके साथ ही घर में आने वाले सर्वेयर, अपने मोहल्ले में आने वाले डॉक्टर आपके द्वार, शिविर आदि में नियमित रूप से जांच कराएं।
इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर अनिकेत साहू, सीएमएचओ डॉ एफ आर निराला, सिविल सर्जन डॉ दीपक जायसवाल, डीपीएम नंदलाल इज़ारदार उपस्थित थे।

*सिकलसेल संकट के लक्षण*

मरीज की तबीयत अचानक सीरियस हो जाना, शरीर में बहुत दर्द होना, खांसी, बुखार, सीने में दर्द, ऑक्सीजन और खून का कम होना, अचानक तिल्ली बढ़ जाना, जान को खतरा, ठंडी, गर्मी, इन्फेक्शन, मानसिक टेंशन सहित मरीज के जीवन में अनिश्चितता आदि लक्षण दिखाई देते हैं।

*स्वस्थ जीवनशैली अपनाए*
सिकलसेल रोग है तो स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है। आराम करने और तनाव से निपटने की तकनीक सीखकर अपने तनाव का प्रबंधन करें
पर्याप्त अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लें नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन करें और हृदय के लिए स्वस्थ आहार का पालन करें, धूम्रपान छोड़ने से रोगी का स्वस्थ जीवनशैली मददगार होगा।

*सिकलसेल रोग*
सिकल सेल रोग वंशानुगत रक्त विकारों का एक समूह है जो हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं का वह हिस्सा है जो आपके शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार होता है। इस स्थिति में, असामान्य हीमोग्लोबिन के कारण लाल रक्त कोशिकाएं अपने सामान्य गोल आकार के बजाय अर्धचंद्राकार या “सिकल” आकार की हो जाती हैं। इससे एनीमिया जैसी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ हो सकती हैं। आम तौर पर, एक व्यक्ति को दो बीटा ग्लोबिन जीन विरासत में मिलते हैं। अगर इनमें से किसी एक जीन में सिकल सेल उत्परिवर्तन होता है, तो व्यक्ति को ‘सिकल सेल वाहक’ माना जाता है। सिकल सेल वाहक में रोग के लक्षण नहीं हो सकते हैं और उन्हें यह भी पता नहीं हो सकता है कि उनमें सिकल सेल एनीमिया का जीन है। अगर माता-पिता दोनों ही रोग के वाहक हैं, तो वे अपने बच्चे को दो सिकल सेल जीन दे सकते हैं। इसका परिणाम सिकल सेल रोग होता है।सारंगढ़ बिलाईगढ़, 23 जून 2025/कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे ने जिला चिकित्सालय सारंगढ़ के हाल में सिकलसेल प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए। यह प्रशिक्षण विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सों, फार्मासिस्ट, शासकीय बहुद्देशीय कार्यकर्ता आदि के लिए आयोजित किया गया था। कलेक्टर ने कहा कि सभी सरकारी अस्पताल में कार्यरत सफाईकर्मी से लेकर बड़े डॉक्टर का उद्देश्य सेवा करना है। इसलिए अपने उद्देश्य के अनुरूप पूरी लगन, समर्पण भाव से पूरे सुरक्षा उपकरण, मास्क और दस्ताना के साथ सेवा कार्य करें। किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर उनको जिले के दूरस्थ अस्पताल में सेवा देने और दूरस्थ से जरूरतमंद अस्पतालों में पदस्थापना किया जाएगा। सीएमएचओ डॉ निराला ने कहा कि मरीज को कुछ भी बीमारी का आभास होता तो वो अपने नजदीकी हॉस्पिटल में इलाज कराए। इसके साथ ही घर में आने वाले सर्वेयर, अपने मोहल्ले में आने वाले डॉक्टर आपके द्वार, शिविर आदि में नियमित रूप से जांच कराएं।
इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर अनिकेत साहू, सीएमएचओ डॉ एफ आर निराला, सिविल सर्जन डॉ दीपक जायसवाल, डीपीएम नंदलाल इज़ारदार उपस्थित थे।

सिकलसेल संकट के लक्षण

मरीज की तबीयत अचानक सीरियस हो जाना, शरीर में बहुत दर्द होना, खांसी, बुखार, सीने में दर्द, ऑक्सीजन और खून का कम होना, अचानक तिल्ली बढ़ जाना, जान को खतरा, ठंडी, गर्मी, इन्फेक्शन, मानसिक टेंशन सहित मरीज के जीवन में अनिश्चितता आदि लक्षण दिखाई देते हैं।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाए
सिकलसेल रोग है तो स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है। आराम करने और तनाव से निपटने की तकनीक सीखकर अपने तनाव का प्रबंधन करें
पर्याप्त अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लें नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन करें और हृदय के लिए स्वस्थ आहार का पालन करें, धूम्रपान छोड़ने से रोगी का स्वस्थ जीवनशैली मददगार होगा।

सिकलसेल रोग
सिकल सेल रोग वंशानुगत रक्त विकारों का एक समूह है जो हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं का वह हिस्सा है जो आपके शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार होता है। इस स्थिति में, असामान्य हीमोग्लोबिन के कारण लाल रक्त कोशिकाएं अपने सामान्य गोल आकार के बजाय अर्धचंद्राकार या “सिकल” आकार की हो जाती हैं। इससे एनीमिया जैसी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ हो सकती हैं। आम तौर पर, एक व्यक्ति को दो बीटा ग्लोबिन जीन विरासत में मिलते हैं। अगर इनमें से किसी एक जीन में सिकल सेल उत्परिवर्तन होता है, तो व्यक्ति को ‘सिकल सेल वाहक’ माना जाता है। सिकल सेल वाहक में रोग के लक्षण नहीं हो सकते हैं और उन्हें यह भी पता नहीं हो सकता है कि उनमें सिकल सेल एनीमिया का जीन है। अगर माता-पिता दोनों ही रोग के वाहक हैं, तो वे अपने बच्चे को दो सिकल सेल जीन दे सकते हैं। इसका परिणाम सिकल सेल रोग होता है।

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